ईमानदारी की मिसाल आज के जमाने में बहुत कम ही देखने को मिल पाती है। यदि आपकी कोई चीज कहीं छूट गयी है तो इस बात की उम्मीद बहुत कम रहती है कि दोबारा वह चीज आपको मिल जाए। खासकर जब वह चीज बहुत कीमती हो या फिर खुद पैसे हों, तो जो कोई भी उसे पाता है उसका ईमान डोल ही जाता है। उसे वापस लौटाने की बजाय वह किसी को इसकी भनक तक नहीं लगने देता है और अपने पास इसे रख लेता है। हालांकि, अमेरिका में सेंट्रल मिशीगन के रहने वाले एक 50 साल के शख्स ने ईमानदारी की मिसाल कायम की है। इनका नाम है होबार्ड किर्बी। कुछ दिनों पहले एक सेकंड हैंड शॉपिंग सेंटर से इन्होंने एक पुराना सूटकेस खरीदा था। घर लाने पर जब बेटी ने उसे खोल कर देखा तो वह हैरान रह गई। इसके अंदर रुपए भरे पड़े थे। गिना तो 30 लाख 54 हजार रुपये निकले।
कई मीडिया रिपोर्ट्स में इसके बारे में बताया गया है कि इन रुपयों को देखकर परिवार को समझ ही नहीं आ रहा था कि आखिर क्या करना चाहिए। होबार्ड ने यह सोचा कि उनके घर का कर्ज़ इन पैसों से चुकाया जा सकता है। साथ ही उनके दिमाग में यह भी आया कि रिटायरमेंट लेकर वे अब इन पैसों से एक अच्छी जिंदगी गुजर-बसर कर सकते हैं। हालांकि होबार्ड ने इस बारे में अपने वकीलों से सलाह लेने की सोची। जब उन्होंने वकीलों से इस बारे में बात की तो उन्होंने उनसे यही कहा कि इन पैसों को उन्हें अपने पास रख लेना चाहिए। वकीलों ने होबार्ड को यह भी बताया कि अपने पास इन पैसों को रखने में कोई दिक्कत नहीं है, क्योंकि इसे लेकर उनके खिलाफ कोई भी किसी तरह की कानूनी कार्रवाई नहीं कर सकता है।
भले ही होबार्ड के मन में सबसे पहले इन पैसों को अपने पास रखने की बात दिमाग में आई थी और वकीलों ने भी उन्हें इन पैसों को लेकर अपने पास ही रखने का सुझाव दे दिया था, लेकिन होबार्ड को यह सही नहीं लग रहा था। उनके दिमाग में बड़ी उधेड़बुन इसे लेकर चल रही थी। ऐसे में होबार्ड ने यह फैसला कर लिया कि इन पैसों को इसके असली मालिक को लौटा देना चाहिए। इस बारे में उन्होंने अपने एक रिश्तेदार से भी सलाह ली। रिश्तेदार ने भी उनसे यही कहा कि इन पैसों को असली मालिक को लौटा देना ही उचित होगा। इसके बाद होबार्ड नोटों से भरे सूटकेस को लेकर वापस उसी शॉपिंग सेंटर पहुंच गए, जहां से उन्होंने इस सूटकेस को खरीदा था। वहां उन्होंने मैनेजर के हवाले सूटकेस को कर दिया।
होबार्ड द्वारा सूटकेस को मैनेजर को लौटा दिए जाने के बाद अब यह पता लगाने की कोशिश शुरू हो गई कि आखिर यह सूटकेस था किसका। काफी छानबीन के बाद यह पता चला कि न्यूबेरी के एक परिवार का यह सूटकेस था। वहां जब पिता का निधन हो गया तो बेटे ने सूटकेस के अंदर क्या है बिना यह देखे इस सूटकेस को बाकी सामान के साथ एक सेकंड हैंड शॉपिंग सेंटर को दान में दे दिया था। इस शॉपिंग सेंटर की खासियत यह है कि यहां जो चीजें उपलब्ध होती हैं, उन्हें सस्ती कीमत पर जरूरतमंद लोगों को बेचा जाता है। इसी दौरान होबार्ड यहां एक सूटकेस खरीदने के लिए पहुंचे थे और उन्होंने यह सूटकेस खरीद लिया था। वहां उन्होंने सूटकेस को खोलकर नहीं देखा, जिससे यह उन्हें पता नहीं चल पाया कि इसके अंदर इतने पैसे भी भरे हुए हैं।
होबार्ड के ईमानदारी की शॉपिंग सेंटर के मालिक ने भरपूर तारीफ की। उन्होंने कहा कि इस तरह के लोग बहुत ही कम होते हैं, जो पैसे मिलने के बाद बिना किसी दबाव के ईमानदारी से इसे वापस कर देते हैं। शॉपिंग सेंटर के मालिक ने यह भी कहा कि इसके बाद उनकी यह जिम्मेदारी बनती थी कि इन पैसों को उसके असली मालिक तक पहुंचा दिया जाए। उन्होंने ऐसा किया भी। पैसों को उसके असली मालिक तक पहुंचा दिया गया।
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