भारत की प्रथम महिला फायरफाइटर तान्या सान्याल
बंद कमरे में बैठ कविता लिखना बेहद ही आसान है। यह किसी भी तरह से आपके जीवन के लिए खतरा पैदा नहीं करता। लेकिन एक ऐसा करियर, जिसमे शारीरिक और मानसिक ताकत की बहुत ज़रूरत है, को बनाने के लिए एक खतरनाक और अनिश्चित स्थिति से होकर गुज़रना पड़ता है। हम में से ज्यादातर लोग आरामदायक कॉर्पोरेट नौकरियों को चुनते हैं लेकिन अभी भी ऐसे कुछ लोग हैं जो कि चुनौतीपूर्ण करियर को अपनाते हैं।
क्या फायरफाइटर के काम की तुलना में संभवतः कुछ और कठिन हो सकता है? फायरफाइटर का जीवन चुनौतियों, जोखिमों, अनिश्चितताओं जैसी बाधाओं से भरा हुआ है। फिर जब आप एक महिला फायरफाइटर के बारे में सुनते हैं तो उसकी कठिन चुनौतियों भरे क्षेत्र में करियर बनाने के लिए कड़ी मेहनत के लिए सम्मान और बढ़ जाता है।
क्या आप तान्या सान्याल के बारे में जानते हैं? क्या आपने कभी भारत की पहली प्रसिद्ध महिला अग्निशामक के बारे में सुना है? उसकी जिंदगी से अवगत हैं? और उसने कैसे इस जटिल क्षेत्र में करियर बनाया? शायद, इस युवा, बहादुर महिला की प्रभावशाली कहानी पढ़ने के लिए कुछ मिनट बिताने में आपकी रूचि हो सकती है।
अप्रैल 2018 में कड़ी ट्रेनिंग कर चुकी तान्या सान्याल अब भारत की फायरफाइटर टीम के सम्मानित हवाईअड्डे प्राधिकरण का हिस्सा है। इतिहास में पहली बार ऐ.ऐ.आई ने किसी महिला फायरफाइटर को नियुक्त किया है। और यह ध्यान देने योग्य एकमात्र दिलचस्प बात नहीं है। तान्या सान्याल के जीवन से संबंधित और भी बहुत कुछ हैं जिससे आप प्रेरणा ले सकते हैं।
ज़ाहिर है, ऐ.ऐ,आई के फायरफाइटर दस्ते में शामिल होना चुनौतियों से भरा है। लिखित परीक्षा के बाद एक कड़ा फिजिकल टेस्ट होता है, दोनों को मिलाकर मेरिट लिस्ट तैयार की जाती है। कोलकाता की रहने वाली तान्या ने हर टेस्ट बहुत ही उम्दा तरीके से पास किया और ऐ.ऐ.आई में शामिल होकर मिसाल कायम की। ऐ.ऐ,आई के पास कुल 3310 फायरफाइटर हैं।
अपने करियर के बारे में बताते हुए तान्या ने बताया कि उन्होंने समाचार पत्र आधारित विज्ञापन के माध्यम से अवसर के बारे में जाना। और उस ऐड को देखने के बाद से फिर उन्होंने पीछे मुड़के नहीं देखा। एक महत्वपूर्ण कारक जिसने उसे आने वाली चुनौती के लिए जाने के लिए प्रेरित किया, वह अपने माता-पिता द्वारा निरंतर प्रेरणा थी जिसने उसे अपने आप में विश्वास करने में सक्षम बनाया।
तान्या ने बताया कि वे हमेशा से कुछ अलग करना चाहती थी। बॉटनी में डिग्री ले चुकी तान्या ज़िन्दगी में कुछ अलग और चुनौतीपूर्ण करना चाहती थी। दिलचस्प बात ये है कि महिला होने के बावजूद तान्या सान्याल के नौकरी के विवरण में कोई बदलाव नहीं किया गया।
यह कहानी लैंगिक समानता को उजागर करती है, जो कि आज के समय में बहुत ही महत्वपूर्ण विषय है। तान्या ऐ.ऐ.आई के पूर्वी क्षेत्र, जिसमे रांची, गया, रायपुर, कोलकाता, पटना और भुवनेश्वर शामिल हैं में शामिल हो सकती हैं। जबकि पहले महिलाओं को ही ऑफिस जॉब्स के लिए प्राथमिकता दी जाती थी पर अब पुरुष भी इस करियर में बड़ी मात्रा में जा रहे हैं। दुनिया के अन्य देशों, जैसे रूस, ब्रिटेन, इज़राइल इत्यादि, में महिला उम्मीदवार लगातार राष्ट्रीय सेवाओं का हिस्सा रही हैं।
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