कोरोना महामारी की चपेट में अब लगभग पूरी दुनिया आ चुकी है। दुनियाभर में 16 लाख से भी अधिक लोग कोरोना संक्रमण के शिकार हो गए हैं। मरने वालों की तादाद भी अब एक लाख को पार कर गई है। अमेरिका के साथ ब्रिटेन, इटली स्पेन जैसे विकसित देशों में भी मृतकों की तादाद लगातार बढ़ती ही जा रही है। अब तक कोरोना वायरस से बचाव के लिए न तो कोई टीका ही विकसित हो पाया है और न ही अब तक ऐसी कोई दवाई ढूंढ़ी जा सकी है, जो संक्रमण के खिलाफ काम आ सके।
भारत में भी कोरोना संक्रमण के मामले अब गंभीर रूप अख्तियार कर चुके हैं। यहां भी कोरोना संक्रमितों की तादाद अब लगभग आठ हजार के करीब पहुंच गई है। ऐसे में इस वक्त डॉक्टर पूरे जी-जान से मरीजों का इलाज करने में जुटे हुए हैं। डॉक्टर जिस तरीके से अपने कर्तव्यों का पालन कर रहे हैं, उनके इस जज्बे और उनके त्याग को पूरा देश इस वक्त सलाम कर रहा है। पूरा देश इस वक्त डॉक्टरों और उनके परिवार वालों के लिए दुआ कर रहा है।
राजस्थान के बाड़मेर के गरल की बेटी राजेश्वरी इस वक्त इसी जज्बे के साथ कोरोना के खिलाफ जंग के मैदान में उतरी हुई हैं। राजेश्वरी खुद इस वक्त 9 महीने की गर्भवती हैं। उनके पेट में उनका बच्चा पल रहा है। फिर भी इस वक्त बिना अपनी और अपनी कोख में पल रहे बच्चे की परवाह किए वे पूरे जी-जान से गुना के खिलाफ जंग लड़ रही हैं। जनता की सेवा करने का जज्बा कुछ ऐसा है कि उनकी शारीरिक परिस्थितियां भी उनका रास्ता नहीं रोक पा रही हैं। पाली के देसूरी पहाड़ी इलाके में कोट सोलंकियान में बने एक सब सेंटर में वर्तमान में एएनएम राजेश्वरी अपनी सेवा दे रही हैं। वर्ष 2009 में उनकी पोस्टिंग यहां हुई थी और तभी से हुई यहीं पर काम कर रही हैं।
राजेश्वरी भले ही इस वक्त 9 माह की गर्भवती हो चुकी हैं, फिर भी उनके अंदर जो मानव सेवा का जोश और जज्बा है, उसमें तनिक भी कमी नहीं आई है। चाहे कितना भी दर्द उन्हें क्यों न हो रहा हो, कितनी भी पीड़ा वे क्यों ना झेल रही हों, लेकिन इसके बावजूद भी गांव में घर-घर जाकर वे सर्वे कर रही हैं। अब तक गांव में यूपी, मुंबई, महाराष्ट्र के अलग-अलग हिस्सों और पुणे आदि जगहों से जितने भी लोग आए हैं, उनमें से 177 लोगों को वे होम आइसोलेट कर चुकी हैं।
राजेश्वरी चौधरी बाड़मेर के रहने वाले जोधाराम की पुत्री हैं। कोट सोलंकियान में वर्ष 2009 में एएनएम की नौकरी उन्हें मिली थी। जहां अधिकतर महिलाएं गर्भावस्था के दौरान घर पर ही रह कर अपनी और बच्चे की सुरक्षा के लिए आराम करती हैं, वही राजेश्वरी इस वक्त घर-घर जाकर लोगों को कोरोना के लक्षणों के बारे में बताकर उन्हें जागरूक करने में लगी हैं। चिकित्सा अधिकारियों ने तो राजेश्वरी को आराम करने की भी सलाह दी है, पर बताया जाता है कि राजेश्वरी ने उन्हें कह दिया है कि अभी उनमें दर्द सहने की क्षमता है। इस संकट की घड़ी में वे गांव वालों को ऐसे अकेला नहीं छोड़ सकतीं।
राजेश्वरी का कहना है कि गांव वालों ने हर मुश्किल परिस्थिति में उनका साथ दिया है, ऐसे में इस संकट की घड़ी में वे उनसे खुद को अलग नहीं कर सकतीं। राजेश्वरी जिस सब सेंटर पर सेवा दे रही हैं, वहां भी हर महीने प्रसव के 10 से 12 मामले आते हैं। दूसरे अस्पतालों में जाने में ऐसे लोगों को भी परेशानी हो सकती है। राजेश्वरी के अपने काम के प्रति इसी तरह की ललक के कारण कई बार उन्हें जिला स्तर पर सम्मानित भी किया जा चुका है।
Raw Banana Kofta Recipe in Hindi: केले को सदाबहार चीजों की श्रेणी में गिना जाता…
Maa Laxmi Ko Kaise Prasan Kare: जब आप किसी मंदिर में भगवान के दर्शन के…
Dharmendra and Hema Malini`s Famous Movie: बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेता धर्मेन्द्र और अभिनेत्री हेमा मालिनी…
Shani Dev Jayanti Kab Hai : ज्योतिष और आध्यात्मिक दृष्टिकोण से भगवान शनि देव की…
Keto Burger Recipe in Hindi : पिछले कुछ वर्षों में स्ट्रीट फूड्स ने हर एक…
Astrologer Kaise Bane: एस्ट्रोलॉजी जिसे आमतौर पर बोलचाल की भाषा में ज्योतिषी या ज्योतिष विज्ञान…