Most ODI Matches as a Captain: क्रिकेट के खेल में एक कप्तान की भूमिका को काफी अहम् माना जाता है क्योंकि वो कप्तान ही होता है जो किसी भी परिस्थिति में अपनी टीम को नहीं छोड़ता है और हमेशा टीम को आगे से ही लीड करता है। कप्तानी की जिम्मेदारी हमेशा उस खिलाडी को दी जाती है जिसके अंदर सेलेक्टर्स को नेतृत्व के गुण नजर आते हैं। कप्तानी शब्द सुनने में जितना आसान लगता है हक़ीक़त में वह बिलकुल इसके विपरीत है। जब भी टीम के ऊपर किसी भी प्रकार का संकट आता है तो कप्तान टीम के लिए एक ढाल का काम करता है। एक कप्तान को मुख्य रूप से शातिर दिमाग का होना चाहिए जब भी विरोधी टीम आपकी ओर आक्रामक रवैया अपनाये तो कप्तान मैदान के अंदर ही कोई रणनीति बनाकर काउंटर अटैक कर सके। क्रिकेट इतिहास में जब भी सफल कप्तानों की बात होती है तो हमारे जहन में क्लाइव लॉयड, इमरान खान, कपिल देव के जैसे और भी बहुत से दिग्गज कप्तानों की इमेज आती है। आज के इस लेख में हम आपको वनडे क्रिकेट इतिहास के कुछ ऐसे ही सफल कप्तानों के बारे में बताएँगे जिन्होंने लम्बे समय अंतराल तक टीम की बागडोर सम्हाली।
Player | Span | Mat | Won | Lost | Tied |
R Ponting (AUS) | 2002-2012 | 230 | 165 | 51 | 2 |
S Fleming (NZ) | 1997-2007 | 218 | 98 | 106 | 1 |
MS Dhoni (IND) | 2007-2018 | 200 | 110 | 74 | 5 |
A Ranatunga (SL) | 1988-1999 | 193 | 89 | 95 | 1 |
A Border (AUS) | 1985-1994 | 178 | 107 | 67 | 1 |
एलन बॉर्डर को ऑस्ट्रेलियन क्रिकेट बोर्ड के द्वारा साल 1985 में कप्तान नियुक्त किया गया, करीब 9 साल के लम्बे कप्तानी करियर के बाद साल 1994 में एलन बॉर्डर ने ऑस्ट्रेलिया के वनडे टीम की कप्तानी से इस्तीफा दे दिया।
एलन बॉर्डर ने अपने कप्तानी करियर में 178 वनडे मैचों में कंगारू टीम का प्रतिनिधित्व किया जिसमें से 107 मैचों में जीत मिली जबकि 67 मैचों में हार का सामना करना पड़ा। एलन बॉर्डर की कप्तानी में 1 मैच टाई और 3 मैच बेनतीजा घोषित हुए। एलन बॉर्डर की कप्तानी में ऑस्ट्रेलिया ने साल 1987 में आयोजित वनडे विश्वकप जीता था।
श्रीलंकाई क्रिकेट बोर्ड की ओर से साल 1988 में अर्जुन रणातुंगा को वनडे टीम का कप्तान नियुक्त किया गया। करीब 11 साल के लम्बे कप्तानी करियर के बाद अर्जुन रणातुंगा ने साल 1999 में वनडे टीम की कप्तानी के पद से इस्तीफा दे दिया। अर्जुन रणातुंगा ने अपने कप्तानी करियर में 193 वनडे मैचों में श्रीलंकाई टीम का प्रतिनिधित्व किया, जिसमें से श्रीलंकाई टीम को 89 मैचों में जीत मिली और 95 मैचों में हार का सामना करना पड़ा जबकि एक मैच टाई रहा और 8 मैच बेनतीजा घोषित हुए। श्रीलंका क्रिकेट टीम ने अभी तक मात्र एक विश्वकप का ख़िताब जीता है और यह ख़िताब उन्हें साल 1996 के विश्वकप में अर्जुन रणातुंगा की कप्तानी में मिला था।
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भारतीय क्रिकेट बोर्ड ने साल 2008 में वनडे क्रिकेट की कप्तानी महेंद्र सिंह धोनी को सौंपी, धोनी ने अपने कप्तानी में भारतीय क्रिकेट टीम को 28 साल के एक बाद एक बार फिर से वनडे क्रिकेट का बादशाह बनाया इसके बाद 2013 में धोनी ने चैम्पियन ट्रॉफी में टीम इण्डिया को चैम्पियन बनाकर अपना नाम महानतम कप्तानों की लिस्ट में दर्ज करवा लिया। महेंद्र सिंह धोनी ने 9 साल के लम्बे कप्तानी करियर के बाद साल 2017 में टीम की कप्तानी से इस्तीफा दे दिया। धोनी ने अपने कप्तानी करियर में 200 वनडे मैचों में कप्तानी की जिसमें से 110 वनडे मैचों में टीम को जीत और 74 वनडे मैचों में हार का सामना करना पड़ा। जबकि धोनी की कप्तानी में 5 वनडे मैच टाई और 11 मैच बेनतीजा घोषित हुए।
न्यूजीलैंड क्रिकेट बोर्ड ने साल 1997 में स्टीफन फ्लेमिंग को न्यूजीलैंड वनडे टीम का कप्तान नियुक्त किया। अपने 10 साल के लम्बे कार्यकाल के बाद स्टीफन फ्लेमिंग ने साल 2007 में कप्तानी के पद से इस्तीफा दे दिया। फ्लेमिंग ने अपने वनडे करियर में 218 मैचों में कप्तानी की जिसमें से कीवी टीम को 98 मैचों में जीत और 106 मैचों में हार का सामना करना पड़ा। जबकि 1 मैच टाई और 13 मैच बेनतीजा घोषित हुए।
ऑस्ट्रेलियन क्रिकेट बोर्ड ने साल 2002 में रिकी पोंटिंग को आस्ट्रेलिया क्रिकेट टीम का वनडे मैचों का कप्तान नियुक्त किया। करीब 10 साल के लम्बे कप्तानी करियर के बाद साल 2012 में रिकी पोंटिंग ने अपने कप्तानी पद से इस्तीफा दे दिया। रिकी पोंटिंग की कप्तानी में ऑस्ट्रेलियन क्रिकेट टीम अपने करियर के स्वर्णिम दौर में थी। रिकी पोटिंग ने अपने वनडे कप्तानी करियर में 230 मैचों में टीम को लीड किया, जिसमें से 165 मैचों में टीम को जीत और 51 मैचों में टीम को हार का सामना करना पड़ा। जबकि 2 मैच टाई रहे और 12 मैच बेनतीजा घोषित हुए। रिकी पोंटिंग ने अपने कप्तानी में 3 लगातार वनडे विश्वकप में ऑस्ट्रेलिया का प्रतिनिधित्व किया जिसमें से 2003 और 2007 के विश्वकप में पोंटिग ने आस्ट्रेलिया को विजय दिलाया जबकि 2011 के विश्वकप में आस्ट्रेलियाई टीम को क्वार्टर फाइनल में हार का सामना करना पड़ा।
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