जिंदगी हमेशा नए मोड़ लेती रहती है। कई बार जिंदगी में ऐसी परिस्थितियां सामने आ जाती हैं कि कुछ समझ ही नहीं आता कि इन परिस्थितियों में क्या किया जाए? ऐसा भी कई बार होता है कि दो में से एक चीज को चुनने का विकल्प सामने होता है। दोनों विकल्पों को साथ में चुन पाना संभव नहीं होता और दोनों ही विकल्प जिंदगी में महत्वपूर्ण नजर आते हैं। ऐसे में लोग धर्मसंकट में पड़ जाते हैं कि आखिर दोनों में से किस विकल्प को चुना जाए।
कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु, जिसे कि गार्डन सिटी के नाम से भी जानते हैं, वहां की रहने वाली 24 साल की हर्षिता के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ। जिस दिन हर्षिता की शादी हो रही थी, उसी दिन उसका एग्जाम का एक पेपर भी पड़ गया। अब हर्षिता के सामने ऐसी परिस्थिति पैदा हो गई कि या तो वह शादी करे या फिर वह पेपर देने जाए। यदि वह शादी करती तो उसका पेपर छूट जाता और उसका कॅरियर खत्म हो जाता, वहीं यदि वह पेपर देने चली जाती तो उसका कॅरियर तो बच जाता, लेकिन उसकी शादी टूट जाती। ऐसे में वह बड़ी परेशान हो गई। कुछ समझ ही नहीं आ रहा था कि आखिर क्या किया जाए।
हर्षिता का परिवार तो उस पर शादी करने के लिए ही दबाव बना रहा था। हर्षिता के परिवार को लग रहा था कि इस लड़की का कॅरियर उतना महत्वपूर्ण नहीं है, जितनी कि उसकी शादी। ऐसे में उसे अपना पेपर छोड़कर शादी करनी चाहिए। हर्षिता की इच्छा पेपर देने की थी, लेकिन जब घर वालों का दबाव कुछ ज्यादा ही हो गया तो हर्षिता ने शादी करने का निर्णय ले लिया। बेंगलुरु यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार ने हर्षिता के इस परेशानी का हल निकाल लिया। उन्होंने जो हल निकाला वह जानकर सभी हैरान रह गए। रजिस्ट्रार ने इसका हल यह निकाला कि हर्षिता जिस दिन शादी करेगी, उसी दिन वह अपने M.Com का पेपर भी दे देगी।
दरअसल, मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक हुआ यह था कि जिस दिन M.Com की स्टूडेंट हर्षिता का M.Com के तीसरे सेमेस्टर का एग्जाम होने वाला था, उसी दिन उसकी शादी भी पड़ गई थी। जब हर्षिता ने कोई और रास्ता नहीं देखा तो उसने अपना मन बना लिया था कि अब वह एग्जाम देने के लिए नहीं जाएगी और शादी ही करेगी। हालांकि, बेंगलुरु यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर और रजिस्ट्रार डॉक्टर सी शिवराज सेने ने इसका हल निकाल ही लिया कि वह दोनों चीजें एक साथ कर सकती है। रजिस्ट्रार ने हर्षिता को ऐसा करने के लिए प्रेरित भी किया। इसके बाद हर्षिता ने शादी भी की और कॉलेज पहुंचकर अपना तीसरे सेमेस्टर का पेपर भी दे दिया। जब परीक्षा देने के लिए हर्षिता परीक्षा हॉल में पहुंची तो वहां पहले से बैठे हुए परीक्षार्थी उन्हें देखकर हैरान रह गए, क्योंकि हर्षिता शादी के जोड़े में ही पेपर देने के लिए पहुंची हुई थी।
बेंगलुरु यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार ने हर्षिता की इस परेशानी का बहुत ही बढ़िया हल निकाला था। उन्होंने इस बारे में मीडिया में बताया कि हर्षिता इस बात को लेकर बहुत चिंतित हो गई थी कि आखिर एग्जामिनेशन हॉल में वह समय पर परीक्षा लेने के लिए कैसे पहुंचेगी? उन्होंने बताया कि हर्षिता को उन्होंने आश्वासन दिया कि वे परीक्षा केंद्र पर ही मौजूद रहेंगे। साथ ही पूरी कोशिश भी करेंगे कि वह अपना पेपर लिख सके। हर्षिता परीक्षा केंद्र पर 10 मिनट की देरी से पहुंची थी, लेकिन उसे परीक्षा हॉल में एंट्री मिल गई और उसने अपना पेपर भी लिख दिया। इस तरीके से हर्षिता ने ना केवल उस दिन अपनी शादी भी कर ली, बल्कि तीसरे सेमेस्टर का अपना पेपर भी दे दिया।
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