Jaipur Tourism in Hindi: अक्सर हम सभी छुट्टियों में घूमने का प्लान अपने परिवार और दोस्तों के साथ मनाते हैं। मगर वो प्लान इसी बात पर खत्म हो जाता है कि ‘जाना कहां है?’, लेकिन अगर आपने सीरियसली प्लान बनाया है तो एक बार Jaipur घूमकर आइए। यहां जाने पर आपको एक अलग ही अनुभव मिलेगा क्योंकि यहां पर आपको कई पुराने राजा-महाराजाओं के महल देखने को मिलेंगे। इसके अलावा भी आपको राजस्थान के इस ऐतिहासिक जगह पर आपको बहुत कुछ ऐसा देखने को मिलेगा जिसके बारे में आपने सुना भी नहीं होगा।
राजस्थान की राजधानी जयपुर को ‘पिंक सिटी’ भी कहते हैं क्योंकि यहां की सुंदरता देखने लायक होती है. यह शहर शानदार किले, महलों, राजसी इमारतों, इतिहास और वीरता की लड़ाइयों के कई किस्सों को बयां करती है। जयपुर लंबे समय से भारतीय उपमहाद्वीप के इतिहास में सबसे आकर्षक सांस्कृतिक गहनों में से एक है। पिंक सिटी के नाम से मशहूर इस शहर में रोमांच और गतिविधियों की अधिकता है। चलिए बताते हैं जयपुर के 10 घूमने वाली बेहतरीन जगहें..
महाराजा मान सिंह प्रथम ने जयपुर में आमेर किले का निर्माण करवाया था। ये बड़े दरवाजों और पथरीले रास्तों के साथ हिंदू वास्तु का कलात्क नमूना है। चार मंजिल का ये किला लाल संगमरमर और बलुवा पत्थरों से बना हुआ है। इसमें शाही विरासत का दीवान-ए-आम, दीवान-ए-खास, शीश महल और सुख निवास जिसमें एयर कंडीशन जैसी हवाएं प्रवाहित होती हैं। कई पीढ़ियों त शाही परिवार यहां रहता था और हमलों के दौरान आपातकालीन रास्ता भी है जिसे जयगढ़ किले से जुड़ता आप देख सकते हैं।
महाराजा जय सिंह द्वारा बनवाई गई ये सुंदर कृति जयपुर के आमरे में अरावली की पहाडियों के भाग चील के टीले मे स्थित है। 400 मीटर उपर और प्रसिद्ध आमेर किले के ढांचे के समान इस किले को आमेर की सुरक्षा के लिए बनाया गया। एक गुप्त मार्ग के रास्ते जयगढ़ किले से आमेर किले में पहुंचा जाता है। ये किला तीन किलोमीटर लंबा और एक किलोमीटर चौड़ा है। इसमें पहियों पर चलने वाली दुनिया की सबसे बड़ी तोप है जिसका नाम जयवन रखा गया था। इसमें कुछ महल हैं जो शाही परिवार निवास कर रहे हैं और इसके साथ ही एक सुव्यवस्थित बाग और संग्रहालय भी इसमें है।
इस विशाल किले के अंदर दो किले हैं और वे जयपुर के पुर्वोत्तर भाग में स्थित हैं। सिटी पैलेस राजाओं का तख्त रहा है और इसमें कई भवन, आंगन, मंदिर और बाग भी हैं। इसका निर्माण जय सिंह ने शुरु करवाया था और इसमें भारतीय यूरोपीय वास्तुकला शैली का सटीक मिश्रण है। इस शानदार पैलेस में मुबारक महल, चंद्र महल, मुकुट महल, महारानी का महल, गोविंद मंदिर और सिटी पैलेस संग्रहालय स्थित है। चंद्र महल सिटी पैलेस का सबसे भीतरी किला है जिसका अपना एक म्यूजियम है और इसमें शाही परिवार के सदस्य ही रहते हैं।
राजस्थान की राजधानी जयपुर में हवा महल स्थित है, सैलानियों के आकर्षण का मुख्य केंद्रों में एक है। यह महल शहर के बीचों-बीच स्थित है, इस भव्य भवन का निर्माण साल 1799 में महाराजा सवाई प्रताप सिंह ने अपनी रानियों के लिए करवाया था। इस महल में बाहर की ओर खूबसूरत और आकर्षक छोटी-छोटी जालीदार खिड़कियां हैं। इन झरोखों को इसलिए बनवाया गया था जिससे उनकी रानियां पर किसी की निगाह नहीं पड़े और ना वे खिड़कियों से महल के नीचे सड़कों के समारोह और गलियारों में होने वाली रोजमर्रा की जिंदगी की गतिविधियों देख सकें। इसकी प्रत्येक छोटी खिड़की पर बलुआ पत्थर की बेहद आकर्षक और खूबसूरत नक्काशीदार जालियां, कंगूरे और गुम्बद बने हैं। ये बेजोड़ संरचना अपने आप में अनेकों अर्द्ध अष्टभुजाकार झरोखों को समेटे हैं।
