फ़ोन के कैमरे दिन प्रतिदिन अच्छे होते जा रहे है परन्तु फ़ोन कैमरा और DSLR कैमरा में ज़मीन-आसमान का अंतर नज़र आता है। आज भी शादी और अन्य समारोह में अच्छी गुणवत्ता की फोटो खींचने के लिए DSLR कैमरा का उपयोग किया जाता है। DSLR कैमरा को अब तक के सबसे लोकप्रिय कैमरा में से एक माना गया हैं। ये कैमरा कई प्रकारों के लेंस के साथ भी काम कर सकते हैं। आज इस लेख में हम आपको DSLR कैमरा के बारे में पूरी जानकारी देंगे।
DSLR की फुल फॉर्म है “डिजिटल सिंगल लेंस रिफ्लेक्स” “Digital Single Lens Reflex”, अगर आसान भाषा में कहा जाए तो DSLR कैमरा SLR कैमरा का अपग्रेडेड वर्जन है। SLR कैमरा को लोग पहले इस्तेमाल करते थे परन्तु समय के साथ उसमे बदलाव किये गए और DSLR कैमरा बनाया गया जो की कई मामलो में SLR से अच्छा माना जाता है। डिजिटल पहलू का मतलब है कि तस्वीर लेने के लिए एक डिजिटल सेंसर का उपयोग। डिजिटल फोटोग्राफी के ज़रिये आप तस्वीरो को तुरंत देख सकते है और उसे डिलीट भी कर सकते है। DSLR कैमरा में और भी एडवांस फीचर्स होते है जो इस कैमरे को ख़ास बनाते है।
1 लेंस
2 रिफ्लेक्स मिरर
3 शटर
4 इमेज सेंसर
5 फोकसिंग स्क्रीन
6 कंडेंसर लेंस
7 पेन्टाप्रिज़्म
8 व्यू-फाइंडर
जब आप कैमरे के पीछे के व्यू-फाइंडर के माध्यम से देखते हैं, तब उसमे से जो भी आप देख सकते हैं वह कैमरे से जुड़े लेंस के माध्यम से गुजरता है, जिसका अर्थ है कि आप वह दृश्य कैप्चर कर सकते हैं। जिस दृश्य को आप कैप्चर करने का प्रयास कर रहे हैं, वह लेंस के माध्यम से एक रिफ्लेक्स मिरर में गुजरता है, जो कैमरा चेंबर के अंदर 45 डिग्री के कोण पर स्तिथ होता है, वो उस दृश्य को लंबवत रूप में एक प्रकाशीय तत्व पर भेजता है जिसे “पेन्टैप्रिज्म” कहते है। पेन्टैप्रिज्म फिर दो अलग-अलग दर्पणों के माध्यम से दृश्य को पुनर्निर्देशित करके लंबवत रूप को तिरछे रूप में परिवर्तित करता है।
जब आप एक तस्वीर लेते हैं, तो रिफ्लेक्स मिरर ऊपर की ओर झूलता है, लंबरूप मार्ग को रोकता है और प्रकाश को सीधे अंदर जाने देता है। फिर, शटर खुलता है और प्रकाश को इमेज सेंसर तक पहुंचाता है। छवि को रिकॉर्ड करने के लिए इमेज सेंसर को जितना समय लगता है उतने समय तक शटर खुला रहता है, फिर शटर बंद हो जाता है और रिफ्लेक्स मिरर 45 डिग्री के कोण पर वापस लौटता है ताकि व्यू-फाइंडर में प्रकाश को फिर से निर्देशित किया जा सके।
जाहिर है, यह प्रक्रिया यहीं नहीं रूकती है। इसके बाद कैमरे पर बहुत सारी छवि प्रकाशित होती है। कैमरा प्रोसेसर इमेज सेंसर से जानकारी लेता है, इसे एक उपयुक्त प्रारूप में परिवर्तित करता है, फिर इसे मेमोरी कार्ड में सेव करता है।
इस पूरी प्रक्रिया में बहुत कम समय लगता है। कुछ DSLR कैमरा एक सेकंड में ग्यारह से ज्यादा बार ऐसा कर सकते हैं।
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