गुजरात की 21 साल की बेटी ने किया कमाल, बिना किसी कोच कर दिखाया ये बड़ा कारनामा

संसार में मौजूद हर व्यक्ति सफलता नामक सीढ़ी चढ़ना चाहता है. लेकिन सफलता उन्हीं को मिलती है जो लोग कड़ी मेहनत करते हैं. यही सफल और असफल व्यक्ति के बीच का सबसे अहम फर्क है. सफल व्यक्ति हर वक्त सफलता पाने के लिए कड़ी मेहनत करता है लेकिन ठीक इसके विपरीत असफल व्यक्ति हार का कारण तलाशते हैं ताकि वे अपनी हार का ठीकरा किसी पर थोप सकें. बचपन में यह दोहा “करत-करत अभ्यास के जड़मति होत सुजान I रसरी आवत-जात के, सिल पर परत निशान II” हर किसी ने सुना होगा.

लेकिन इसके अर्थ पर अधिकतर व्यक्ति अमल नहीं कर पाते. वे ज्यादातर समय अपनी मुसीबतों की गिनती करने में बर्बाद करते हैं. हम यह भूल जाते हैं कि मुसीबत हर शख्स के जीवन में मौजूद है. लेकिन कुछ ही लोग इन मुसीबतों को हरा कर जीवन में सफलता हासिल कर पाते हैं. ऐसे ही अपनी मुसीबतों को चुनौती देकर गुजरात के एक किसान की बेटी ने करिश्मा कर दिखाया, जिससे हर कोई प्रेरणा ले सकता है.

गुजरात की बेटी ने किया कमाल

गुजरात राज्य में स्थित गांव परवाड़ा की रहने वाली 21 साल की रम्भी सीदा शॉटपुट खेल की उच्च स्तरीय खिलाड़ी हैं. पोरबंदर से 35 किलोमीटर दूर इस गांव का नाम अब लोगों की जुबान पर चढ़ चुका है. रम्भी सीदा ने शॉटपुट के राज्य स्तरीय खेल प्रतियोगिता में पहला स्थान हासिल कर सरकार से 21,500 रूपए का खिताब जीता. इस प्रतियोगिता में रम्भी सीदा ने साढ़े पांच किलो की लोहे की गेंद फेंकी.

प्रतियोगिता जीतना है आदत

समाज में रहते हुए कई ऐसे व्यक्तियों से सामना हो ही जाता है जिसे कुछ इकट्ठा करने की आदत हो. इस प्रकार की लिस्ट में रम्भी सीदा अपना नाम दर्ज कराती है. रम्भी सीदा खेल प्रतियोगिता जीतकर पुरस्कार हासिल करने की आदि हो चुकी हैं. साल 2017 में डिस्क थ्रो में दूसरा स्थान तो वहीं 2018 में इसी प्रतियोगिता में तीसरा स्थान हासिल किया था. जब यही प्रतियोगिता विश्विद्यालय स्तर पर हुई तो रम्भी सीदा यहां भी न थमी और इधर भी पहला और दूसरा स्थान हासिल किया.

यूट्यूब को बनाया गुरु

रम्भी सीदा गुजरात के गांव परवाड़ा से ताल्लुकात रखती हैं, जिसके कारण इनके पास प्रोफेशनल ट्रेनिंग लेने के लिए कोई साधन मौजूद नही. गांव में कोई शॉटपुट खेल का गुरु न होने के बावजूद रम्भी सीदा ने हौसला और गेम का साथ नहीं छोड़ा. रम्भी सीदा ने खुद के मोबाइल फोन को गुरु मान लिया. वह यूट्यूब का सहारा लेकर शॉटपुट से जुड़ी छोटी से छोटी बारीकियों को समझती और उसके लिए घंटो तक अभ्यास करती हैं ताकि उसमें सफल हो सके.

खेत बने मैदान

रम्भी सीदा कहती हैं कि, “मैंने अपने मोबाइल में शॉटपुट और डिस्कस थ्रो से जुड़े बहुत से वीडियोज देखे और उसी में कहे अनुसार मेहनत करनी चालू की. मैं खेत मे घंटो प्रयास करती थी. सुबह और शाम अभ्यास करने के लिए मुझे अपना ठिकाना खेत को ही बनाना पड़ता”. इसी अभ्यास से खुद पर भरोसा करने के बाद वह प्रतियोगिता में हिस्सा ले सकी. जब रिजल्ट उस के पक्ष में आया तो वह बेहद खुश थी.

पापा का सिर किया गर्व से ऊंचा

रम्भी सीदा के इस जज्बे को खुद उनके पापा सैल्यूट करते हैं और अपनी बेटी की जीत पर गर्व करते हैं. वह कहते हैं कि, “मैंने अपनी बेटी को दिन-रात इस खेल के लिए मेहनत करते हुए देखा है. वह इस खेल में काफी रुचि रखती है. मैंने भी उसे आगे बढ़ने के लिए हमेशा प्रेरित किया है. मुझे अपनी बेटी की हर जीत पर गर्व है. मैं इवेंट को शुरू करने वालों का भी तहे दिल से धन्यवाद करता हूं, क्योंकि ऐसे इवेंट के कारण देश को कई प्रतिभा से मिलने का अवसर मिलता है”.

Facebook Comments
Shikha Yadav

Share
Published by
Shikha Yadav

Recent Posts

हिमाचल प्रदेश की वो झील जहां अंधेरे में आती हैं परियां, जानें क्या है इस फेमस लेक का राज़

Facts About Chandratal Lake In Hindi: भारत में हज़ारों की संख्या में घूमने की जगहें…

1 week ago

घर में ही शुगर लेवल को ऐसे करें मैनेज, डॉक्टर के चक्कर काटने की नहीं पड़ेगी ज़रूरत

Blood Sugar Control Kaise Kare: आज की भागदौड़ भरी ज़िंदगी में कई बीमारियों को समाज…

1 week ago

इन बीमारियों का रामबाण इलाज है गोंद कतीरा, जानें इस्तेमाल करने का सही तरीका

Gond Katira Khane Ke Fayde: आयुर्वेद विज्ञान से भी हज़ारों साल पुराना है। प्राचीन ग्रंथों…

3 weeks ago

दिलजीत दोसांझ को फैन के साथ किया गया फ्रॉड, सिंगर के इस कदम ने जीता सबका दिल

Diljit Dosanjh Concert Scam: भारतीय गायक दिलजीत दोसांझ किसी परिचय के मोहताज नहीं है। वे…

3 weeks ago

आखिर क्या है वायु कोण दोष? जानिए ये कैसे होता है और इसके प्रभाव क्या हैं?

Vayu Kon Dosha Kya Hota Hai: पौराणिक मान्यताओं व ज्योतिष शास्त्र के अनुसार ऐसा माना…

4 weeks ago