प्रसिद्ध राज मंदिर सिनेमा हॉल को इसकी प्राचीन वास्तुकला के लिए जानते हैं और ये शहर का गौरव है। वास्तुकला के इस आश्चर्य को एशिया की शान का गौरव मिला है। अगर आप गुलाबी शहर पहली बार जाएं तो आपको राज मंदिर सिनेमा एक बार जरूर जाना चाहिए। इस हॉल में हजारों दर्शक आ चुके हैं और इसमें कई पुरानी क्लासिक फिल्में दिखाई जाती हैं। इसका अपना एक अलग ही आकर्षण है और पहली बार जयपुर जाने वालों के लिए ये एक बेहतरीन विकल्प होता है।
जयपुर जिले में जंतर-मंतर के पास स्थित दुनिया में सबसे बड़ी पत्थर से बनी ये खगोलीय वेधशाला है। जिसका निर्माण राजा सवाई जय सिंह ने 1723-33 में करवाया था और इसको अपने समृद्ध सांस्कृतिक, विरासत और वैज्ञानिक मूल्य के कारण से यूनेस्को की विश्व धरोहरों में शामिल है। इसमें 14 स्थापित और ध्यानकेंद्रित उपकरण हैं जो समय को नापने, ग्रहणों की भविष्यवाणी करने और तारों की निगरानी के साथ ही सूर्य के चारों धरती की कक्षा का पता लगवाने में मदद करता है।
ये जयपुर का सबसे पुराना संग्रहालय है और इसे सर सैमुअल जेकब ने 19वीं सदी में बनवाया। ये राजस्थान के शासकीय संग्रहालय के नाम से भी प्रसिद्ध है। ये खूबसूरत भवन राम निवास बाग में स्थित है और इंडो अरब वास्तुकला के मेल के नमूने के तौर पर है। यहां आपको कई कलात्मक वस्तुओं का समृद्ध संग्रह मिलेगा जैसे कालीन, पत्थर, हाथी दांत धातु से बने शिल्प, क्रिस्टर के रंगीन काम और हर वो सामान जो राजस्थान की शाही परंपरा के बारे में बताता है।
जयपुर का बिरला मंदिर एक प्रमुख दर्शनीय स्थल और एक ऐसा मंदिर स्थित है। जो देश में कई बिरला मंदिरों में से एक ही है। इस मंदिर को लक्ष्मी नारायण मंदिर के रूप में भी लोग जानते हैं। जयपुर के प्रमुख आकर्षणों में से एक बिरला मंदिर है जिसका निर्माण साल 1998 में बिरला द्वारा मनाया गया था। सफेद संगमरमर से बना है बिड़ला मंदिर की संरचना में आप प्राचीन हिंदू वास्तुकला शैली और आधुनिक डिजाइन को साथ में देखते हैं। अगर आप जयपुर शहर की यात्रा करते तो यहां बिरला मंदि को देखने के लिए जाएं, आपको ये बहुत पसंद है।
जयपुर के दूसरे रोचक स्थल सिसोदिया रानी महल से कुछ दूरी पर है। इन्हें सुंदर बागों के साथ फिर से बनाया गया जिससे यहां पर पर्यटन का अलग ही माहौल होने लगा। यहां पुर्व महाराजा का एक स्मारक भी है और यहां गलताजी में एक सूर्य मंदिर भी स्थित है।
राजस्थान का सबसे बेहतरीन शहर जयपुर में स्टेचु सर्किल एक बेहतरीन जगह है। पूरे देश में विशाल वैभव और रॉयल्टी के लिए जाना जाता है। इस गुलाबी शहर का सबसे प3सिद्ध लैंडमार्क हलचल से भरा है। शहर के मध्य में स्थित आपको देखने में आम चौराहा लगा लेकिन ये इससे कहीं ज्यादा है। ये स्थानीय लोगों और सैलानियों के लिए लोकप्रिय जगह है। स्टेचु सर्किल को इसका ये नाम इस कारण मिला क्योंकि इसमें स्थित सवाई जय सिंह की प्रतिमा की के कारण है।
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