Interesting Facts About Puri Jagannath Temple In Hindi: सनातन संस्कृति में चार धामों का वर्णन है और ये चारों धाम, बद्रीनाथ, द्वारिका धीश, श्री रामेश्वरम और श्री जगन्नाथ पुरी हैं। इन चारों धामों की अपना एक विशेष महत्त्व है। चारों धामों में श्री जगन्नाथ पुरी एक पवित्र मंदिर है। यहाँ पर भगवान श्री कृष्ण अपने बड़े भाई बलराम और बहन सुभद्रा के साथ बाल स्वरुप में विराजमान हैं। यहाँ पर हर साल लाखों श्रद्धालु भगवान श्री कृष्ण और उनके बड़े भाई बलराम और बहन सुभद्रा के दर्शन के लिए आते हैं। इस मंदिर की महिमा और चमत्कारों की कहानियां आप सबने अक्सर सुनी होगी, लेकिन क्या आप जानते हैं कि जितनी प्रसिद्धि इस मंदिर के चमत्कारी होने की है ठीक उतनी ही प्रसिद्धि इस मंदिर के कुछ रोचक तथ्यों के बारे में भी है। इन रोचक तथ्यों को जानने के बाद आप स्वयं ही आश्चर्य में पड़ जाएंगे कि क्या सच में ऐसा कुछ होता है। आज के इस लेख में हम आपको श्री जगन्नाथ मंदिर से जुड़े हुए कुछ रोचक तथ्यों के बारे में विस्तार से बताएंगेश्री जगन्नाथ मंदिर से जुड़े हुए कुछ रोचक तथ्य :-
पौराणिक कथाओं के अनुसार, श्री जगन्नाथ मंदिर की देखभाल की जिम्मेदारी पक्षियों के राजा श्री गरुण की है और गरुण मंदिर के ऊपर इसकी रखवाली करते हैं। अब जब स्वयं पक्षियों के राजा जिस मंदिर की रखवाली करते हैं तो उसके ऊपर से कोई भी पक्षी उड़ने का दुस्साहस कैसे कर ले। इसके साथ ही अगर वैज्ञानिक दृष्टिकोण से देखें तो श्री जगन्नाथ मंदिर की ऊंचाई करीब हज़ार फ़ीट है। हज़ार फ़ीट की ऊंचाई में पंक्षियों के लिए उड़ना आसान नहीं है।
श्री जगन्नाथ मंदिर के ऊपर अष्टधातु का एक गोलाकार चक्र स्थापित है, जिसे नीलचक्र के नाम से जाना जाता है। ऐसा माना जाता है कि ये चक्र मंदिर के ऊपर से उड़ने वाले विमानों के संचार में व्यवधान उत्पन्न करता है, इसीलिए विमान मंदिर के ऊपर से नहीं गुजरते हैं। इसके साथ ही अगर वैज्ञानिक दृष्टिकोण से देखा जाए तो पुरी स्थित श्री जगन्नाथ मंदिर भारत के हवाई मार्गों के अंदर नहीं आता है, इसी वजह से पुरी स्थित श्री जगन्नाथ मंदिर के ऊपर से कोई भी विमान नहीं उड़ता है।
चाहे पानी में चलने वाला कोई शिप हो या फिर हवा में सूखने के लिए फैलाए गए कपड़े इनके उड़ने की दिशा वही रहेगी जिस ओर हवा का रुख रहेगा। लेकिन क्या आपको पता है कि पुरी स्थित श्री जगन्नाथ मंदिर का झंडा हमेशा हवा के विपरीत दिशा की ओर बहता है।
पुरी स्थित श्री जगन्नाथ मंदिर के शिखर पर सुदर्शन चक्र के रूप में दो रहस्य मौजूद हैं। इस सुदर्शन चक्र का पहला रहस्य इस इर्द गिर्द घूमता है कि ऊपर लगा चक्र लगभग 20 फ़ीट ऊँचा है और इसका वजन करीब एक टन है। तो उस समय में बिना किसी एडवांस तकनीकी मदद से सुदर्शन चक्र को कैसे स्थापित किया गया था। दूसरा रहस्य इस चक्र की वास्तुशिल्प संरचना है, क्योंकि आप जिस भी जगह से इस सुदर्शन चक्र को देखेंगे आपको हर एक जगह से इसकी संरचना एक समान ही दिखाई देगी।
हिन्दू पौराणिक कथाओं में, भोजन को बर्बाद करना बहुत ही अशुभ संकेत माना जाता है और यह मंदिर भी इसी चीज़ का अनुसरण करता है। रोज़ाना मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या लाखों में होती है और इन श्रद्धालुओं के लिए बनाया गया प्रसाद कभी व्यर्थ नहीं जाता है। हमेशा यहाँ पर ताज़े भोजन को ही प्रसाद के रूप में दिया जाता है।
श्री जगन्नाथ मंदिर में चार द्वार हैं और सिंहद्वारम मंदिर का प्रमुख द्वार है। सिंहद्वारम द्वार के बाहर तक आपको समुद्र की लहरों का शोर सुनाई देगा लेकिन जैसे ही आप सिंहद्वारम को पार करते हैं तो समुद्र की लहरों का शोर सुनाई देना बंद हो जाता है। जैसे ही आप मंदिर के बाहर आते हैं तो समुद्री लहरों का शोर आपको फिर से सुनाई देने लगता है।
श्री जगन्नाथ मंदिर में भगवान श्री जगन्नाथ जी एवं भक्तों के लिए प्रसाद बनाने के लिए पुजारियों के द्वारा परम्परागत तरीके का इस्तेमाल किया जाता है। प्रसाद तैयार करने के लिए ठीक सात बर्तनों को एक के ऊपर एक रखकर जलाऊ लकड़ी का इस्तेमाल करके बनाया जाता है। आपको यह जानकर हैरानी होगी कि सबसे ऊपर वाले बर्तन में रखा प्रसाद सबसे पहले बनकर तैयार हो जाता है और इसके बाद से धीरे धीरे करके उल्टे क्रम में रखे बर्तनों का प्रसाद पकता है।
तो यह थे पुरी स्थित श्री जगन्नाथ मंदिर(Interesting Facts About Puri Jagannath Temple In Hindi) के कुछ रहस्य।
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