Chitrakoot Tourist Places in Hindi: मंदाकिनी नदी के किनारे पर बसा भारत के सबसे प्राचीन तीर्थ स्थलों में एक है चित्रकूट, जो ना सिर्फ आस्था का बसेरा है बल्कि पौराणिक काल से इसका बहुत ही विशेष महत्त्व बताया गया है। ये वो जगह है जिसका उल्लेख भारत की धार्मिक पुस्तक रामायण में भी मिलता है, जहां बताया गया है कि भगवान श्रीराम ने इसी स्थान पर देवी सीता और भाई लक्ष्मण के साथ अपने वनवास के साढ़े ग्यारह वर्ष बिताए थे।
चित्रकूट धाम उत्तर विंध्य रेंज में स्थित एक छोटा सा पर्यटन शहर है। यह उत्तर प्रदेश राज्य के चित्रकूट और मध्य प्रदेश राज्य के सतना जिले में स्थित है। चित्रकूट में ढेरों धार्मिक और घूमने योग्य स्थान हैं और इसके अलावा चित्रकूट की पावन भूमि अनेक दर्शनीय स्थलों से भी भरी हुई है। ऐसे में यदि आप इस पवित्र धाम की यात्रा करने जा रहे हैं तो आपको आज हम यहां पर स्थित कई महत्वपूर्ण स्थानों के बारे में बताने जा रहे हैं।
देखा जाये तो चित्रकूट में सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण कामदगिरि की परिक्रमा तथा देव दर्शन ही माने जाते हैं। हालांकि, इसके अलावा भी अन्य कई दार्शनिक स्थल हैं जहां पर आप भ्रमण कर सकते हैं जिसके बारे में हम आपको बताने जा रहे हैं।
जानकारी के लिए बता दें कि सीतापुर एक छोटा सा क़स्बा है जो पयोष्णी के किनारे बसा हुआ है। सीतापुर का पुराना नाम जैसिंहपुर था, यही चित्रकूट की मुख्य बस्ती है। बता दें कि यहां पयोष्णी पर कुल चौबीस पक्के घाट बने हुए हैं, जिनमें चार घाट मुख्य हैं- राघवप्रयाग घाट, कैलाश घाट, रामघाट तथा घृतकुल्वा घाट।
यह पवित्र आश्रम वाल्मीकि नदी के तट पर एक उंची पहाड़ी पर स्थित है। भगवान राम की कथाओं से यह पता चलता है कि 14 वर्षो का वनवास भोगने के बाद भगवान राम ने जब माता सीता का त्याग कर दिया था तब वह इसी स्थान पर रुकी थीं और लव-कुश नामक दो बालकों को जन्म दिया था।
इसके अलावा राम घाट वह घाट है जहां प्रभु राम नित्य स्नान किया करते थे। इसी घाट पर राम भरत मिलाप मंदिर भी है और इसी घाट पर गोस्वामी तुलसीदास जी की प्रतिमा भी है। मंदाकिनी नदी के तट पर बने राम घाट में अनेक धार्मिक क्रियाकलाप चलते रहते हैं।
सीतापुर से करीब डेढ़ मील की दूरी पर स्थित कामदगिरि नाम की एक पहाड़ी है जिसे बेहद ही पवित्र माना जाता है। कहा जाता है कि इसके ऊपर चढ़ा नहीं जाता बल्कि इसकी परिक्रमा की जाती है। परिक्रमा तक़रीबन तीन मील की है, जो कि पूरा पक्का मार्ग बना हुआ है।
बताते चलें कि रामघाट से तक़रीबन 2 किलोमीटर की दूरी पर मंदाकिनी नदी के किनारे जानकी कुण्ड स्थित है। बताया जाता है कि जनक पुत्री होने के कारण सीता को ‘जानकी’ कहा जाता था और चूंकि जानकी यहां स्नान करती थीं और इसी वजह से यह स्थान आगे चलकर जानकी कुण्ड के नाम से मशहूर हो गया। कहा जाता है कि इस जगह के समीप जाकर ऊपर चढ़ने पर चढ़ाई कम पड़ती है और यही से थोड़ा उतरने पर हनुमान धारा है। यहां से एक पतली धारा हनुमानजी के आगे कुंड में गिरती है और हनुमान धारा से 100 सीढ़ी ऊपर सीता रसोई है।
बताया जाता है कि गोदावरी गुफा के अंदर की चट्टानों से एक बारहमासी धारा निकलती है और गोदावरी नदी की और एक अन्य चट्टान में बहती हुई गायब हो जाती है। यहां एक अंधेरी गुफा में 15-16 गज भीतर सीताकुंड है। गुफा के अंदर अंधेरा होने के कारण दीपक लेकर जाना पड़ता है। एक अन्य रहस्यमयी बात यह है कि एक विशाल चट्टान को छत से बाहर निकलते हुए देखा जाता है। मान्यता है कि यह विशाल दानव मयंक का अवशेष है।
दोस्तों, उम्मीद करते हैं कि आपको हमारा यह आर्टिकल पसंद आया होगा। पसंद आने पर लाइक और शेयर करना न भूलें।
Raw Banana Kofta Recipe in Hindi: केले को सदाबहार चीजों की श्रेणी में गिना जाता…
Maa Laxmi Ko Kaise Prasan Kare: जब आप किसी मंदिर में भगवान के दर्शन के…
Dharmendra and Hema Malini`s Famous Movie: बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेता धर्मेन्द्र और अभिनेत्री हेमा मालिनी…
Shani Dev Jayanti Kab Hai : ज्योतिष और आध्यात्मिक दृष्टिकोण से भगवान शनि देव की…
Keto Burger Recipe in Hindi : पिछले कुछ वर्षों में स्ट्रीट फूड्स ने हर एक…
Astrologer Kaise Bane: एस्ट्रोलॉजी जिसे आमतौर पर बोलचाल की भाषा में ज्योतिषी या ज्योतिष विज्ञान…