Ghar ke Mukhya Dwar Par: वास्तु शास्त्र में घर की हर एक छोटे छोटे कोने से लेकर दीवार और खिड़कियों को किस तरीके से सजाया जाए और किस दिशा में बनाया जाए इसका जिक्र किया गया है। आज हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से बताने जा रहे हैं। घर के मुख्य द्वार पर किन चीजों को रखने से घर में शांति का माहौल रहता है और घर में खुशियां आती है। वास्तु शास्त्र के मुताबिक घर के मुख्य द्वार को खुशियों का प्रवेश द्वार माना जाता है। यहीं से घर में खुशियों का वास होता है यही वह द्वार होता है जहां से घर में सम्पन्नता और समृद्धि का प्रवेश होता है। इतना ही नहीं घर का मुख्य द्वार ही घर में रहने वाले लोगों का भाग्य भी निर्धारित करता है। घर का मुख्य द्वार अगर सही ना हो तो घर में कभी भी खुशियों का वास नहीं हो सकता है।
कलश का अर्थ नहीं होता है संपन्नता, कलश का इस्तेमाल पूजा पाठ के दौरान किया जाता है। ऐसा इसलिए किया जाता है क्योंकि कलश शुक्र और चंद्र का प्रतीक होता है। कलश की स्थापना या तो मुख्य द्वार पर की जा सकती है या पूजा स्थल पर। अगर आप मुख्य द्वार पर कलश की स्थापना करते हैं तो कलश प्रमुख चौड़ा और खुला होना चाहिए। मिट्टी के कलश में पानी भरकर उसमें सुपारी और फूल की पंखुड़ियां डालकर मंत्रोच्चारण के साथ मुख्य द्वार पर स्थापना करें। इससे घर में संपन्नता का वास होता है।
मौली या कच्चे धागे में वंदनवार बनाकर मुख्य द्वार पर लगाया जा सकता है। यूं तो कई तरह के वंदनवार बाजार उपलब्ध होते हैं। लेकिन आम के पत्तों का वंदनवार सबसे शुभ और उचित माना जाता है। पूजा पाठ के दौरान मुख्य द्वार पर वंदनवार लगाया जा सकता है। अगर घर में कोई विशेष पूजा पाठ नहीं हो रहा है तब भी मंगलवार के दिन मुख्य द्वार पर इसे लगाया जा सकता है। आम के वृक्ष में बजरंगबली का वास होता है। आम के पत्तों में सुख को आकर्षित करने की क्षमता होती है। साथ ही इसके पत्तों से आने वाले सुगंध मन की चिंता को भी दूर करती हैं। यही कारण है की आम के पल्लव का प्रयोग कलश स्थापना के वक्त भी किया जाता है।
चार भुजाओं से बनी हुई एक विशेष आकृति को स्वास्तिक कहा जाता है। किसी भी तरह की ऊर्जा को बढ़ाने, घटाने या संतुलित करने के लिए स्वास्तिक का प्रयोग किया जाता है। स्वास्तिक का गलत प्रयोग मनुष्य को परेशानी में डाल सकता है। अगर इसका सही प्रयोग किया जाए तो यह जीवन की सभी समस्याओं को समाप्त कर सकता है। लाल और नीले रंग का स्वास्थ्य विशेष प्रभावशाली माना जाता है। घर के मुख्य द्वार पर दाहिने और बाएं दोनों दीवारों पर लाल रंग का स्वास्तिक लगाने से घर की वास्तु और दिशा दोष दूर हो जाते हैं। वहीं अगर मुख्य द्वार पर नीला स्वास्तिक लगाया जाए तो घर में रहने वाले लोगों का स्वास्थ्य ठीक रहता है।
घोड़े की नाल का सीधा संबंध शनि से होता है। घर से अगर शनि का दोष दूर करना है तो घोड़े की नाल का प्रयोग किया जाता है। लेकिन इस बात का ध्यान रखें कि नाल केवल काले घोड़े का ही होना चाहिए। साथ ही वह नाल चलते हुए घोड़े के पैर से टूटकर गिरा हुआ होना चाहिए। तभी नाल प्रभावशाली माना जाता है, एकदम नई और बिना इस्तेमाल किए गए नाल का कोई प्रभाव नहीं होता है। आपको घर के मुख्य द्वार पर घोड़े का नाल लगाना है तो शुक्रवार के दिन घोड़े का नाल लेकर आएं उसे पूरी रात सरसों के तेल में डूबा कर रख दें। शनिवार को घोड़े की नाल को निकालकर मुख्य द्वार पर ‘यू’ के आकार में ठोक दें। ऐसा करने से घर में रहने वाले सभी लोगों का शनि दोष ठीक रहेगा।
गणपति विघ्नहर्ता और रिद्धि सिद्धि के दाता होते हैं। वैसे तो घर की अलग-अलग दिशा और दीवारों पर गणपति की तस्वीर और मूर्ति लगाने से अलग-अलग प्रभाव देखने को मिलते हैं। लेकिन अगर घर के मुख्य द्वार पर गणपति की संपूर्ण प्रतिमा को स्थापित किया जाए तो घर में खुशहाली और शुभता का वास होता है। लेकिन एक बात का ध्यान रखें कि के द्वार पर गणपति की तस्वीर या मूर्ति लगाने से पहले किसी ज्योतिष से परामर्श जरूर ले लें। ऐसा ना करने से मुश्किलें बढ़ सकती हैं। गणपति के बीच की तरफ दरिद्रता होती है और पेट की तरफ संपन्नता, इसीलिए जब कभी भी मुख्य द्वार पर गणपति की मूर्ति या तस्वीर लगाएं तो ध्यान रखें कि उनका पीठ बाहर की ओर हो और पेट घर की ओर। ताकि घर के अंदर संपन्नता का प्रवेश हो और दरिद्रता घर से बाहर निकले। बाहर की तरफ गणेश जी के प्रतिमा लगाने से घर में धन का अभाव हो सकता है और दरिद्रता बढ़ती है। लेकिन अगर घर के बाहर कोई पूजा स्थल है और वहां गणपति की प्रतिमा स्थापित है तो इससे कोई आपत्ति नहीं है।
घर का मुख्य द्वार सदैव साफ सुथरा होना चाहिए। प्रातः काल में उड़ने के बाद सबसे पहले घर की सफाई करें और फिर द्वार पर पानी का छिड़काव करके साफ सफाई करें। अगर सुबह-सुबह कोई व्यक्ति आपके घर से किसी कार्य के लिए निकल रहा है तो उसके निकलने से पहले ही द्वार की सफाई करें। ऐसा करना कार्यक्षेत्र पर जाने वाले व्यक्ति के लिए शुभ होता है। अगर आप नियमित रूप से घर में पोछा नहीं लगाते हैं तो कोई बात नहीं लेकिन द्वार पर पानी का छिड़काव जरूर करें इससे घर में संपन्नता का प्रवेश होता है। मुख्य द्वार पर तुलसी का पौधा जरूर लगाएं इससे घर के अंदर शुद्ध वायु का प्रवेश होता है और कई सारी बीमारियां घर में प्रवेश करने से पहले ही समाप्त हो जाती है। अगर आप घर को लोगों के बुरी नजर से बचाना चाहते हैं तो मुख्य द्वार पर छुपाकर एक काला पुतला लटका दें। इससे आपके घर में किसी तरह की बुरी शक्तियां नहीं प्रवेश करेंगी।
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