Shiv Temple in Odisha: भारत देश अपनी अलग-अलग संस्कृतियों के साथ अपने रहस्यों और चमत्कारों के लिए जाना जाता है। आज भी भारत देश में कई ऐसे चमत्कार होते हैं, जिनसे आज तक लोग क्या विज्ञान भी पर्दा नहीं उठा पाया है। हमने आपको अपने आर्टिकल्स में इसके पहले भी कई ऐसे ही रहस्यों से भरे मंदिरों और स्थानों के बारे में बताया है जिसके रहस्य से आज तक पर्दा नहीं उठ सका है।
हमने आपको इसके पहले ऐसे मंदर के बारे में बताया जहां पर शिवलिंग का अभिषेक स्वयं गंगा मैया करती हैं। वहीं, एक ऐसी नदी जो एक साथ हजारों शिवलिंग का जलाभिषेक करती है और आज इसी कड़ी में हम आपको भगवान शिव के एक ऐसे ही चमत्कारी मंदिर के बारे में बताएंगे, जिसका चमत्कार जानकर आप भी हैरान रह जाएंगे। जी हां, भोले बाबा का यह मंदिर अपने चमत्कार को लेकर पूरे देश में काफी प्रसिद्ध है। लोग पहले तो इस चमत्कार को नहीं मानते हैं लेकिन यहां आकर खुद से देखने के बाद हर कोई इस बात को अपनी आंखों से देखता है और मान जाता है।
जी हां, आज हम आपको शिव भगवान के एक ऐसे मंदिर के बारे में बताएंगे जिसके अंदर का तापमान बहुत ही कम होता है और बाहर चाहे कितना भी तापमान हो मंदिर का गर्भ हमेशा ठंडा रहता है। इस मंदिर में कुदरत का अनोखा चमत्कार देखने को मिलता है। जहां मंदिर के बाहर का तापमान 50 से पार होता है वहीं मंदिर के अंदर कड़कड़ाती ठंड पड़ती है। मतलब मंदिर के बाहर और अंदर का तापमान एक-दूसरे के बिल्कुल विपरीत होता है। मंदिर के अंदर का ये चमत्कार देखकर हर कोई हैरान रह जाता है। इस मंदिर में ऐसा क्यों होता है इसका पता वैज्ञानिक भी नहीं लगा पाए हैं।
हम शिव भगवान के जिस मंदिर की बात कर रहे हैं वह मंदिर ओडिशा के टिटलागढ़ शहर में स्थित है। इस मंदिर में गर्मियों के समय भी मंदिर के अंदर ठंड का एहसास होता है। यह अनोखा मंदिर टिटलागढ़ शहर बलांगिर जिले में कुम्हड़ा पहाड़ी पर स्थित है। बता दें कि मई-जून के महीने में जब पूरा देश गर्मी की मार झेल रहा होता है तब इस पहाड़ी पर मौजूद इस चमत्कारी मंदिर का तापमान बहुत कम होता है। तापमान इतना कम होता है कि मंदिर में रहने वाले पुजारियों को गर्म कपड़ों और कंबल की आवश्यकता पड़ती है।
बता दें कि यह मंदिर जिस क्षेत्र में स्थित है उसे राज्य का सबसे गर्म क्षेत्र माना जाता है, लेकिन इसके बावजूद भी इस मंदिर के अंदर भयंकर ठंड पड़ती है। दरअसल, टिटलागढ़ के कुम्हड़ा पहाड़ पर शिव-पार्वती का ये मंदिर चट्टानों पर बना हुआ है और पथरीली चट्टानें बहुत जल्दी बहुत ज्यादा गर्म हो जाती हैं, लेकिन मंदिर के अंदर गर्मी का थोड़ा भी असर नहीं होता है, बल्कि मंदिर के अंदर बहुत ठंड होती है।
बता दें कि वैज्ञानिकों ने मंदिर के इस रहस्य को जानने और ऐसा होने की वजह पता लगाने की बहुत कोशिश की लेकिन वो इसमें असफल रहे। जिसके चलते आज तक इस मंदिर का यह रहस्य एक रहस्य ही बना हुआ है। वहीं लोगों की और उस मंदिर में रहने वाले पुजारियों की ऐसी मान्यता है कि इस मंदिर में यह जो ठंड रहती है और ठंडी हवा निकलती है वो मंदिर में स्थित शिव और पार्वती मां की मूर्तियों से निकलती है। मां पार्वती और शिव भगवान से निकलने वाली ये ठंडी हवा ही इस पूरे मंदिर परिसर को ठंडा रखती है। वहीं मंदिर के पुजारी का कहना है कि अक्सर ही गर्मियों में मंदिर का तापमान इतना गिर जाता है कि कंबल ओढ़ना पड़ता है।
बता दें कि पूरे भारत देश में इस तरह के हजारों चमत्कारी और रहस्यमयी मंदिर हैं, जिनके रहस्यों से आज तक पर्दा नहीं उठ सका है। लोगों की धार्मिक मान्यता के चलते लोग इन सभी जगहों पर दूर-दूर से दर्शन करने के लिए आते हैं। लोगों की धार्मिक मान्यता और भगवान के प्रति अटूट विश्वास इन रहस्यों को चमत्कार मान कर भगवान की भक्ति में सराबोर हो जाते हैं। पूरे देश में स्थित इस तरह के चमत्कारी और रहस्यमयी मंदिर लोगों के आकर्षण का केंद्र बने रहते हैं। यह मंदिर अपने रहस्यमयी और चमत्कारों के साथ अपनी धार्मिक मान्यताओं को लेकर भी लोगों के मन में भगवान के लिए आस्था और भक्ति की प्रतीक बने रहते हैं।
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