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Ayodhya Mein Ghumne Ki Jagah: श्रीराम की नगरी अयोध्या (Ayodhya) आज के समय में हर कोई जानने लगा है। यहां तक की विदेश में भी अयोध्या के बारे में बातें हो रही हैं, ऐसा इसलिए क्योंकि भारत का सबसे बड़ा मुद्दा खत्म होने की कगार पर है। बीजेपी जिस मुद्दे पर चुनाव लड़ती है वो अब जल्द ही खत्म होने वाला है क्योंकि अयोध्या राममंदिर और बाबर मस्जिद पर फैसला आने वाला है। ये फैसला किसी भी दिन आ सकता है लेकिन इसपर सतर्कता अभी से होने लगी है और हर जगह काफी फोर्स एलर्ट है। फैसला किसी पर भी आए लेकिन अब ये ऐतिहासिक घटना हो गई है जिसे देखने अब देश-विदेश के लोग आएंगे।
अयोध्या भारत के तीर्थ स्थानों में बेहद अहम स्थान माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि अयोध्या भगवान श्रीराम की जन्मभूमि है और ये नगर बहुत ही प्राचीन होने के साथ ही सरयू नदी तट पर भी बसा है। ये शहर यूपी के फैजाबाद जिले में है, वैसे तो अयोध्या में दर्शनीय स्थानों की भरमार है लेकिन यहां आने वाले को कुछ स्थान जरूर घूमना चाहिए।
अयोध्या के बीचोंबीच बने हनुमानगढ़ी में रामभक्त हनुमानजी की विशाल मूर्ति रखी है। ऐसी मान्यता है कि अयोध्या में सबसे पहले हनुमानगढ़ी मंदिर में बजरंगबली के दर्शन करते हुए उनका आशीर्वाद लेना अच्छा होता है। इसके पीछे ‘राम दुआरे तुम रखवाले, होत ना आज्ञा बिनु पैसारे..’ वाली मान्यता दिखाई देती है। यानी हनुमानजी की कृपा के बिना किसी को रामजी का आशीर्वाद नहीं मिल पाता है। हनुमान जी को समर्पित इस मंदिर का निर्माण 10वीं सदी में किया गया था और पहाड़ी पर स्थित इस मंदिर तक जाने के लिए 76 सीढ़ियां पार करनी होती हैं।
अयोध्या का कनक भवन बहुत ही विशाल मंदिर माना जाता है। यहां पर राम-जानकी की मूर्ति श्रद्धालुओं को मोहित कर देती है। कनक भवन सोने का घर के नाम से भी जाना जाता है, जहां पर भगवान राम और सीता माता की सोने के मुकुट वाली मूर्तियां स्थित हैं। ये बहुत ही भव्य और सुंदर महल है और ऐसा माना जाता है कि विवाह के बाद माता कौशल्या भगवान राम की पत्नी सीता को ये मुंहदिखाई में दी थीं।
नागेश्वर मंदिर का निर्माण भगवान राम के बेटे कुश ने करवाया था। ये भगवान शिव को समर्पित मंदिर है और यहां पर शिवरात्री या दूसरे शिव जी के पूजन के मौके पर बड़ी संख्या में लोग आते हैं। यहां पर बहुत ही धूमधाम से पूजा-अर्चना की जाती है।
शुजाउद्दौला के मकबरे के चारों तरफ फैले इस गुलाब के बगीचे में हर तरह के गुलाब के फूल लगे हैं जो आपको बहुत आकर्षक लगेंगे। इस स्थान को गुलाबबाड़ी के बगीचे के अलावा यहां मौजूद इमामबाड़ा और मस्जिद भी स्थित है।
शहर के मध्य में स्थित दशरथ भवन वो जगह है जहां पर श्रीराम के पिता और अयोध्या के राजा दशरथ निवास करते थे। यह एक भव्य महल है जिसे अच्छी तरह से सजाया गया है और लोग यहां पर दर्शन करने के लिए आते हैं।
मणि पर्वत को काफी धार्मिक और पौराणिक माना जाता है। यहां की ऐसी मान्यता है कि युद्ध में बुरी तरह से जख्मी हुए भगवान श्रीराम के भाई लक्ष्मण के उपचार के लिए संजीवनी बूटी यहीं से आई थी। संजीवनी बूटी की तलाश में हनुमान जी ने पूरे पहाड़ को ही उठा लिया था और उस विशाल पर्वत का एक भाग अयोध्या में गिरा जिसे मणि पर्वत के नाम से जाना जाता है। मणि पर्वत से पूरे शहर के मनोरम दृश्य के अलावा सम्राट अशोक द्वारा निर्मित स्तूप एवं बौद्ध मठ भी दिखता है।
यहां पर असल में सीता मां की रसोई नहीं बल्कि एक मंदिर है। ऐसा माना जाता है कि सीता जी की रसोई यहीं पर थी और मंदिर के एक कोने में पुराने रसोई घर का एक मॉडल भी है जहां प्राचीन बर्तनों का नमूना भी है। मंदिर परिसर के दूसरे किनारे में राम, लक्ष्मण, भरत और शत्रुघ्न और उनकी पत्नियां विराजमान हैं।
श्रीराम के जन्मस्थान पर अभी रामलला मूर्ति विराजमान है। यहां पर भक्त लंबी लाइन लगाकर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच रामलला के दर्शन करते हैं। मगर जैसे ही फैसला आ जाएगा और हिंदू पक्ष में हुआ तो मंदिर यहीं पर बनाया जाएगा।
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