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स्वर्ण मंदिर की सामुदायिक रसोई में कार्बन उत्सर्जन कम करने के लिए बायोगैस संयंत्र लगाने का फैसला किया है। अमृतसर के Golden Temple के रसोई घर में लगाया जाएगा बायोगैस प्लांट, रोज बनता है 1 लाख लोगों का खाना।
हरिमंदिर साहिब के लंगर भवन में हर रोज लाखों लोग लंगर खाते हैं। बहुत सारी सब्जियां भी लंगर के लिए आती है। कोई भी सब्जी किसी तरह वेस्ट न हो और इस वेस्टेज को रोकने के लिए एसजीपीसी बायो गैस प्रोजेक्ट पर काम कर रही है। इस धार्मिक स्थल को पर्यावरण अनुकूल बनाने के मकसद से यह कदम उठाया गया है। एसजीपीसी के सचिव दलजीत सिंह बेदी ने बताया कि हर दिन करीब एक लाख श्रद्धालुओं को भोजन खिलाने वाली स्वर्ण मंदिर की सामुदायिक रसोई चलाने के लिए बायोगैस संयंत्र लगाया जाएगा।
उन्होंने कहा, ‘‘हर दिन करीब एक लाख लोगों को भोजन खिलाया जाता है। एसजीपीसी वर्षा के जल का संचय भी शुरू करना चाहती है।’’ परियोजना के बारे में बात करते हुए अमृतसर नगर निगम आयुक्त सोनाली गिरी ने कहा कि हिंदुस्तान पेट्रोलियम कोरपोरेशन लिमिटेड (एचपीसीएल) के साथ मिलकर यह संयंत्र लगाया जाएगा।
हर रोज लंगर में सौ से अधिक एलपीजी सिलेंडरों की खपत होती है प्रोजेक्ट शुरू होने से यह भी कम हो जाएगी। इसी बीच नगर निगम कमिशनर सोनाली गिरी ने कहा कि श्री हरिमंदिर साहिब के लंगर घर में बायोगैस प्रोजेक्ट लगने से जहां पर्यावरण संरक्षण को बल मिलेगा।
वहीं एलपीजी सिलेंडरों खपत भी कम होगी। नगर निगम भी इस प्रोजेक्ट में हर तरह के सहयोग के लिए तैयार है। विशेषज्ञों ने इस प्रोजेक्ट के लिए रिपोर्ट तैयार कर ली है। अब काम शुरू होना है। टैकनीकल टीम ने इस की जांच भी कर ली है।
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