पॉजिटिव स्टोरी

फ्री स्कूल अंडर द ब्रिज, जहां धूल से सने बचपन को चमकाकर हीरा बना रहा ये शख्स

दिल्ली मेट्रो शहर की लाइफ लाइन है। सुबह के वक्त जब बच्चों को स्कूल जाना होता है, युवा कॉलेज की ओर भाग रहे होते हैं, लोग अपने ऑफिस के लिए निकल रहे होते हैं, तो इस दौरान यहां अफरा-तफरी मची होती है। ऐसा लगता है जैसे जिंदगी कितनी तेज रफ्तार से भाग रही है, लेकिन यहीं यमुना बैंक मेट्रो डिपो के पास पहुंचने पर अंडर ब्रिज के नीचे समय बिल्कुल ठहरा हुआ नजर आता है। इस भागमभाग के बीच भी नजर आते हैं ये ढेर सारे बच्चे। आस-पास क्या चल रहा है, आसपास कितनी तेजी से जिंदगी बढ़ रही है, इन सबसे ये बच्चे बेखबर नजर आते हैं। इनकी किताबें खुली रहती हैं। इन सभी के बीच में एक उम्रदराज शख्स बैठा हुआ नजर आता है। बच्चों पर उसकी नजर रहती है। इसी शख्स का नाम है राजेश। इसने एक ऐसा ख्वाब देखा, जिसे इसने पूरा कर लिया है। यहां हम आपको इसी राजेश की कहानी बता रहे हैं।

बचपन की वो याद

Naukrinama

राजेश बताते हैं कि बचपन को याद करके उन्हें बड़ा अफसोस हुआ करता था। वे भी पढ़ाई करते थे। पेन, पेंसिल और एक-दो किताबों से भरा हुआ बैग लेकर स्कूल जाया करते थे। जो बच्चे अगली क्लास में चले जाते थे, उनसे आधी कीमत पर वे किताबें खरीदते थे। उन्हीं किताबों से पढ़ाई होती थी, लेकिन यह सिलसिला ज्यादा लंबा नहीं चल सका। आर्थिक संकट के कारण उन्हें वर्ष 1989 में अपनी पढ़ाई बीच में ही छोड़नी पड़ी। हमेशा सपना आता था कि स्कूल बैग किताबों से भरा हुआ लेकर स्कूल जा रहे हैं। झुग्गी-झोपड़ियों में रहने वाले बच्चों के चेहरों पर भी उन्हें वही मलाल नजर आने लगा। राजेश कहते हैं कि आज राशन की दुकान है। सुबह शटर उठाने के बाद दिनभर नमक, बेसन, माचिस, चायपत्ती यही सब सुनते रहते हैं। उन्हें भी मौका मिलता तो इंजीनियर बन जाते, मगर ऐसा हुआ नहीं। ऐसे में वे नहीं चाहते थे कि किसी बच्चे के साथ भी ऐसा ही हो।

कर दी शुरुआत

Yourstory

राजेश बताते हैं कि वर्ष 2006 में वे घर से निकलने के बाद काम से परेशान होकर सड़क पर टहल रहे थे। तभी उन्हें धूल से सने हुए बच्चे नजर आए। मेट्रो का काम बगल में चल रहा था। उन्हें समझ आ गया कि इनके मां-बाप भी यहीं पर होंगे। राजेश ने सोचा कि इन्हीं बच्चों को पढ़ाया जाए। उन्होंने इनके मां-बाप को ढूंढ़ कर उनसे बातचीत की। ये लोग बंजारे थे। कमाने-खाने के लिए इतनी दूर दिल्ली आ गए थे। मां-बाप को बच्चों को पढ़ाने की बात सुनकर कोई एतराज नहीं हुआ। अगले दिन उन्होंने यहां एक खेत की मेड़ की साफ-सफाई कर दी। वहां एक चादर बिछा दी। बच्चे उसी पर बैठे और स्कूल की शुरुआत हो गई। पढ़ाना शुरू कर दिया। सुबह दुकान जाने से पहले बच्चों को पढ़ा देते थे। पत्नी नाराज हुई। कहने लगी कि धंधा चौपट हो जाएगा। हिचकिचाहट कई बार हुई भी। राजेश कहते हैं कि कई बार सोचा कि पढ़ाना छोड़ दूं, लेकिन फिर वही बचपन का फटा हुआ बस्ता याद आ जाता था। वह सपना याद आ जाता था। इसके बाद अगली सुबह वे फिर वहीं पहुंच जाते थे।

