Ekadashi ko janme log: हर व्यक्ति अपने भूत या फिर भविष्य के बारे में जानने के लिए हमेशा उत्सुक रहता है। वह अपने स्वभाव और रुचियों से तो भली-भांति परिचित होता है, मगर फिर भी उसके मन में कई तरह के प्रश्न उठते रहते हैं और जिनका उत्तर पाने के लिए वह ज्योतिषीय सलाह लेते है। ज्योतिषियों के अनुसार जातक की कुंडली के ग्रहों से व्यक्ति के स्वभाव के बारे में काफी कुछ जाना जा सकता है। माना जाता है कि ज्योतिष विद्या से जन्म तिथि और जन्म लेने के समय को देखकर व्यक्ति के बारे में कई बातें बताई जा सकती हैं। ज्योतिषियों के मुताबिक बताया जाता है कि दिन में जन्म लेने वाले लोग रात में जन्में लोगों से कई मामलों में काफी ज्यादा अलग होते हैं। ऐसा माना जाता है कि रात में जन्में लोग काफी ज्यादा चिंतन-मनन करने वाले होते हैं, सिर्फ इतना ही नहीं ये काफी विलक्षण प्रतिभा वाले भी होते हैं और इन लोगों में सामान्य शब्दों में भी कही गई बात को परखने की क्षमता होती है और तो और ये लोग दार्शनिक सोच वाले भी होते हैं।
सनातन धर्म में एकादशी का बहुत महत्व है। इस दिन को पुण्य कार्य और ईश्वर की भक्ति के लिए बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। हिंदू पंचांग की ग्यारहवीं तिथि को एकादशी कहते हैं। यह तिथि प्रत्येक मास में दो बार आती है। एक पूर्णिमा के बाद और दूसरी बार अमावस्या के बाद। पूर्णिमा के बाद आने वाली एकादशी को कृष्ण पक्ष की एकादशी और अमावस्या के बाद आने वाली एकादशी को शुक्ल पक्ष की एकादशी कहते हैं। इन दोनों प्रकार की एकादशियों का भारतीय सनातन संप्रदाय में बहुत महत्त्व है। चूंकि हमारे हिन्दू धर्म में एकादशी को बहुत ही ज्यादा महत्त्व दिया जाता है और ऐसे में इस बात को और भी ज्यादा महत्त्व दिया जाता है कि इस तिथि में जन्म लेने वाले जातक बेहद ही अभूतपूर्व होते हैं।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि जिस प्रकार से अंग्रेजी में तारीख होती है, उसी प्रकार से हिन्दू महीने मे तिथि का मान होता है। प्रतिपदा से लेकर अमावस्या तक और फिर प्रतिपदा से लेकर पूर्णिमा तक दो पक्षों की तिथियां होती हैं। अमावस्या तक कृष्ण पक्ष की तिथियां कहलाती हैं और प्रतिपदा से लेकर पूर्णिमा तक की तिथियां शुक्ल पक्ष की तिथियां कहलाती हैं। तिथि का प्रभाव भी जातक पर उसी प्रकार से पड़ता है जैसे ग्रह और नक्षत्र का पड़ता है। आज हम बात करने जा रहे हैं एकादशी में जन्में लोगों के बारे में और साथ ही बात करेंगे इनके स्वभाव के बारे में भी।
एकादशी को हिन्दू धर्म में शुभ तिथि के रूप में जाना जाता है। आमतौर पर देखा जाता है कि एकादशी तिथि में वैवाहिक तथा मांगलिक कार्य, जनेऊ, देव प्रतिष्ठा, देवोत्सव, यात्रा, गृह प्रवेश, अलंकार, देवकार्य और व्रतोपवास आदि कार्य करना काफी शुभ माना जाता है। हालांकि, इसके अलवा एकादशी में जन्में जातक भी बहुत सौभाग्यशाली माने जाते हैं। इस दौरान जन्म लेने वाले जातक बेहद ही धनी होते हैं और कानून को मानने और मनवाने वाले भी होते हैं। सिर्फ इतना ही नहीं बल्कि आपको यह भी बता दें कि ये लोग अपने पूर्वजों की संपत्ति और मर्यादा को कायम रखना चाहते हैं। इस तिथि में जन्म लेने वाले व्यक्तियों के विचार शुद्ध होते हैं और धर्म कार्य में इनका विशेष लगाव होता है।
चूंकि एकादशी का दिन हमारे हिन्दू समाज में धार्मिक महत्त्व रखता है और वर्ष भर में इस तिथि पर कई सारे व्रत तथा पर्व आदि पड़ते हैं। निर्जला एकादशी, मोहनी एकादशी, देवशयनी एकादशी आदि कई ऐसी महत्वपूर्ण तिथियां हैं, जिनका काफी ज्यादा महत्त्व होता है और ऐसे में बताना चाहेंगे कि एकादशी तिथि में जन्मा जातक बेहद ही शुद्ध विचार वाला होता है। वह ना सिर्फ अपने माता-पिता तथा अन्य बड़ों की सेवा करने वाला बल्कि विनयी, राज-समाज में मान-सम्मान पाने वाला और सदाचारी भी होता है।
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