भगवान विष्णु के 12 प्रमुख नाम हैं – अच्युत, अनंत, दामोदर, केशव, नारायण, श्रीधर, गोविंद, माधव, ऋषिकेश, त्रिविक्रम, पद्मनाभ, व मधुसूदन। हर साल अनंत चतुर्दशी पर उनके अनंत नाम का ही स्मरण किया जाता है। साल 2019 में अनंत चतुर्दशी 12 सितंबर को है यानि इस दिन भगवान विष्णु की पूजा से विशेष फल प्राप्त किए जा सकते हैं। इस दिन मध्याह्न के समय भगवान अनंत की पूजा व साथ ही व्रत करने का विधान है। ऐसा माना जाता है कि खुद श्री कृष्ण के कहने पर पांडवों ने इस व्रत को किया था। अनंत चतुर्दशी पर भगवान अनंत की पूजा करने व इस व्रत को करने से मुश्किलें कम होती है, धन और संतान प्राप्ति की कामना पूरी होती है।……. हमारे प्राचीन धर्मग्रंथों में भी इस व्रत की महिमा का जिक्र मिलता है। हेमाद्रि की पृष्ठ संख्या 26 से लेकर 36 तक में अनंत व्रत का वर्णन मिलता है। इसके साथ ही तिथितत्व की पृष्ठ संख्या 123, कालनिर्णय की पृष्ठ संख्या 279 व वतार्क में भी इन व्रत का जिक्र मिलता है।
सुबह स्नान आदि के बाद साफ कपड़े पहनकर व्रत का संकल्प लेना चाहिए।
इसके बाद घर की पूर्व दिशा में कलश की स्थापना करें। कलश के ऊपर कोई थाल या अन्य कोई पात्र रखें और उसमें कुश से बनी हुई भगवान अनन्त की मूर्ति स्थापित करें।
प्रतिमा के आगे कुमकुम, केसर या हल्दी से रंगा हुआ कच्चा सूत वाला धागा रखें, लेकिन ध्यान रहे आपको धागे में चौदह गांठे लगानी हैं उसके बाद ही इस धागे को रखना है।
इस धागे को अनन्त भी कहा जाता है। अब कुश से बने अनन्त जी और चौदह गाठों वाले धागे की विधि-पूर्वक गंध, पुष्प, धूप-दीप, नैवेद्य आदि से पूजा करनी चाहिए
पूजा करने के बाद कथा पढ़नी चाहिए।
अनंत चतुर्दशी के दिन 14 गांठों वाले धागे का काफी महत्व है। इस धागे को अनंत स्वरूप मानकर इसकी पूजा तक की जाती है। अनंत चतुर्दशी के दिन पूजा के बाद आपको अनन्त देव का ध्यान करते हुए उस धागे को अपनी बाजू पर बांधना चाहिए। पुरुषों को अपने दाहिने हाथ में और महिलाओं को अपने बाएं हाथ में उस चौदह गांठों वाले धागे को बांधना चाहिए। अनन्त धागे की चौदह गांठे …चौदह लोकों का प्रतीक मानी जाती हैं। यह धागा भगवान विष्णु को प्रसन्न करने वाला और हर मनोकामना को पूरी करने वाला माना गया है।
-नौकरी पाने के लिए श्री विष्णु की पूजा के दौरान भगवान के सामने हल्दी से रंगा हुआ सफेद रंग का कपड़ा रखना चाहिए, पूजा के बाद उस कपड़े को उठाकर अपने पास रख लें।
-व्यापार में नुकसान से बचने के लिए विष्णु पूजा के बाद ‘ॐ अनन्ताय नम:’ इस मंत्र का 11 बार जप करें।
-माता-पिता के साथ संबंधों को बेहतर करने के लिए भगवान अनन्त की पूजा के समय दो कच्चे केलों पर अलग-अलग मौली लपेटकर भगवान के सामने अर्पित करें व बाद में उन्हे मंदिर में दान दे दें।
-संतान सुख की प्राप्ति के लिए भगवान विष्णु की पूजा के बाद 14 गांठों वाला धागा अपनी जीवनसाथी की बाजू पर बांध दें और संतान प्राप्ति की कामना भगवान अनंत से करें।
-जीवन में स्थिरता लाने के लिए श्री हरि को पीले पुष्प अर्पित करें। इसके अलावा इस मंत्र का जप भी करें।
नमो अनन्ताय सहस्त्रमूर्तये
सहस्त्र पादाक्षशिरोरूबाहवे
-जीवन में खुशहाली के लिए भगवान अनंत पर चढ़ाई गई रोली से अपनी व परिवार के सभी सदस्यों की कलाई पर टीका करें।
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