इंसान अगर कुछ करने की ठाने और उसके लिए पूरी शिद्धत के साथ मेहनत करे तो हर काम मुमकिन है। इसी बात को साबित कर दिखाया है मध्य्प्रदेश के इंदौर के रहने वाले 22 वर्षीय प्रदीप सिंह ने। सभी बाधाओं को पार करते हुए, इन्होने 2018 के संघ लोक सेवा आयोग परीक्षा (UPSC) के अंतिम परिणाम में 93वां स्थान हासिल किया है। प्रदीप के पिता मनोज सिंह एक पेट्रोल पंप अटेंडेंट के रूप में काम करते है। मनोज सिंह लगभग 20 वर्ष पहले बिहार से इंदौर आये थे।
प्रदीप के परिवार ने बहुत संघर्ष किये है। प्रदीप के पिता ने प्रदीप को दिल्ली में यू.पी.एस.सी की तैयारी करवाने के लिए अपना घर तक बेच दिया था। प्रदीप ने IIPS इंदौर से बीकॉम (ऑनर्स) किया और बाद में यू.पी.एस.सी की तैयारी के लिए दिल्ली चले गए।
परीक्षा का परिणाम आने के बाद प्रदीप अपने परिवार के साथ अपनी सफलता की खुशी साझा करने के लिए इंदौर लौट आये और मीडिया को अपने संघर्ष भरे सफर के बारे में बताया।
प्रदीप ने मीडिया को बताया “मैं कॉमर्स की पढ़ाई पूरी करने के बाद अपने बड़े भाई की तरह एक निजी नौकरी करना चाहता था, लेकिन मेरे पिता और बड़े भाई ने मुझे केवल अपनी पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित करने के लिए कहा। उन्होंने मुझे यू.पी.एस.सी की तैयारी के लिए दिल्ली भेजा।”
“मेरे पिता ने दो साल पहले अपना घर बेच दिया और किराए के मकान में रहने लगे ताकि वह मुझे दिल्ली में मेरी कोचिंग क्लास के लिए पैसे भेज सकें। पिछले दो साल हमारे लिए बहुत कठिन थे लेकिन मुझे खुशी है कि मैंने अपने परिवार को गौरवान्वित किया।”
प्रदीप के पिता मनोज सिंह ने भी अपनी भावनायें मीडिया को बताई “मैं अपने परिवार को एक नया जीवन देने की उम्मीद में बिहार से इंदौर आ गया था। हमने बहुत संघर्ष किया और मुझे खुशी है कि यू.पी.एस.सी की परीक्षा में मेरे बेटे का चयन हो गया।”
Pradeep Singh UPSC
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