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Bishan Singh Bedi Biography In Hindi: भारत में क्रिकेट का क्रेज़ बहुत ज़्यादा है। पिछले तीस चालीस सालों में क्रिकेट भारत में देखे जाने वाला और खेले जाने वाला नंबर वन स्पोर्ट बन चुका है। लेकिन उसके पहले भी टीम इंडिया की अपनी नेशनल क्रिकेट टीम थी। उस समय के क्रिकेटर आज के जैसे फेमस नहीं हुआ करते थे। लेकिन इसके बाद भी बिशन सिंह बेदी जी का नाम सभी देशवासियों के ज़ुबान पर रहता था। बिशन सिंह बेदी जी एक फिरकी गेंदबाज़ थे। वे इतने कमाल के गेंदबाज़ थे कि बड़ी से बड़ी टीमों के बैटिंग लाईन अप को अकेले तबाह कर देते थे। विदेशी बल्लेबाज़ उनसे बहुत ज़्यादा डरा करते थे। उनकी बॉल को समझ पाना बहुत मुश्किल होता था। कुछ दिनों पहले उनकी एक सर्जरी हुई थी। वे इस सर्जरी से रिकवर नहीं हो सके। हाल ही में बिशन सिंह बेदी जी का निधन हुआ है। ऐसे में हम आज के इस आर्टिकल में उनकी जीवन कहानी बताने जा रहे हैं।
बिशन सिंह बेदी जी का जन्म 25 सितंबर 1946 को पंजाब के अमृतसर में हुआ था। बिशन जी का बचपन से ही क्रिकेट से बहुत ज़्यादा लगाव रहा था। दुनिया के सर्वश्रेष्ठ स्पिन स्पिनरों में से एक बिशन सिंह बेदी ने भारतीय क्रिकेट टीम के लिए कुल 67 टेस्ट मैच खेले और 266 विकेट अपने नाम किया। इन 67 में से 22 मैचों में उन्होंने भारतीय क्रिकेट टीम की कप्तानी भी की। साल 1966 में वेस्टइंडीज के खिलाफ पदार्पण करने के बाद उन्होंने 1979 में इंग्लैंड के खिलाफ ओवल में अपना अंतिम टेस्ट मैच खेला। इसके अलावा, बेदी ने इंग्लिश काउंटी क्रिकेट में नॉर्थम्पटनशायर का प्रतिनिधित्व किया। अपने फर्स्ट क्लास कैरियर में उन्होंने कुल 1,560 विकेट लिये जो आज भी रिकॉर्ड है। आपको बता दे कि बिशन सिंह बेदी जी के दौर में वनडे या T20 फॉर्मेट नहीं हुआ करते थे। बिशन सिंह जी के साथ क्रिकेट खेले सैयद किरमानी ने एक बार उनके बारे में एक टिप्पणी की थी। उन्होंने कहा था कि बेदी एक ही ओवर में छह तरह की गेंदें फेंक सकते थे। बिशन सिंह बेदी जी ने भारतीय क्रिकेट टीम को अच्छी मैच फी, अच्छे होटल और अन्य फेसिलिटी दिलाने के लिए भी बहुत संघर्ष किया।
बिशन सिंह बेदी जी जब क्रिकेट खेला करते थे तब आज की तरह क्रिकेट आसान नहीं हुआ करता था। भारत में तो उस समय क्रिकेटरों को बहुत ही कम लोग पहचानते थे। क्रिकेटरों को पैसे भी बहुत ही ज़्यादा कम मिला करते थे। ऐसे समय और हालात में भी बिशन सिंह बेदी जी ने अपना नाम पूरी दुनिया में मशहूर बना लिया था। आज तक कोई भी भारतीय बॉलर प्रथम श्रेणी क्रिकेट में इतना विकेट नहीं ले सका जितना बेदी जी ने लिया है। बिशन जी ने फर्स्ट क्लास कैरियर में 1560 विकेट निकाले। इसका सबसे बड़ा कारण ये भी था कि उस समय के नेशनल क्रिकेटर भी घरेलू क्रिकेट खेला करते थे। आज के अधिकतर नेशनल लेवल के क्रिकेटर इंटरनेशनल डेब्यू के बाद घरेलू क्रिकेट में बिल्कुल भी ध्यान नहीं देते हैं।
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