Paveela Bali Inspirational Story: प्लास्टिक जो हमारी जीवन शैली का एक बहुत ही महत्वपूर्ण हिस्सा बन चुकी है, जब पॉलीथीन का आविष्कार हुआ था तब लोग बहुत ही खुश थे लेकिन पॉलीथीन से होने वाले पर्यावरण को नुकसान से अवगत नहीं थे। पॉलीथीन जो पूरी तरह से नष्ट होने में बहुत अधिक समय लेती है यह हमारे पर्यावरण को बहुत अधिक प्रदूषित कर रही है।
सरकार पॉलीथीन की रोकथाम के लिए कई तरह के नियम लागू करती है, पॉलीथीन पर बैन भी लगाया जाता है। जो इसका प्रयोग करता पाया जाता है उस पर जुर्माना लगता है लेकिन इसके बावजूद भी अभी पूरी तरह से पॉलीथीन बैन नहीं हो पाई है, क्योंकि लोग अपनी सुविधा के लिए कैसे ना कैसे और किसी ना किसी रूप में इसका इस्तेमला कर ही लेते हैं। सरकार चाहे जितना भी बैन लगाए लेकिन जब तक देश की जनता इस नियम को लेकर जागरूक नहीं होगी तब तक पर्यावरण को इस पॉलीथीन की मार झेलनी पड़ेगी।
लेकिन आज हम आपको एक ऐसी महिला के बारे में बताने जा रहे हैं जिसमे पॉलीथीन द्वारा होने वाले पर्यावरण के नुकसान को भली भांति समझा है और वो इसको रोकने के लिए कई कार्य भी कर रही है। चंडीगढ़ के सेक्टर 18 में रहने वाली पवीला बाली ने पॉलीथीन को रोकने के लिए एक अभियान चलाया है तो चलिए आपको बताते हैं कि क्या हैं उनकी पूरी योजना।
भारत के चंडीगढ़ शहर के सेक्टर 18 में रहने वाली पवीला बाली ने पॉलीथीन से पर्यावरण को होने वाले नुकसान को बखूबी समझा है, उन्हें भली भांति पता है कि यदि इस पर अभी नकेल नहीं कसी गई तो आगे आने वाले 15 सालों में धरती को क्या नुकसान पहुंचने वाला है। पॉलीथीन की रोकथाम के लिए पवाली घर से निकलीं और उन्होंने लोगों के बीच जाकर के एक अभियान शुरू किया, उन्होंने इस अभियान को शुरू करने की प्लॉनिंग दो साल पहले से शुरू कर दी थी।
पवाली ने पॉलीथीन का खात्मा करने के लिए एक नए तरह का अभियान चलाया, जिसके चलते सुबह जॉगिंग में जाते वक्त उनके हाथ में एक थैला होता है, जिसमें वो कूड़ा नहीं बल्कि रास्ते में मिलने वाली पॉलीथीन की थैलियों को एकत्रित करती हैं। पवीला के इस अभियान में जितने लोग जुड़े हुए हैं वो सभी यह करते हैं। जॉगिंग के दौरान जहां पर भी पॉलीथीन मिलती है वो उसे झोले में भर लेती हैं।
जॉगिंग के दौरान एकत्रित होने वाली पॉलीथीन को वो जाकर नगर निगम को सौंप देती हैं, जिससे कि वह मिट्टी में ना मिल सकें। बता दें कि इस अभियान के तहत वो अब तक तकरीबन 4000 किलो पॉलीथीन को एकत्रित करके नगर निगम को सौंप चुकी हैं। पवीला का कहना है कि वे इस बात से बहुत चिंतित हैं कि प्लास्टिक धरती की उर्वरकता को खत्म कर देगी। यदि पेड़ नहीं होंगे तो पक्षी और जीव-जंतु भी नहीं बचेंगे। इससे धरती का पूरा ईको सिस्टम खत्म हो जाएगा। इसलिए वे जागरूक हैं और अपने स्तर से प्रयास कर रही हैं।
पवीला अपने इस अभियान औऱ पॉलीथीन की रोकथाम के लिए इतनी ज्यादा जागरूक हैं कि जब भी कोई दुकानदार उनको प्लास्टिक की थैलियों का इस्तेमाल करते दिख जाता है तब वह तुरंत ही नगर निगम के ऑफिसरों को बुलाकर उनका चालान कटवाती हैं। उनके इस कार्य के चलते दुकानदारों में उनका खौफ बन गया है। आलम यह है कि उनको देखते ही दुकानदार अपनी दुकान से पॉलीथीन को छुपाने लग जाते हैं। पवीला अब तक सुखना लेक, सेक्टर 17 और सेक्टर नौ में चालान कटवा चुकी हैं। इस दौरान कई लोग उनसे उलझते भी हैं, मगर वे न तो हार मानती हैं और न ही डरती हैं।
पवीला बाली सिर्फ पॉलीथीन की रोकथाम ही नहीं कर रही हैं बल्कि वो लोगों को कपड़े के थैले भी मुफ्त में बांटती है। वो अभी तक 700 से भी ज्यादा कपड़े के थैले मुफ्त में बांट चुकी हैं। वहीं जो लोग इस थैले को खरीद सकते हैं वो उनको पैसे लेकर के थैला देती हैं। कपड़ों के थैले बनाने के लिए पवीला ने कुछ महिलाओं को मेहनताने पर रखा हुआ है। इससे उन्हें रोजगार भी मिला है। पवीला के इस अभियान में उनके घर वाले भी उनका पूरा सपोर्ट कर रहे हैं। बता दें कि पवीला के पति पुनीत बाली पंजाब-हरियाणा हाइकोर्ट के सीनियर वकील हैं।
बता दें कि पॉलीथीन की रोकथाम के लिए औऱ पर्यावरण को बचाने के लिए सिर्फ एक पवीना बाली नहीं बल्कि इस देश में सभी को इसके लिए जागरूक होना पड़ेगा तभी पॉलीथीन से पूरी तरह से बैन हट जाएगा। दूसरे पर उंगली उठाने से बेहतर है कि पहले आप खुद को इसके प्रयोग करने से रोकें। यदि हर व्यक्ति खुद से ये ठान ले तो हमारे पर्यावरण का बचाव हो सकता है।
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