भारत में बहुत सारी जगहें घूमने की हैं और उम्मीद है कि आप भी कई जगह घूम भी चुके होंगे। मगर हम जिन जगहों की बात करने जा रहे हैं वो अपने आप में बेहद खास है। भारत के मशहूर ब्रांड बिरला ग्रुप के बारे मे तो आपने सुना ही होगा इन्होंने इंडस्ट्रियल सेक्टर से लेकर कई दूसरी जगहों पर अपनी ख्याति उपलब्ध की है। मगर इनके द्वारा निर्मित मंदिरों के बारे मे आपने शायद ही सुना होगा। Birla Temples in India मुख्य रूप से सिर्फ 5 जगहों पर हैं जिनमें जयपुर, कानपुर, कोलकाता और दिल्ली जैसे बड़े शहर शामिल हैं।
बिरला परिवार मुख्य रूप से राजस्थान में सहपरिवार रहता है और इनकी सियासत 18वीं सदी से चली आ रही है। इनमें कई भाई हैं जो पूरा कारोबार देखते हैं और इनके परिवार के कई लोग देश-विदेश के अलग-अलग हिस्सों में रहते हैं। मुगलकाल के बाद दिल्ली और कोलकाता में एक भी मंदिर नहीं थे जिसका दुख बिरला परिवार को रहा और फिर उन्होंने तय किया कि वे इन जगहों के साथ कुछ और शहरों में भी भव्य मंदिर बनवाएंगे। फिर बिरला परिवार ने कई हिंदू मंदिरों को अलग ही रचना दी जिसमें वास्तुकला का खास ध्यान रखा गया। बिरला ग्रुप ने देश के जिन शहरों में मंदिर स्थापित किया उन मंदिरों में ज्यादातर श्रीविष्णु भगवान-लक्ष्मी, शिवजी और श्रीराधाकृष्ण जी की मूर्ति स्थापित है
बिरला परिवार ने सबसे पहले दिल्ली में लक्ष्मीनारायण मंदिर बनवाया और मुख्य रूप से यहां इन्हीं की पूजा होती है। साल 1939 में इस मंदिर का निर्माण किया गया था और तब से आज तक लोग यहां घूमने के लिए जाते हैं। यहां का आकर्षण आपको अपनी तरफ बार-बार खींचेगा और इस मंदिर की खूबसूरती आपको यहां जाने पर ही पता चलेगी।
साल 1996 में कोलकाता के बैलीगुनगी आशुतोष चौधरी एवेन्यु में बिरला मंदिर स्थित है। इस मंदिर को साल 1970 में बनाना शुरु किया गया था जो साल 1990 में बनकर तैयार हुआ लेकिन इसकी स्थापना 6 साल बाद हुई। इस मंदिर में राधा-कृष्ण की मूर्ति स्थापित है और वीकेंड पर यहां राधा-कृष्ण की धुन पर सभी भक्त थिरकते हैं। यहां का सुंदर नजारा आपका मन मोह सकता है।
साल 1988 में जयपुर के मोती डंगरी पहाड़ के नीचे ये बिरला मंदिर स्थित है। इस मंदिर की खास बात ये है कि इसमें बुद्धा, क्राइस्ट, सुकरात और ऐसे ही कई ऐतिहासिक व्यक्तित्वों की छवि को प्रदर्शित करते हुए उनके बारे में जानकारी भी दी गई है। जयपुर के आकर्षित केंद्रों में बिरला मंदिर भी बहुत खास माना जाता है।
साल 1960 में कानपुर के सर्वोदय नगर में बने इस मंदिर में शाम के समय का नजारा काफी अद्भुत होता है। इस मंदिर में श्रीराधाकृष्ण की मूर्ति मुख्य रूप से है इनके अलावा सभी देवी-देवताओं की प्रतिमा भी स्थापित है। कानुपर टूरिस्ट प्लेज में जे.के.टेंपल का नाम भी काफी प्रसिद्ध है और अगर आप कभी यहां जाएं तो सफेद संगमरमर से बने इस मंदिर एक बार जरूर घूमने जाएं।
साल 1976 में हैदराबाद के नौबाड़ पहाड़ की ऊंचाईयों पर बिरला मंदिर स्थापित किया गया। ये मंदिर में विष्णुजी और लक्ष्मी माता को समर्पित है। यहां पर श्रद्धालु अपनी मनोकामनाएं मांगने के अलावा परिवार के साथ एक अच्छा समय बिताने के लिए जाते हैं। राजस्थानी, द्रविड़ियन और उत्कल संगमरमर से निर्मित इस मंदिर की खूबसूरती देखने लायक है।
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