Diwali Pooja Tips in Hindi: हिंदुओं का प्रमुख त्योहार दिवाली इस साल 27 अक्टूबर को मनाया जा रहा है। इस दिन घरों में देवी मां लक्ष्मी, गणेश भगवान और मां सरस्वती की पूजा होती है। इस दिन इन तीनों देवी देवताओं की पूजा अर्चना कर उनसे सुख और समृद्धि की कामना की जाती है। बता दें कि इन दिनों पर इन देवताओं की पूजा पर कुछ बातों का विशेष ध्यान दिया जाता है। बता दें कि इस दिन पूजा की तैयारी काफी दिनों पहले से ही की जाती है, जिससे आपके ऊपर मां लक्ष्मी का आर्शीवाद बना रहे। तो आज के इस आर्टिकल में हम आपको बताते हैं कि पूजन से पहले किन चीजों की तैयारी आपको करनी चाहिए और इस दिन पूजा करने की संपूर्ण विधि, जिससे आपका आर्थिक संकट दूर हो सके और मां लक्ष्मी, गणेश भगवान और मां सरस्वती की कृपा आप पर बनी रहे।
दिवाली पूजन(Diwali Puja Tips In Hindi ) के लिए कुछ वस्तुएं जरूरी होती हैं इस प्रकार हैं। चावल, गुलाल, हल्दी, मेहंदी, चूड़ी, काजल, रुई, रोली, सिंदूर, सुपारी, पान के पत्ते, पुष्पमाला, पंच मेवा, गंगाजल, शहद, शक्कर, शुद्ध घी, दही, दूध, ऋतुफल, गन्ना, सीताफल, सिंघाड़े,पेड़ा, मालपुए, इलायची (छोटी), लौंग, इत्र की शीशी, कपूर, केसर, सिंहासन, पीपल, आम और पाकर के पत्ते, औषधि जटामॉसी, शिलाजीत, लक्ष्मीजी की मूर्ति, गणेशजी की मूर्ति, सरस्वती का चित्र, चांदी का सिक्का, लक्ष्मी-गणेशजी को अर्पित करने हेतु वस्त्र, जल कलश, सफेद कपड़ा, लाल कपड़ा, पंच रत्न, दीपक, दीपक के लिए तेल, पान का बीड़ा, श्रीफल,कलम, बही-खाता, स्याही की दवात, पुष्प (गुलाब एवं लाल कमल), हल्दी की गाँठ, खड़ा धनिया, खील-बताशे, अर्घ्य पात्र सहित अन्य सभी पात्र, धूप बत्ती, चंदन आदि।
दीवाली की पूजा(Diwali Puja Tips In Hindi ) के लिए सबसे पहले घर के मंदिर की अच्छे से साफ सफाई कर लें। उसके बाद सबसे पहले एक चौकी पर सफेद वस्त्र बिछा कर उस पर मां लक्ष्मी, सरस्वती व गणेश जी की चित्र या प्रतिमा को विराजमान करें। प्रतिमा विराजमान करने के बाद इसके बाद हाथ में थोड़ा सा जल लेकर उसे प्रतिमा के ऊपर मंत्र पढ़ते हुए छिड़कें। बाद में इसी तरह से स्वयं को तथा अपने पूजा के आसन को भी इसी तरह जल छिड़ककर पवित्र कर लें। ये मंत्र इस प्रकार है।
ऊँ अपवित्र: पवित्रो वा सर्वावस्थां गतोपि वा। य: स्मरेत् पुण्डरीकाक्षं स: वाह्याभंतर: शुचि:।।
इसके बाद मां पृथ्वी को प्रणाम करके इस मंत्र का जाप करें और मन ही मन उनसे अपनी गलती से हुई किसी भूल चूक के लिए क्षमा याचना मांगे और पूजन के लिए विराजमान हों। ये मंत्र इस प्रकार है।
पृथ्विति मंत्रस्य मेरुपृष्ठः ग ऋषिः सुतलं छन्दः कूर्मोदेवता आसने विनियोगः॥
