Indore ke Paryatan Sthal: लालकिले से 15 अगस्त के दिन पीएम मोदी ने अपने भाषण में एक महत्वपूर्ण बात कही और वो ये कि हमें दुनिया घूमने से पहले अपना देश घूम लेना चाहिए। अगर हमें अपने देश के बारे में ठीक से नहीं पता तो दुनिया घूमने का भी कोई मतलब नहीं रह जाता। पीएम की स्पीच से अगर आपने भारत घूमने का प्लान बना लिया है तो हम आपको मध्य प्रदेश के बेहतरीन शहर Indore घूमने की सलाह जरूर देंगे।
इंदौर में बहुत सारी जगहें घूमने की हैं लेकिन लोग उन्हीं जगहों पर जाते हैं जहां के बारे में उन्हें आस-पास के लोग या फिर दोस्तों-रिश्तेदारों में बताया जाता है। अगर आप ये लेख पूरा पढ़ लेंगे तो आपको भी पता चल जाएगा कि Indore में आपके लिए और क्या-क्या घूमने के लिए है।
आधुनिकीकरण के इस दौर में इंदौर भी देश के विकास में अपने बहुत से कदम उठा चुका है। करीब 10 लाख लोगों की आबादी वाले इस शहर को मध्यप्रदेश की वाणिज्यिक राजधानी कहते हैं। इंदौर को सालों से राज्य में व्यापार और औद्योगिर प्रथाओं के केंद्र के रूप में खुद को स्थापित किया है लेकिन इस शहर का आकर्षण इसकी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत भी है जो सदियों से संभालकर रखी गई है। मुंबई की हाइब्रिड संस्कृति और वास्तुशिल्प वैभव के साथ अपनी अस्वभावाविक समानता के कारण ही इसे मिनी बॉम्बे भी कहते हैं। इसके साथ ही आपको बताते हैं Indore में कौन-कौन सी जगहें हैं घूमने के लिए…
इंदौर में केंद्रीय संग्रहालय इंदौर के बेहतरीन पर्यनट स्थल में सबसे ज्यादा बार देखा जाने वाला स्थल बन गया है। इसमें संग्रहित कई ऐसी चीजें हैं जो 5000 ईसा पूर्व की हैं और एक प्रागैतिहासिक काल से संबंधित कलाकृतियों से निर्मित चीजें भी मौजूद हैं। मूर्तियों और दूसरे संग्रह भूमि के इस हिस्से में उगने वाली अलग-अलग संस्कृतियों में अंतदृष्टि देते हैं और यहां पर एक बहुत दिलचस्प संग्रह गणपति जी की मूर्ति भी है जो 8 मीटर की ऊंचाई पर भगवान गणपति की दुनिया की सबसे ऊंची मूर्ति है।
लाल बाग पैलेस इंदौर का सबसे खूबसूरत महल माना जाता है। ऐसा बताया जाता है कि इस लाल महल का निर्माण साल 1886 में शुरू होकर साल 1921 में पूरा हुआ था। महल की वास्तुकला यूरोपीय शैली से प्रभावित है और इसमे अलग-अलग समय संबंधित शैलियों का मिश्रण किया गया है। इस प्रभावशाली महल के द्वार इंग्लैंड में डाले गए थे और वे बकिंघम पैलेस के द्वार की देखने लायक हैं। इसके अंदरूनी हिस्से के प्रत्येक इंच में गुणवत्ता पूर्वक कलाकारी की गई है। पहले और इस समय के प्रागैतिहासिक कलाकृतियों, चित्रों और मूर्तियों को यहां आसानी से देखा जा सकता है। लाल महल इंदौर पर्यटन स्थल में एक अलग ही पहचान रखता है।
इंदौर से करीब 36 किमी दूर स्थित पाताल वॉटरफॉल का भी अलग ही महत्व है। यहां पर पानी 200 से 300 फीट की ऊंचाई से गिरता है इसके अलावा यहां के घने जंगलों और घाटियां बहुत ही खूबसूरत है। ये ट्रैक करने के लिए एक सही जगह है लेकिन बरसात के समय यहां पर सावधानी के साथ ही आना सही रहता है। क्योंकि जल प्रवाह के कारण अप्रत्याशित होता है और स्थानीय गाइड की सेवाओं का लाभ उठाते हुए यहां यात्रा करना अच्छा होता है।
