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Mantra Therapy in Hindi: जैसा कि हम सभी जानते हैं प्राचीन काल में चिकित्सा विज्ञान नहीं हुआ करता था तब वैद और ऋषि मुनि आदि लोग जड़ी बूटी, औषधियों तथा गृह नक्षत्रों की गड़णा करके बीमारियों का पता लगाते थे और उसका इलाज करते थे। इस तरह की विधि से आज भी देश विदेश के कई हिस्सों में इलाज किया जाता है और तो और आपको यह भी बता दें कि अनादिकाल से ही ज्योतिष की विद्या से ग्रहों की गणना करके तमाम बीमारियों का पता लगाया जाता था कि मनुष्य को कौन सी बीमारी है या होने वाली है। उसके हिसाब से टोने-टोटको के प्रयोग के बारे में भी बताया जाता था जो आज भी काफी प्रचलित है।
चूंकि आज विज्ञान काफी उन्नत हो चुका है और शायद यही वजह है कि प्राचीन विधियों में लोगों की रूचि कुछ कम हो गयी है, मगर ख़त्म हो गयी है ऐसा भी नहीं है। आपकी जानकारी के लिए बताना चाहेंगे कि वैदिक मंत्रों का असर अब चिकित्सा विज्ञान भी मानने लगा है। यही कारण है कि कई बार खुद डॉक्टर भी अपने मरीजों का इलाज मंत्रों के माध्यम से कर रहे हैं। आयुर्वेद में मंत्रों की शक्ति को सदैव माना गया है। हाल ही एक शोध में ये बात सामने आयी है कि गायत्री मंत्र के नियमित जाप से दिमाग की शक्तियों का विकास होता है। तो चलिए आज हम आपको बताते हैं मंत्र थेरेपी यानी कि मंत्र चिकित्सा से क्या-क्या लाभ हो सकते हैं।
मंत्र जाप में इतनी शक्ति होती है कि इनसे कई तरह के रोगों का उपचार होता है। यहां तक कि इसको अध्यात्म का दवाखाना भी कहा जाता है। “ॐ रुद्राये नमह” उपरोक्त मंत्र को सिद्ध करने के लिए 6 महीने तक प्रतिदिन एक माला जाप करें। इस मंत्र के प्रभाव से कठिन एवं असाध्य रोगों पर विजय प्राप्त होती है। गंभीर रोग की स्थिति में पानी में देखकर मंत्र जाप करें और वो पानी रोगी को पीने के लिए दे दें, स्वयं बीमार हों तो भी ऐसा ही करें।
वैसे तो आमतौर पर हम सभी मंत्रों का उच्चारण देवी देवताओं की पूजा और आराधना के लिए करते हैं मगर मंत्रों की आराधना के लिए सात्विकता, शुद्धता, पवित्रता को बेहद ही आवश्यक माना गया है। इसमें स्थान एवं मुनि की शुद्धि का ध्यान अवश्य रखना होता है। चूंकि मंत्र हीलिंग भी शुद्ध अध्यात्म है, बेशक काया नश्वर है लेकिन मंत्र अजर-अमर है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि मंत्रों का प्रभाव सिर्फ हमारे दिल और दिमाग पर ही नहीं बल्कि वायु तथा आत्मा तक होता है। जब मंत्रों का उच्चारण करते हैं, उनकी ध्वनि को कानों से सुनते हैं तो शरीर का रोम-रोम असीम शक्ति और शांति का अनुभव करता है।
मंत्र चिकित्सा में महामृत्युंजय मंत्र का बड़ा महत्व है। महामृत्युंजय मंत्र के जाप से कैंसर व अन्य बड़ी बीमारियों के ठीक होने की प्रामाणिक बातें सामने आ चुकी हैं। बताया जाता है कि एकाग्रचित मन से शुद्ध रूप से अगर इस मंत्र का नियमित जाप किया जाये तो ऐसा करने से आपकी इच्छा शक्ति मजबूत होती है। इसके अलावा गायत्री मंत्र भी कई तरह के असाध्य रोगों के इलाज में बेहद ही कारगर माना गया है।
मंत्र थेरेपी से आप कई तरह के लाभ प्राप्त कर सकते हैं जैसे माइग्रेन, तनाव, अनिद्रा, दमा, ब्लड प्लेटिलेटस, डिप्रेशन, ऊपरी हवा, पुराने दर्द एवं अन्य पारिवारिक परेशानियों में इससे काफी लाभ मिलता है। संस्कृत भाषा में वर्णित इन मंत्रों के उच्चारण में मुंह की सभी मांसपेशियां एक साथ काम करती हैं। जीभ चारों दिशाओं में घूमती है। बहुत से लोगों को महामृत्युंजय मंत्र, गायत्री मंत्र व अन्य मंत्रों से फायदा मिला है। मंत्र आपकी वाणी, आपकी काया, आपके विचार सभी को प्रभावपूर्ण बनाते हैं और यही वजह है कि ‘हीलिंग’ को मंत्रों से जोड़कर उसे सर्वशक्तिदायक बनाया गया है।
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