धर्म

हज़ारों साल पुराना है बाबा विश्वनाथ के मंदिर का इतिहास, बेहद दिलचस्प है विध्वंस और निर्माण की गाथा।

Kashi Vishwanath Temple History In Hindi: वर्तमान स्थिति में वाराणसी स्थित ज्ञानवापी मस्जिद का मामला काफी तूल पकड़े हुए है। ज्ञानवापी मस्जिद में हुई खुदाई और वीडियोग्राफी के बाद सालों पुराने इतिहास को एक बार फिर से खंगाला जा रहा है। इस मामले को केंद्र में रखकर काशी विश्वनाथ मंदिर और ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर अलग अलग अवधारणाएं बाहर आ रही हैं। पौराणिक कथाओं की मानें तो काशी विश्वनाथ मंदिर का इतिहास कई हज़ारों साल पुराना है और यह भगवान भोलेनाथ के द्वादश ज्योतिर्लोंगों में से एक है। भगवान शिव का यह मंदिर देव नदी गंगा के किनारे स्थित है। काशी विश्वनाथ के मंदिर को विश्वेश्वर मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। विश्वेश्वर का अर्थ होता है “ब्रम्हांड का शासक”। यह मंदिर पिछले कई हज़ार वर्षों से पवित्र शहर वाराणसी में स्थित है। कई बार मुगल शासकों के द्वारा ध्वस्त किए जाने के बावजूब आज भी इस मंदिर की पवित्रता और अखंडता बनी हुई है। आज के इस लेख में हम आपको बाबा विश्वनाथ के मंदिर के इतिहास के बारे में विस्तार से बताएंगे।

काशी विश्वनाथ मंदिर का निर्माण(Kashi Vishwanath Temple History In Hindi)

Image Source: Sanatan Sinhnaad

विश्वनाथ मंदिर का इतिहास हज़ारों साल पुराना है और ये मंदिर गंगा नदी के पश्चिमी तट पर है। ऐसा कहा जाता है कि इस मंदिर का दोबारा निर्माण राजा हरीशचन्द्र ने करवाया था। 1194 ईसवी में मुगल आक्रमण कारी मुहम्मद गौरी ने मंदिर को पूरी तरह से ध्वस्त कर दिया था और फिर से मंदिर का निर्माण कराया गया। लेकिन 1447 ईसवी में जौनपुर के शासक महमूद शाह ने फिर से मंदिर में आक्रमण कर इसे ध्वस्त कर दिया। इतिहास के पन्नों में झाँकने के बाद यह पता चलता है कि 11 वीं से 15 वीं शताब्दी के बीच मंदिर के निर्माण और ध्वस्त करने की घटनाएं होती रहीं।

औरंगजेब ने कराया मंदिर ध्वस्त(Kashi Vishwanath Temple Story In Hindi)

Image Source: India TV News

सन 1585 में राजा टोडरमल की मदद से पंडित नारायण भट्ट ने एक दफा फिर से मंदिर का निर्माण कराया लेकिन इस बार 1632 में मुग़ल बादशाह शाहजहां ने मंदिर को ध्वस्त करने के लिए अपनी सेना भेजी और शाहजहां की सेना अपने मनसूबे को पूरा नहीं कर पाई। इसके बाद 18 अप्रैल 1669 को मुगल बादशाह औरंगजेब ने मंदिर को पूरी तरह से ध्वस्त कर दिया था।

1780 में हुआ मंदिर का पुनर्निर्माण(Kashi Vishwanath Ka Itihas)

औरंगजेब के द्वारा काशी विश्वनाथ मंदिर को ध्वस्त करने के बाद करीब 110 साल तक वहां पर कोई भी मंदिर नहीं था। वर्तमान में जो बाबा विश्वनाथ का मंदिर है उसका निर्माण होल्कर वंश की महारानी अहिल्याबाई ने सन 1780 में कराया था। इसके बाद महाराजा रणजीत सिंह ने अपने शाही ख़जाने से साल 1853 में 1000 किलोग्राम सोना दान दिया था।

विश्वनाथ मंदिर का आकार

विश्वनाथ प्रमुख शिवलिंग 60 सेंटीमीटर लंबा और 90 सेंटीमीटर की परिधि में है। मुख्य मंदिर के आस पास काल भैरव, कार्तिकेय, गणेश भगवान, भगवान श्री विष्णु, माता पार्वती और शनि देव के मंदिर हैं। मंदिर में सोने के 3 गुंबद हैं जिनको महाराजा रणजीत सिंह के द्वारा 1839 में लगवाया गया था।

*यह सभी जानकारी इंटरनेट के माध्यम से जुटाई गयी है।*

* तो यह था विश्वनाथ मंदिर का इतिहास।*

Facebook Comments
Adarsh Tiwari

सॉफ्टवेयर की पढ़ाई करते करते दिमाग हैंग सा होने लगा तो कहानियां पढ़ने लगा. फिर लिखने का मन किया तो लिखना शुरू कर दिया। अब आप पढ़कर बताइए की कैसा लिख रहा हूँ.

Share
Published by
Adarsh Tiwari

Recent Posts

हिमाचल प्रदेश की वो झील जहां अंधेरे में आती हैं परियां, जानें क्या है इस फेमस लेक का राज़

Facts About Chandratal Lake In Hindi: भारत में हज़ारों की संख्या में घूमने की जगहें…

2 weeks ago

घर में ही शुगर लेवल को ऐसे करें मैनेज, डॉक्टर के चक्कर काटने की नहीं पड़ेगी ज़रूरत

Blood Sugar Control Kaise Kare: आज की भागदौड़ भरी ज़िंदगी में कई बीमारियों को समाज…

2 weeks ago

इन बीमारियों का रामबाण इलाज है गोंद कतीरा, जानें इस्तेमाल करने का सही तरीका

Gond Katira Khane Ke Fayde: आयुर्वेद विज्ञान से भी हज़ारों साल पुराना है। प्राचीन ग्रंथों…

3 weeks ago

दिलजीत दोसांझ को फैन के साथ किया गया फ्रॉड, सिंगर के इस कदम ने जीता सबका दिल

Diljit Dosanjh Concert Scam: भारतीय गायक दिलजीत दोसांझ किसी परिचय के मोहताज नहीं है। वे…

3 weeks ago

आखिर क्या है वायु कोण दोष? जानिए ये कैसे होता है और इसके प्रभाव क्या हैं?

Vayu Kon Dosha Kya Hota Hai: पौराणिक मान्यताओं व ज्योतिष शास्त्र के अनुसार ऐसा माना…

4 weeks ago