Tourist Places In Chhattisgarh In Hindi: जब हम कहीं घूमने की प्लानिंग करते हैं तो हमारे सामने सबसे बड़ी समस्या यही आती है कि हम आखिर जाएं कहाँ ? परिवार में मौजूद बुजुर्गों को जहां मंदिरों, स्मारकों और अभ्यारणों में जाना पसंद होता है तो वहीं छोटे बच्चों को वाटरपार्क, वाटरफॉल जैसी जगहों को एक्सप्लोर करना पसंद होता है। छत्तीसगढ़ एक ऐसा राज्य है जहाँ पर घूमने लायक दोनों ही प्रकार की जगहें मौजूद हैं। प्राचीन स्मारकों, किलों से लेकर शानदार व्यू पॉइंट, झरनों, गुफाओं और मंदिरों के लिए छत्तीसगढ़ विश्वभर में प्रसिद्ध है। आज के इस लेख में हम आपको “धान का कटोरा” कहे जाने वाले राज्य छत्तीसगढ़ के कुछ फेमस टूरिस्ट स्पॉट्स के बारे में विस्तार से बतांएगे।
बारनवापारा वन्यजीव अभ्यारण, छत्तीसगढ़ के महासमुंद जिले में स्थित है। यह वन्यजीव अभ्यारण 245 वर्ग किलो मीटर के दायरे में स्थापित है। साल 1976 में महासमुंद जिले के उत्तरी इलाके के इस वन क्षेत्र को बारनवापारा वन्यजीव अभ्यारण नाम से स्थापित किया गया था। यह अभ्यारण बहुत ही लोक प्रिय है और यहाँ पर आप विभिन्न प्रकार के वन्यजीवों को आसानी के साथ देख सकते हैं। बारनवापारा वन्यजीव अभ्यारण सुबह 7 बजे से लेकर शाम को 6 बजे तक खुला रहता है। मानसून के मौसम में 1 जुलाई से 31 अक्टूबर के बीच इस वन्य जीव अभ्यारण को बंद रखा जाता है।
बस्तर पैलेस को बस्तर राजवंशों के राजाओं के द्वारा बनवाया गया था। इस किले को उसकी वास्तुकला और नक्काशी के लिए पूरे विश्व में जाना जाता है। यह किला अपने उन उन राजाओं की बहादुरी की दास्तान को बयां करता है जो इस क्षेत्र की रक्षा के लिए शहीद हो गए। महल की दीवारों पर उकेरी गई नक्काशी अनूठी और अद्भुत है। बस्तर पैलेस को अब एक म्यूजियम का रूप दे दिया गया है और इसके अंदर कई प्राचीन स्मारकों को संभाल कर रखा गया है।
जब भी छत्तीसगढ़ के सबसे खूबसूरत पर्यटन स्थलों की बात होती है तो उसमें चित्रकोट जलप्रपात का नाम जरूर होता है। यह जलप्रपात बस्तर जिले से करीब 50 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। चित्रकोट जलप्रपात को भारत का नायग्रा फाल भी कहा जाता है। ऊँचे पहाड़ों और जंगलों के बीच से पानी लगभग 100 फ़ीट की ऊंचाई से नीचे गिरता है। वैसे तो साल भर सैलानियों की भीड़ यहाँ पर आती है लेकिन मानसून के समय इसकी खूबसूरती का कोई जवाब नहीं है।
छत्तीसगढ़ राज्य अपने आंचल में एक समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और प्राचीन मंदिरों को समेटे हुए है। राज़िम वह जगह है जहाँ पर आप छत्तीसगढ़ की संस्कृति को देख सकते हैं। राज़िम के बारे में एक और ख़ास बात है कि इसे “छत्तीसगढ़ के प्रयाग” के नाम से भी जाना जाता है क्योंकि इसी जगह पर तीन नदियों महानदी (चित्रोत्पला), पैरी और सोंदूर का मिलाप होता है, जिसे त्रिवेणी संगम भी कहा जाता है।
धमतरी जिसे इतिहासकार चालुक्य वंश का घर कहते हैं वो भी छत्तीसगढ़ में मौजूद है। छत्तीसगढ़ के पर्यटन स्थलों के लिहाज से यह स्थान एक महत्वपूर्ण भूमिका को अदा करता है। इस शहर की आबादी करीब 82000 है और यहाँ पर हर साल लाखों पर्यटक घूमने के लिए आते हैं। धमतरी शहर, महानदी और उसकी सहायक नदियों के किनारे बसा हुआ है। इस जगह पर आप आदिवासी संस्कृति और उनके भोजनों का लुफ्त उठा सकते हैं।
तो यह थे छत्तीसगढ़ के फेमस टूरिस्ट स्पॉट्स।
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