प्रतिभाशाली बच्चों के लिए

Bumppy

खुले आसमान के नीचे चल रहे स्कूल के कारण कई बार दिक्कतें भी होने लगी। बारिश में स्कूल को रोकना पड़ता था। फिर नए जगह की तलाश शुरू की। एक रजिस्टर भी इन्होंने रखना शुरू किया, जिसमें नए बच्चे का रिकॉर्ड रखते थे। धीरे-धीरे 15 साल हो गए। अब ब्रिज के एक कोने से दूसरे कोने तक बच्चे बैठे हुए नजर आते हैं। राजेश बताते हैं कि कई बच्चे तो इतने ज्यादा प्रतिभाशाली हैं कि उन्हें लगता है कि उन्हें यहां नहीं होकर स्कूल में होना चाहिए।

चल निकला स्कूल

Scoopwhoop

राजेश बताते हैं कि उन्होंने एक सरकारी स्कूल में पहुंचकर प्रिंसिपल से बातचीत की। पहले तो प्रिंसिपल ने कोई विशेष रिस्पांस नहीं दिया, लेकिन उनकी कुछ बात प्रिंसिपल के दिलोदिमाग पर असर कर गई। अगली सुबह वे ब्रिज के नीचे पहुंच गए। इस तरह से एक साथ उन्होंने 70 बच्चों को स्कूल में दाखिला दे दिया। आज यहां ब्रिज के नीचे 300 बच्चे करीब पढ़ रहे हैं। उनके साथ कई इंजीनियर, होममेकर और एनजीओ चलाने वाले भी अब बच्चों को पढ़ा रहे हैं। स्कूल की रंगाई-पुताई भी हो गई है और स्कूल जिस नाम से चल रहा है, वह है- फ्री स्कूल अंडर द ब्रिज।

Facebook Comments
Shikha Yadav

Share
Published by
Shikha Yadav

Recent Posts

हिमाचल प्रदेश की वो झील जहां अंधेरे में आती हैं परियां, जानें क्या है इस फेमस लेक का राज़

Facts About Chandratal Lake In Hindi: भारत में हज़ारों की संख्या में घूमने की जगहें…

3 months ago

घर में ही शुगर लेवल को ऐसे करें मैनेज, डॉक्टर के चक्कर काटने की नहीं पड़ेगी ज़रूरत

Blood Sugar Control Kaise Kare: आज की भागदौड़ भरी ज़िंदगी में कई बीमारियों को समाज…

3 months ago

इन बीमारियों का रामबाण इलाज है गोंद कतीरा, जानें इस्तेमाल करने का सही तरीका

Gond Katira Khane Ke Fayde: आयुर्वेद विज्ञान से भी हज़ारों साल पुराना है। प्राचीन ग्रंथों…

3 months ago

दिलजीत दोसांझ को फैन के साथ किया गया फ्रॉड, सिंगर के इस कदम ने जीता सबका दिल

Diljit Dosanjh Concert Scam: भारतीय गायक दिलजीत दोसांझ किसी परिचय के मोहताज नहीं है। वे…

3 months ago

आखिर क्या है वायु कोण दोष? जानिए ये कैसे होता है और इसके प्रभाव क्या हैं?

Vayu Kon Dosha Kya Hota Hai: पौराणिक मान्यताओं व ज्योतिष शास्त्र के अनुसार ऐसा माना…

3 months ago