धर्म

नवरात्रि में मां दुर्गा के नौ अलग अलग स्वरूपों की उपसना कर पाएं मनचाहा वरदान

Chaitra Navratri 2022: नवरात्रि अर्थात मां दुर्गा की उपासना के नौ पावन दिन, जब भक्त मां के नौ अलग अलग स्वरूपों की अर्चना कर उन्हें मनाते है और अपने परिवार के लिए सुख शांति और समृद्धि का वरदान मांगते है। 

नवरात्रि यूं तो वर्ष में चार बार आती है। दो बार गुप्त नवरात्रि के अलावा चैत्र नवरात्रि और शारदीय नवरात्रि। लेकिन व्रत रखने का अधिक महत्व चैत्र और शारदीय नवरात्रि का होता है। चैत्र और शारदीय नवरात्रि में व्रत करने मां का आशिर्वाद मिलता है और सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं। वही हिंदू धर्म में चैत्र नवरात्रि का विशेष महत्व माना गया है क्योंकि इसी दिन से हिंदू नव वर्ष यानि कि नव सम्वत्सर की भी शुरुआत होती है। होली के बाद चैत्र नवरात्रि का प्रारंभ होता है और इस दौरान मां दुर्गा की अराधना की जाती है। इस साल चैत्र नवरात्रि 13 अप्रैल से शुरू हो रहे हैं और जिनका समापन 2 अप्रैल को होगा। अबकी बार चैत्र नवरात्रि का आरंभ मंगलवार को हो रहा है ऐसे में इस बार मां दुर्गा का आगमन अश्व यानि घोड़े पर हो रहा है। 

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संवत 2078 और नवरात्रि का शुभारंभ(Chaitra Navratri 2022)

संवत 2078 का आरंभ 13 अप्रैल से हो रहा है। इसी दिन से चैत्र नवरात्रि भी आरंभ हो रही है। चैत्र शुक्ल प्रतिपदा को नवरात्रि प्रारंभ होंगे। इसी दिन घटस्थापना की जाती है। चैत्र नवरात्रि के समय ही राम नवमी का पावन पर्व भी आता है। चैत्र नवमी के दिन भगवान राम का जन्म हुआ था, इसलिए इसे राम नवमी कहा जाता है। नवरात्रों की प्रमुख तिथियों में गणगौर पूजा 15 अप्रैल, दुर्गा सप्तमी 19 अप्रैल, दुर्गाष्टमी 20 अप्रैल एवं श्रीरामनवमी 21 अप्रैल को होगी।

घटस्थापना का शुभ मुहूर्त

दिन- मंगलवार
तिथि- 13 अप्रैल 2021
शुभ मुहूर्त- सुबह 05 बजकर 28 मिनट से सुबह 10 बजकर 14 मिनट तक।
अवधि- 04 घंटे 15 मिनट
घटस्थापना का दूसरा शुभ मुहूर्त- सुबह 11 बजकर 56 मिनट से दोपहर 12 बजकर 47 मिनट तक।

नवरात्रि में मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा(Chaitra Navratri 2022 Puja)

नवरात्रि में मां दुर्गा की कृपा पाने के लिए भक्त नौ दिन तक व्रत करते हैं। साथ ही नवरात्रि के नौ दिनों में मां दुर्गा को प्रसन्न करने के लिए उनके नौ रूपों की पूजा-अर्चना की जाती है। नवरात्रि के हर दिन देवी दुर्गा के एक रूप की पूजा होती है। देवी दुर्गा के नौ अलग-अलग रूप हैं- शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कुष्मांडा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी और सिद्धिदात्रि। नवदुर्गा के हर रूप के मंत्र भी अलग-अलग होते हैं। इन मंत्रों का जाप करके माता रानी खुश हो जाएंगी और भक्तों को विशेष कृपा मिलेगी। 

आइए तिथिवार जाने किस दिन होगी मां के किस स्वरूप् की पूजा और उस दिन का विशेष मंत्र(Chaitra Navratri 2022 Mantra)

Image Source: Astrotalk.com
  • मां शैलपुत्री पूजा और घटस्थापना(Maa Shailputri)

देवी शैलपुत्री का मंत्र

वन्दे वांछितलाभाय चन्द्रार्घतशेखराम। 
वृषारुढ़ा शूलधरां शैलपुत्री यशस्विनीम् ।।

  • मां ब्रह्मचारिणी पूजा(Maa Brahmacharini)

देवी ब्रह्मचारिणी का मंत्र

करपद्माभ्यामक्षमालाकमण्डलू ।
देवी प्रसीदतु मयि ब्रह्मचारिण्यनुत्तमा ।।

  • मां चंद्रघंटा पूजा(Maa Chandraghanta)

देवी चंद्रघंटा का मंत्र-

पिण्डजप्रवरारूढ़ा चण्डकोपास्त्रकेर्युता ।
प्रसादं तनुते मह्यं चंद्रघण्टेति विश्रुता॥

  • मां कूष्माण्डा पूजा(Maa Kushmanda)

देवी कूष्माण्डा का मंत्र-

रूधिराप्लुतमेव च । 
दधानां हस्तपद्माभ्यां कूष्माण्डा शुभदास्तु मे ।। 

  • मां स्कंदमाता पूजा(Maa Skandamata)

देवी स्कन्दमाता का मंत्र-

सिंहासनगता नित्यं पद्माश्रितकरद्वया । 
शुभदास्तु सदा देवी स्कन्दमाता यशस्विनी ।।

  • मां कात्यायनी पूजा(Maa Katyayani)

देवी कात्यायनी का मंत्र-

चन्द्रहासोज्वलकरा शार्दूलवरवाहना । 
कात्यायनी शुभं दघाद्देवी दानवघातिनी ।। 

  • मां कालरात्रि पूजा(Maa Kalaratri)

देवी कालरात्रि का मंत्र-

एकवेणी जपाकर्णपूरा नग्ना खरास्थिता।
लम्बोष्ठी कर्णिकाकर्णी तैलाभ्यक्तशरीरिणी । 
वामपदोल्लसल्लोहलताकण्टकभूषणा।
वर्धनमूर्धध्वजा कृष्णा कालरात्रिर्भयंकरी ।। 

  • मां महागौरी(Maa Mahagauri)

देवी महागौरी का मंत्र-

समारूढ़ा श्वेताम्बरधरा शुचि: । 
महागौरी शुभं दद्यान्महादेवप्रमोदया ।।
 

  • मां सिद्धिदात्री , रामनवमी(Maa Siddhidhatri)

देवी सिद्धिदात्री का मंत्र-

सिद्धगंधर्वयक्षाद्यैरसुरैरमरैरपि । 
सेव्यमाना सदा भूयात् सिद्धिदा सिद्धिदायिनी ।

  • नवरात्रि पारण

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आप भी नवरात्रि के इन पावन दिनों में मां के अलग अलग स्वरूप की उपासना कर अपने परिवार के लिए मनचाहा वरदान मांगे। 

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Ruchi Bhardwaj

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