Mangalwar Vrat Udyapan kaise karen: भगवान हनुमान के सभी भक्त मंगलवार के दिन व्रत रहते हैं और भगवान बजरंगबली की उपासना करते हैं। कहा जाता है कि, मंगलवार के दिन व्रत रखने से कुंडली पर मौजूद मंगल का दोष समाप्त हो जाता है। जो भी भक्त पूरी श्रद्धा के साथ मंगलवार का व्रत रखता है उसे भगवान हनुमान का विशेष आशीर्वाद मिलता है। इसके अलावा मंगलवार का व्रत रखने से साहस, समृद्धि, यश, बल और वैभव में बढ़ोत्तरी होती है और कुछ भक्त संतान की प्राप्ति के लिए भी इस व्रत को रखते हैं।
कहा जाता है कि, इस व्रत को रखने से जीवन में मौजूद सभी प्रकार की नकारात्मकता दूर होती है और जीवन में खुशहाली का आगमन शुरू हो जाता है। मंगलवार के व्रत का उद्यापन भी विधिपूर्वक किया जाता है और अगर ऐसा न हो तो फिर व्रत का फल नहीं मिलता है। आज के इस लेख में हम आपको मंगलवार व्रत के उद्यापन की पूरी विधि विस्तार पूर्वक बताएंगे।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, जब भई कोई भक्त लगातार 21 मंगलवार तक भगवान हनुमान को स्मरण करते हुए मंगलवार का व्रत रखता है तो उसकी सभी इच्छा की पूर्ति होती है। मंगलवार के दिन सूर्योदय से पहले स्नान करके ईशाण कोण या फिर हनुमान मंदिर में बजरंगबली की प्रतिमा के सामने बैठकर पूजा करनी चाहिए। ऐसी मान्यता है कि, भक्तों को इस दिन भगवान हनुमान को लाल चोला चढ़ाना चाहिए और व्रत का संकल्प लेना चाहिए।
इसके बाद भगवान की प्रतिमा के सामने घी का दीपक जलाकर पुष्प अर्पित करें। इसके बाद मंगलवार व्रत का पाठ करें और फिर आखिरी में सुंदरकांड का पाठ करके हनुमान जी की आरती करें।
अगर आप मंगलवार का व्रत करते हैं तो आपको बहुत ही सावधानी के साथ अपने दैनिक क्रियाकलापों को करना होगा, पूजा के समय मन को संयमित करें और पूरे दिन ब्रम्हचर्य का पालन करें। अगर किसी गरीब या ब्राह्मण को मीठी चीज का दान करते हैं तो उसे आप ग्रहण करने से बचें। अगर संभव हो सके तो इस दिन काले और सफेद वस्त्रों को धारण न करें और पूजा के दौरान लाल रंग के वस्त्रों को ही धारण करें। व्रत रखने वाले इंसान को मंगलवार के दिन केवल एक ही बार भोजन करना चाहिए।
लगातार 21 मंगलवार तक व्रत रखने के बाद 22 वें मंगलवार के दिन व्रत का उद्यापन किया जा सकता है। उद्यापन के लिए 22 वें मंगलवार के दिन विधि पूर्वक भगवान हनुमान की पूजा करें और उन्हें चोला अर्पित करें और अगर संभव हो सके तो मंदिर में आप ध्वज का भी दान कर सकते हैं। इसके बाद ब्राह्मण को भोजन कराने के बाद आप भी प्रसाद को ग्रहण कर अपने व्रत का उद्यापन करें।
Facts About Chandratal Lake In Hindi: भारत में हज़ारों की संख्या में घूमने की जगहें…
Blood Sugar Control Kaise Kare: आज की भागदौड़ भरी ज़िंदगी में कई बीमारियों को समाज…
Gond Katira Khane Ke Fayde: आयुर्वेद विज्ञान से भी हज़ारों साल पुराना है। प्राचीन ग्रंथों…
Diljit Dosanjh Concert Scam: भारतीय गायक दिलजीत दोसांझ किसी परिचय के मोहताज नहीं है। वे…
Vayu Kon Dosha Kya Hota Hai: पौराणिक मान्यताओं व ज्योतिष शास्त्र के अनुसार ऐसा माना…
Parsi Death Ceremony in Hindi: दुनिया तेजी से बदल रही है और इसी क्रम में…