इस मंदिर में हर वर्ग के लोगों के आने के पीछे एक कहानी है। दरअसल तिरुपति मंदिर को प्रसिद्धि 15वीं शताब्दी में मिली। इतिहासकारों के मुताबिक पांचवी शताब्दी में यह मंदिर हिंदुओं का प्रमुख धार्मिक केंद्र बना। आगे चलकर 9वीं शताब्दी में इस मंदिर पर कांचीपुरम के पल्लव शासकों ने कब्जा जमा लिया। इस मंदिर को तमिल साहित्य में त्रिवेंगम कहा गया है। ऐसा कहते हैं कि इस मंदिर की उत्पत्ति वैष्णव संप्रदाय के लोगों ने किया है। वैष्णव संप्रदाय भगवान विष्णु को मानता है और उनकी यह मान्यता है कि सभी धर्म के लोग एक दूसरे के साथ समान भाव से मिलजुल कर रहें। यही कारण है कि यहां हर संप्रदाय और जाति के लोग भगवान् का दर्शन करने के लिए पहुंचते हैं।
एक नए माता-पिता के तौर पर, बच्चे के रोने की आवाज़ से ज़्यादा परेशान करने…
घर में एक नन्हे मेहमान का आना दुनिया की सबसे बड़ी खुशियों में से एक…
हिसार, हरियाणा – हरियाणा के हिसार जिले के भाटोल जाटान गांव की कीर्ति बामल, जो…
मध्य प्रदेश, जिसे हम गर्व से Heart of Incredible India कहते हैं, अब सिर्फ घूमने…
अगर आप भारतीय रेलवे की ऑनलाइन टिकट बुकिंग सेवा IRCTC का इस्तेमाल करते हैं, तो…
Facts About Chandratal Lake In Hindi: भारत में हज़ारों की संख्या में घूमने की जगहें…