Life History of Bhishma Pitamah In Hindi: भीष्म पितामह जो महाभारत की शुरूआत से अंत तक रहे। बाणों की शय्या पर 58 दिन तक जीवित रहे थे। सूर्य के उत्तरायण होने पर ही उन्होंने अपने प्राण त्यागे थे।
शांतनु से सत्यवती का विवाह भीष्म की ही विकट प्रतिज्ञा के कारण संभव हो सका था। भीष्म ने आजीवन ब्रह्मचारी रहने और गद्दी न लेने का वचन दिया और सत्यवती के दोनों पुत्रों को राज्य देकर उनकी बराबर रक्षा करते रहे।
पृथ्वी अपने गंध को, अग्नि अपने ताप को, आकाश शब्द को, वायु स्पर्श को, जल नमी को, चन्द्र शीतलता को, सूर्य तेज को, धर्मराज धर्म को छोड़ दे किन्तु भीष्म तीनो लोको के राज्य या उससे भी महान सुख के लिए अपना व्रत नहीं छोड़ेगा। मैं शान्तनु पुत्र देवव्रत आज यह प्रतिज्ञा करता हूँ कि आजीवन ब्रह्मचारी रहते हुए हस्तिनापुर राज्य की रक्षा करूँगा।
इस भीष्म प्रतिज्ञा के कारण देवव्रत का नाम भीष्म पड़ा। उन्होंने कहा ‘मनुष्य की प्रतिज्ञा सींक नहीं है जो झटके से टूट जाया करती है। जो बात एक बार कह दी गई उससे लौटना मनुष्य की दुर्बलता है, चरित्र की हीनता है।’
महाभारत छिड़ने पर उन्होंने दोनों दलों को बहुत समझाया और अंत में कौरवों के सेनापति बने। युद्ध के अनेक नियम बनाने के अतिरिक्त इन्होंने अर्जुन से न लड़ने की भी शर्त रखी थी, पर महाभारत के दसवें दिन इन्हें अर्जुन पर बाण चलाना पड़ा। शिखंडी को सामने कर अर्जुन ने बाणों से इनका शरीर छेद डाला। बाणों की शय्या पर 58 दिन तक पड़े पड़े इन्होंने अनेक उपदेश दिए। अपनी तपस्या और त्याग के ही कारण ये अब तक भीष्म पितामह (Bhishma Pitamah) कहलाते हैं। इन्हें ही सबसे पहले तर्पण तथा जलदान दिया जाता है।
भीष्म के चरित्र की यह विशेषता थी की जो प्रतिज्ञा कर लेते थे, उससे नहीं हटते थे। उनके जीवन में इस प्रकार के अनेक उदहारण है। जब महाभारत का युद्ध प्रारंभ हुआ तो भीष्म कौरवो की ओर थे। कृष्ण पांडवो की ओर थे, युद्ध के पूर्व कृष्ण ने कहा “मैं अर्जुन का रथ हाकूँगा पर लडूँगा नहीं”। तब भीष्म ने प्रतिज्ञा की थी “मैं कृष्ण को शस्त्र उठाने को विवश कर दूंगा”।
” आज जौ हरिहि न शस्त्र गहाऊं,
तौ लाजों गंगा जननी को शान्तनु सूत न कहाऔं..“
शरशय्या पर पड़े भीष्म ने युधिष्ठर को ज्ञान, वैराग्य, भक्ति, धर्म व नीति का जो उपदेश दिया, वह महाभारत के शान्तिपर्व में संग्रहित है। पितामह भीष्म के उपदेश मील के पत्थर की तरह सदैव मानवजाति का पथ प्रशस्त करते रहेंगे।
Facts About Chandratal Lake In Hindi: भारत में हज़ारों की संख्या में घूमने की जगहें…
Blood Sugar Control Kaise Kare: आज की भागदौड़ भरी ज़िंदगी में कई बीमारियों को समाज…
Gond Katira Khane Ke Fayde: आयुर्वेद विज्ञान से भी हज़ारों साल पुराना है। प्राचीन ग्रंथों…
Diljit Dosanjh Concert Scam: भारतीय गायक दिलजीत दोसांझ किसी परिचय के मोहताज नहीं है। वे…
Vayu Kon Dosha Kya Hota Hai: पौराणिक मान्यताओं व ज्योतिष शास्त्र के अनुसार ऐसा माना…
Parsi Death Ceremony in Hindi: दुनिया तेजी से बदल रही है और इसी क्रम में…