इन दिनों ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट टीम भारत के दौरे पर हैं और दोनों के बीच वनडे सीरीज़ खेली जा रही है। क्रिकेट में दोनों ही टीमों का बोलबाला है। जब भी दोनों टीमें मैदान पर उतरती हैं तो वो मैच अविस्मरणीय हो जाता है। क्योंकि मुकाबला टक्कर का होता है। अभी दोनों के बीच एक मैच खेला जा चुका है जिसमें ऑस्ट्रेलिया टीम को 10 विकेट से जीत हासिल हुई थी। लेकिन सीरीज़ के बाकी मैचों को जीतने में भारतीय टीम कोई कोर कसर नहीं छोड़ेगी।
खैर, खेल में हार जीत लगी ही रहती है लेकिन कई बार ऐसे भी मौके आए जब ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ भारतीय बल्लेबाज़ों ने शानदार पारी खेलकर कंगारूओं के छक्के छुड़ा दिए। भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच खेले गए मैचों में कई बार भारतीय बैट्समैन के बल्लों का जादू इस कदर छाया कि जिसने भी देखा वो हैरान ही रह गया है। आज हम आपको सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज़ों के नाम बताएंगे जिन्होने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेले गए मैच में तूफानी पारी खेलते हुए मैच को यादगार बना दिया। इस लिस्ट में सबसे ऊपर नाम आता है रोहित शर्मा का।
रोहित शर्मा आज के दौर के बेहतरीन बल्लेबाज़ों में से एक हैं। विराट कोहली की गैरमौजूदगी में भारतीय क्रिकेट टीम की कप्तानी का जिम्मा अकसर रोहित शर्मा ही संभालते नज़र आते हैं। वहीं अपने बल्ले के दम पर रोहित शर्मा ने भारतीय टीम को कई बार शानदार जीत भी दिलाकर देश को गौरव करने का मौका दिया है। लेकिन ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 2 नवंबर, 2013 को खेली गई उनकी पारी भुलाए नहीं भुलाई जा सकती। ये मैच भारत में ही खेला गया है। भारत बनाम ऑस्ट्रेलिया के बीच पहले से ही सीरीज़ 2-2 से बराबरी पर थी ऐसे में 2 नवंबर को खेला जाने वाला ये मैच काफी अहम था जिस पर पूरे देश की निगाहें टिकी थीं। कोहली शून्य पर ही पवेलियन लौट चुके थे ऐसे में सभी को उम्मीदें थीं रोहित शर्मा से। और रोहित शर्मा ने अपने देशवासियों की उम्मीदों को टूटने नहीं दिया। उस मैच में रोहित ने 158 गेंदों पर 209 रन बनाकर भारतीय टीम को शानदार जीत दिलाई। रोहित ने 12 चौके और 16 छक्कों की मदद से इतना अच्छा स्कोर खड़ाकिया।
मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर। जिन्हे क्रिकेट का भगवान कहा जाता है। कई मौकों पर सचिन ने शानदार पारियां खेली हैं लेकिन 2009 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेले गए एक मैच के लिए सचिन तेंदुलकर को खासतौर से याद किया जाता है। इस मैच में ऑस्ट्रेलिया ने 350 रन बनाए थे। उस दौर में 350 रन का स्कोर काफी बड़ा माना जाता था जिसे पार पाना बेहद ही मुश्किल होता था। भारतीय टीम ने इस मैच को जीतने के लिए अपनी जी जान लगा दी। बारी आई सचिन तेंदुलकर की तो उन्होने इस मैच में 141 गेंदों पर 175 रनों की शानदार पारी खेली। यही वो मैच भी था जिसमें सचिन ने अपने करियर का 45वां वनडे शतक लगाया था। सचिन और रैना की इस साझेदारी ने पिच पर ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाज़ों के छक्के छुड़ा दिया। हालांकि रैना और सचिन के आउट होने के बाद भारत इस मैच को जीत नहीं पाया लेकिन इस मैच में भारतीय बल्लेबाज़ों का लोहा ऑस्ट्रेलिया ने भी माना।
इस लिस्ट में तीसरे नंबर पर भी सचिन तेंदुलकर का नाम ही आता है। 2009 से पहले 1998 में भी सचिन ने कुछ ऐसा ही करिश्मा कर दिखाया था। 1998 में भारत, न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया के बीच शारजाह में त्रिकोणीय टूर्नामेंट हो रहा था। और फाइनल में पहुंचने वाली दो टीमें थीं भारत और ऑस्ट्रेलिया। इस मैच के दौरान रेत का तूफान भी आया और मैच 25 मिनट डिले भी हो गया था जिसके बाद मैच में जीत के टारगेट को 50 ओवर से घटाकर 46 ओवर और 285 रनों को कम करके 277 रन कर दिया गया था। तब तूफान के बाद सचिन ने इस मैच में 143 रन बनाए और उनकी इसी तूफानी पारी के चलते सचिन को डेजर्ट स्टॉर्म नाम दे दिया गया। इस मैच को सचिन तेंदुलकर की ही बदौलत भारतीय टीम ने जीत लिया और ये टूर्नामेंट अपने नाम कर लिया था।
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