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Udaipur me Ghumne ki Jagah: भारत में वैसे तो बहुत सारी जगहें घूमने की हैं लेकिन अगर आप राजस्थान आएं तो एक बार उदयपुर जरूर घूमें। यहां के टूरिस्ट प्लेज बेहद खूबसूरत हैं अगर आप यहां घूमे बिना चले गए तो आपको यहां ना आ पाने का खेद रहेगा। उदयपुर की वादियां आपके मन को प्रसन्न बना सकती हैं। Udaipur में घूमने के लिए बहुत सारी जगहें हैं जिनमें ज्यादातर झीले हैं और यहां पर अत्यधिक झीलें होने के कारण ही इसे ‘झीलों का शहर’ भी कहते हैं। Udaipur me ghumne ki jagah में आपको 10 जगहों के बारे में जानकारी मिलेगी।
राजस्थान के प्रमुख पर्यटकों में उदयपुर का नाम भी शामिल है। उदयपुर को राजस्थान का मुकुट भी कहते हैं और यहां पर चारों ओर सुंदर अरावली पहाड़ियां नजर आती हैं। ये शहर बहुत ही खूबसूरत है और यहां की प्राकृतिक सौंदर्य, ममदिरों और लुभावनी वास्तुकला आपका मन मोह सकती हैं। उदयपुर की घाटियां और झील तो आपको यहां से जाने ही नहीं देंगे। इस शहर में लेक पैलेस होटल भी आपके आकर्षण के लिए काफी है।
उदयपुर में अगर सबसे ज्यादा देखने लायक चीज है तो वो बागोर की हवेली है जो 18वीं शताब्दी में मेवाड़ के शाही दरबार में मुख्यमंत्री अमीर चंद बड़वा ने बनवाया था। इसके बाद ये हवेली साल 1878 में बागोर के महाराणा शक्ति सिंह का निवास स्थान बन गया था और इस वजह से इसे बागोर की हवेली कहते हैं। यहां पर संग्रहालय बन गया है जो मेवाड़ की संस्कृति को प्रस्तुत करता है। इस विशाल संरचना में 100 से ज्यादा कमरे हैं और ये अपनी वास्तुकला की अनूठी शैली के लिए जाना जाता है।
राजा संग्राम सिंह ने अपनी रानी और उनकी सहेलियों के लिए सहेलियों की बारी का निर्माण करवाया था। राजा ने खुद इस बगीचे को डिजाइन किया था और इसे आरामदायक बनाने के लिए खुद खड़े होकर सबको काम बताया। ऐसा बताया जाता है कि यहां रानी की 48 सहेलियां आया करती थीं और खेलने के बाद आराम भी करती थीं। अब ये शहर का सबसे प्रसिद्ध बाग है जहां पर पर्यटक एक बार जरूर आना चाहते हैं।
उदयपुर आए और लेक पैलेस नहीं देखा तो आपका यहां आना बेकार है। यहां का प्रसिद्ध स्थल जो देश के अरबपतियों के लिए एक प्रसिद्ध विवाह स्थल भी है। इसका निर्माण महाराणा जगत सिंह ने साल 1746 में करवाया था और साल 1960 में इसको लग्जरी होटल बना दिया गया और अब ये ताज लग्जरी रिजॉर्ट के रूप में माना जाता है। यहां पर बॉलीवुड और हॉलीवुड फिल्मों की शूटिंग भी होती है। इतना ही नहीं देश के सबसे अमीर आदमी मुकेश अंबानी ने अपने बेटे की संगीत सेरेमनी यहीं पर रखी थी जहां पर बॉलीवुड के कई बड़े चेहरे आए थे।
साल 1881 में महाराणा सज्जन सिंह ने गुलाब गार्डन की स्थापना की थी। ये पार्क बच्चों के लिए स्वर्ग जैसा है जहां पर बच्चों के मनोरंजन के लिए ट्वॉय, ट्रेन, झूले और छोटा सा चिड़ियाघर बनाया गया है। ट्वाॉय ट्रैन की सवारी का बच्चे खूब मजे उठाते हैं और यहां पर अक्सर छुट्टियों में भीड़ लगी रहती है। उदयपुर का ये गार्डन सच में देखने लायक है जहां पर पीले, काले, लाल, सफेद रंग के अलग-अलग गुलाब के पौधे हैं।