ॐ पृथ्वी त्वया धृता लोका देवि त्वं विष्णुना धृता। त्वं च धारय मां देवि पवित्रं कुरु चासनम्॥
पृथिव्यै नमः आधारशक्तये नमः
इसके बाद “ॐ केशवाय नमः, ॐ नारायणाय नमः, ॐ माधवाय नमः” कहते हुए गंगाजल का आचमन करें।
इन सबके बाद हम पूजा की संकल्प विधि लेते हैं। इसके लिए शांत मन से आंखों को बंद करके भगवान को प्रणाम करें और हाथ में जल लेकर के पूजा का संकल्प करें। संकल्प लेते समय हाथ में जल के साथ अक्षत (चावल) और फूल लें और इसके साथ में एक रूपए का सिक्का भी हाथ में लें और मन ही मन पूजन का संकल्प लें।
बता दें कि पूजा करते वक्त सबसे पहले भगवान गणेश और गौरी का पूजन करें। इसके बाद नवग्रहों की पूजा करें। इसके लिए हाथ में अक्षत और पुष्प लेकर के नवग्रह स्त्रोत का पाठ करें। यह पाठ करने के बाद भगवती षोडश मातृकाओं का पूजन किया जाता है। इन सभी के बाद पूजन के बाद 16 मातृकाओं को गंध, अक्षत व पुष्प प्रदान करते हुए पूजा करें। अब सभी देवी-देवताओं को तिलक लगाकर खुद को भी तिलक लगवाएं। इसके बाद मां महालक्ष्मी की पूजा आरंभ करें।
पूजन में सबसे पहले भगवान गणेश जी-लक्ष्मी जी की पूजा आरंभ करें। भगवान गणेश और लक्ष्मी जी की प्रतिमा के आगे 7,11 या 21 दिए जलाएं और मां लक्ष्मी को श्रृंगार की सामग्री अर्पण करें और इसके बाद भोग लगाएं। श्रीसूक्त, लक्ष्मीसूक्त व कनकधारा स्रोत का पाठ करें। आखिर में भगावन गणेश, मां लक्ष्मी और मां सरस्वती की पूजा करें और इस तरह से आपकी पूजा पूर्ण होती है।
पूजा के पूरे होने के बाद सभी देवी देवताओं से हाथ जोड़कर पूजा के दौरान हुई किसी भी भूल चूक के लिए प्रार्थना करें। मन में भगवान से कहें कि- मां मैं ना आह्वान करना जानता हूं, न विसर्जन करना। पूजा-कर्म भी मैं नहीं जानता। हे परमेश्वरी! मुझे क्षमा करो। मन्त्र, क्रिया और भक्ति से रहित जो कुछ पूजा मैंने की है, हे देवि! वह मेरी पूजा सम्पूर्ण हो। यथा-सम्भव प्राप्त उपचार-वस्तुओं से मैंने जो यह पूजन किया है, उससे आप भगवती श्रीलक्ष्मी प्रसन्न हों।
दोस्तों, उम्मीद करते हैं कि आपको हमारा यह आर्टिकल पसंद आया होगा। पसंद आने पर लाइक और शेयर करना न भूलें।
Facts About Chandratal Lake In Hindi: भारत में हज़ारों की संख्या में घूमने की जगहें…
Blood Sugar Control Kaise Kare: आज की भागदौड़ भरी ज़िंदगी में कई बीमारियों को समाज…
Gond Katira Khane Ke Fayde: आयुर्वेद विज्ञान से भी हज़ारों साल पुराना है। प्राचीन ग्रंथों…
Diljit Dosanjh Concert Scam: भारतीय गायक दिलजीत दोसांझ किसी परिचय के मोहताज नहीं है। वे…
Vayu Kon Dosha Kya Hota Hai: पौराणिक मान्यताओं व ज्योतिष शास्त्र के अनुसार ऐसा माना…
Parsi Death Ceremony in Hindi: दुनिया तेजी से बदल रही है और इसी क्रम में…