जो लोग प्रकृति से प्यार करते हैं उन्हें पिपलियापाला क्षेत्रीय पार्क जरूर पसंद आएगा। ये मुगल, फ्रेंच और जैव-विवधता उद्यान और फव्वारे की एक विस्तृत श्रृंखला है जो एक तस्वीर में भी आपको खूब पसंद आएगी। यहां के परिसर में एम्फीथिएटर में आयोजिच नाटकीय गतिविधियां कभी आपको प्रभावित करने में विफल नहीं हो पाती हैं। यहां नौकायन सुविधाएं भी मौजूद हैं और इंदौर पर्यटन स्थल में ये पार्क काफी फेमस स्थान है और अगर आप इंदौर घूमने आएं तो एक बार यहां जरूर पधारें।
करीब 2 शताब्दी पहले बने राजवाड़ा पैलेस पिछले युग की स्थापत्य भव्यता का एक खास नमूना है। मराठा साम्राज्य के होलकर द्वारा निर्मित इस इमारत में मुगल, फ्रेंच और मराठा वास्तुकला शैलियों का मिश्रण पाया जाता है। सात मंजिल के इस महल के दो भाग हैं, पहला शहर के केंद्र में तो दूसरा शहर के पुराने शहर की ओर है। तीन मंजिलें पत्थर की हैं और सबसे ऊंची वाली मंजिल लकड़ी से निर्मित है। इस महल का कई बार निर्माण किया जा चुका है और इसका आखिरी बार पुननिर्माण साल 1984 में हुआ था।
5 वर्ग किमी के एरिया में बने रलामंदाल वन्यजीव अभयारण्य पर्यटकों को वनस्पतियों और जीवों के बारे में बताता है और अट्रैक्टिव भी लगता है। साल 1989 में स्थापित हुए अभयारण्य में पहाड़ी क्षेत्र और लुभावनी घाटियों के साथ ये प्रेमियों के लिए स्वर्ग माना जाता है। अगर आप ट्रैकिंग करने के लिए तैयार हैं, तो आप ट्रैकिंग द्वारा पहाड़ी की चोटी तक भी पहुंच सकते हैं और अगर आप ऐसा नहीं कर सकते है तो सड़क के माध्यम से एक आरामदायक ड्राइव भी ले सकते हैं। यहां पाए जाने वाले कुछ जंगली जानवरों में सांभर, तेंदुए, भौंकने वाले हिरण और काले हिरन भी शामिल हैं। सबसे लोकप्रिय पेड़ों में बबुल बांस, नीलगिरी और टीक भी नजर आ सकते हैं, पहाड़ी की चोटी पर किला 17वीं शताब्दी में एक शिकार स्थल के रूप में इस्तेमाल किया गया था।
इंदौर से लगभग 25 किलोमीटर की दूरी पर टिनचा फाल है और यहां 300 फीट ऊंचाई से गिरने वाले पानी की सुंदरता बहुत अट्रैक्टिव लगती है। ये पास के तालाब से जुड़ता है, ऊंचाई से तेजगति के साथ गिरता हुआ पानी दूध की धाराओं जैसा नजर आता है। अगर आप यहां बरसात के अलावा कभी भी आते हैं तो आप इस तालाब में तैर भी सकते हैं। हालांकि फॉल्स के बेहतरीन नजारे आपका दिन भी बना सकते हैं और अगर आप बरसात में आते हैं तो भी आपको पूरा लुफ्त उठाने का मौका मिल सकता है।
साल 1858 में इंदौर व्हाइट चर्च बनाया गया था, और ये मध्य भारत का सबसे पुराना चर्च माना जाता है। इसे पहले सेंट एन चर्च कहा जाता था, चर्च यूरोपीय वास्तुकला का एक अच्छा नमूना भी माना जाता है। मन की शांति के लिए यहां के शांत और धार्मिक माहौल में एक अच्छा अनुभव किया जाता है। ये चर्च इंदौर पर्यटन स्थल में एक ऐतिहासिक इमारत है जिसे आपको एक बार जरूर देखना चाहिए।
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