इतिहास के वीर योद्धा महाराणा प्रताप का स्मारक मोती मागरी में बना है और यहां ये काफी प्रचलित है। यह एक ऊंचे हरे भरे टिले पर स्थित है और इसपर पहुंचने के लिए सड़क और सीढि़यों का इस्तेमाल करते हैं। महाराणा प्रताप का यह स्मारक काफी सुंदर और आकर्षित है और ये उनके महान व्यक्तित्व का दर्शन कराता है।
उदयपुर शहर के उत्तर-पश्चिम में स्थित फतेह सागर झील बहुत ही आकर्षण का केंद्र माना जाता है। ये झील उदयपुर की दूसरी सबसे बड़ी मानव निर्मित झील है, जिसकी सुंदरता से पर्यटकों का मोहित होना बिल्कुल तय है। इस झील के पास का शांत वातावरण यात्रियों को एक अद्भुद शांति का एहसास कराता है। फतेह सागर झील एक वर्ग किलोमीटर के में फैली है जो तीन अलग-अलग द्वीपों में विभाजित होती है, इसका सबसे बड़ा द्वीप नेहरु पार्क कहलाता है। इस द्वीप पर एक रेस्तरां और बच्चों के लिए एक छोटा चिड़ियाघर भी बना है, जो एक पिकनिक स्पॉट के रूप में भी काफी प्रचलित है।
पिछोला झील के किनारे पर सफेद संगमर से बना हुआ है और यहां पर महलप्राचीन स्थापत्य कला में रूचि रखने वालो के लिए बेहतरीन केंद्र है। यह महल राजस्थान के विशाल महलो में से एक माना जाता है। यहां पर सुबह नौ बजे से शाम को साढे चार बजे तक महल को देखने के लिए टिकट मिलता है और इसी समय आम लोगों के लिए महल खोला जाता है।
उदयपुर सिटी में साल 1651 में बना जगदीश टेंपल काफी प्रचलित है और यहां का आकर्षण आपको मोह सकता है। ये भगवान विष्णु के को समर्पित है और इस मंदिर को लक्ष्मी नारायण नाम से भी जाना जाता है। इस मंदिर में सुंदर नक्काशी, कई आकर्षक मूर्तियां स्थापित हैं और यहां का शांत माहौल आपको जरूर पसंद आएगा। जो भी इंसान एक बार इस मंदिर में आता वे यहां की सुंदरता, वास्तुकला और भव्यता को देखकर आकर्षित होए बिना नहीं जा पाता। अगर आप उदयपुर मंदिर की यात्रा करने की योजना बना रहे हैं तो इस मंदिर आपको जरूर आना चाहिए।
शिल्प ग्राम एक कृतिम गांव हैं जो 70 एकड़ में फैला है। यहां आकर ऐसा लगता है कि हम किसी वास्तविक के गांव या हाट में आ गए हों। यहां की झोपड़ियां घास फूस के छप्पर और यहां चबूतरों को देखने का अलग ही मजा होता है। कृतत्रिम गांव उदयपुर के दर्शनीय स्थलों में सबसे ज्यादा पसंद किया जाता है और यहां पर आपको गांवों की कृत्रिम रूपरेखा देखने को मिल सकती है।
मोती मगरी फतेह सागर झील की अनदेखी एक पहाड़ी की चोटी पर है और इसका निर्माण महाराणा प्रताप और उनके प्रिय घोड़े चेतक की स्मृति में एक श्रद्धांजलि द्वारा कराया गया था। यहां पर आप कई आकर्षक दृश्यों को देखकर थम से जाएंगे और अगर आप महाराणा प्रताप से जुड़ी घटनाओं की आश्चर्यजनक विरासत को जानना चाहते हैं तो मोती मगरी एक बार जरूर घूमने जाएं। उदयपुर में मोती मगरी फतेह देखने लायक जगह है।
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