Shilpi Sinha Milk India Story: युवाओं में प्रतिभा और कुछ करने का जज्बा कूट-कूट कर भरा हुआ है। उन्हें बस सही मार्गदर्शन की जरूरत होती है। कई बार मार्गदर्शन नहीं मिल पाने पर भी ये युवा खुद की प्रेरणा से जिंदगी में ऐसे आगे बढ़ जाते हैं कि उनकी कहानी बाकी युवाओं को भी प्रेरित करने लगती है। अपनी खुद की प्रेरणा से वे कुछ ऐसा करके दिखा देते हैं कि देखने वाले भी अचंभित रह जाते हैं। झारखंड के डाल्टेनगंज की रहने वाली 27 साल की शिल्पी सिन्हा (Shilpi Sinha) ने भी कुछ ऐसा ही करके दिखाया है।
वर्ष 2012 में शिल्पी सिन्हा (Shilpi Sinha) पढ़ाई के लिए बेंगलुरु चली गई थीं। यहां रहने के दौरान उन्हें गाय का शुद्ध दूध मिलने में बड़ी परेशानी हो रही थी। वे इससे इस कदर परेशान हो गईं कि उनके मन में कुछ अलग करने का एक आईडिया आ गया। शिल्पी ने उसी वक्त ठान लिया था कि वे गाय के दूध का बिजनेस शुरू करेंगी। शिल्पी एक महिला थीं। साथ में कंपनी की इकलौती फाउंडर के तौर पर दूध के बिजनेस को खड़ा कर पाना इतना भी आसान नहीं था। रास्ते कांटों से भरे हुए थे। भाषा की भी बड़ी दिक्कत शिल्पी के साथ थी। वे एक हिंदी भाषी बेल्ट से नाता रखती थीं। अंग्रेजी बोल सकती थीं, लेकिन बेंगलुरु की स्थानीय भाषा कन्नड़ और कई इलाकों में बोली जाने वाली तमिल के बारे में उन्हें बिल्कुल भी जानकारी नहीं थी। फिर भी किसी तरीके से उन्होंने गांव के किसानों को गाय को उचित चारा खिलाने और उनकी देखभाल के तरीकों के बारे में समझाना शुररू कर दिया।
शिल्पी ने जब अपने बिजनेस की शुरुआत की तो आरंभ में उन्हें कर्मचारी ही नहीं मिल रहे थे। ऐसे में वे खुद सुबह 3 बजे खेतों में चली जाती थीं। अपने साथ वे चाकू और मिर्ची का स्प्रे रखती थीं। शिल्पी की मेहनत धीरे-धीरे रंग लाने लगी। जब उनके ग्राहकों की संख्या 500 के पार पहुंच गई, तब शिल्पी ने आखिरकार वर्ष 2018 में 6 जनवरी को 11 हजार रुपये की शुरुआती फंडिंग से द मिल्क इंडिया नामक अपनी कंपनी की नींव रख दी। कंपनी शुरू करने के बाद भी शिल्पी ने मेहनत करना जारी रखा। इसका नतीजा यह हुआ कि केवल 2 वर्षों में ही कंपनी का टर्नओवर एक करोड़ रुपये के पार पहुंच गया।
अपने बिजनेस के बारे में शिल्पी ने बताया है कि वे केवल गाय का शुद्ध कच्चा दूध ही 62 रुपये प्रति लीटर के हिसाब से अपनी कंपनी की ओर से ऑफर करती हैं। बच्चों की हड्डियों को मजबूत बनाने के लिए यह काफी अच्छा है। साथ ही यह कैल्शियम को बढ़ाने में भी मददगार होता है। शिल्पी का कहना है कि उनकी कंपनी ने फोकस 1 से 9 साल तक के बच्चों पर ही किया है। साथ ही उन्होंने अपने यहां मशीन लगा रखी है, जिसके माध्यम से उनके यहां जो गाय हैं, उनकी दैहिक कोशिकाओं की लगातार गणना की जाती है। शिल्पी के अनुसार गायों में दैहिक कोशिकाओं की संख्या जितनी कम होगी, दूध उनका उतना ही स्वस्थ होगा।
शिल्पी के अनुसार ऑर्डर देने से पहले मां से बच्चों की उम्र के बारे में पूछ लिया जाता है। एक साल से कम उम्र के बच्चे के होने पर दूध की डिलीवरी नहीं दी जाती है। शिल्पी का कहना है कि एक बार उन्होंने चारे की फसल की बजाय किसानों को रेस्टोरेंट्स से निकलने वाला कचरा गायों को खिलाते हुए देखा था। तब उन्होंने उन्हें समझाया था कि ऐसे में गाय का दूध पीने वाले बच्चों को कितना नुकसान पहुंचेगा। उन्होंने किसानों को यह कहकर मना लिया कि अच्छा चारा खिलाने पर उन्हें उनके दूध की बेहतर कीमत दी जाएगी। गायों को अब मक्का खिलाया जा रहा है।
Raw Banana Kofta Recipe in Hindi: केले को सदाबहार चीजों की श्रेणी में गिना जाता…
Maa Laxmi Ko Kaise Prasan Kare: जब आप किसी मंदिर में भगवान के दर्शन के…
Dharmendra and Hema Malini`s Famous Movie: बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेता धर्मेन्द्र और अभिनेत्री हेमा मालिनी…
Shani Dev Jayanti Kab Hai : ज्योतिष और आध्यात्मिक दृष्टिकोण से भगवान शनि देव की…
Keto Burger Recipe in Hindi : पिछले कुछ वर्षों में स्ट्रीट फूड्स ने हर एक…
Astrologer Kaise Bane: एस्ट्रोलॉजी जिसे आमतौर पर बोलचाल की भाषा में ज्योतिषी या ज्योतिष विज्ञान…