मर के जिंदा होने की खबरें तो आपने बहुत सुनी होंगी। ये किसी चमत्कार से कम नहीं होता है। इसे कहते हैं एक नया जीवनदान मिलना। आज हम आपको एक ऐसे ही शख्स के बारे में बताने वाले हैं, जिसको डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया था। जिसके बाद उसके शरीर को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया, लेकिन पोस्टमार्टम टेबल पर जो हुआ उससे हर कोई हैरान रह गया। किसी को यकीन ही नहीं हुआ कि आखिर ऐसा कैसे हो सकता है। तो चलिए आपको बताते हैं कि ये पूरा वाक्या क्या है।
ये खबर है गोंजालो मोटोया जिमेनेड नाम के एक शख्स की। बता दें कि गोंजालो की डेड बॉडी को स्पेन के ओवीडो शहर में उनके शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया था। लेकिन डेड बॉडी को जब पोस्टमार्टम करने वाली टेबल पर लिटाया गया तो उसमें से आवाज आने लगी। ये आवाज थी खर्राटों की। पहले इस आवाज को सुनकर हर कोई डर गया, किसी को समझ नहीं आया कि आवाज आखिर आई कहां से। बाद में ध्यान से सुनने पर पता लगा कि ये आवाज उस बैग से आ रही है जिसमें गोंजालो का शव रखा हुआ था। पोस्टमार्टम करने वाले भी इस बात पर यकीन नहीं कर पा रहे थे कि आखिर ऐसा कैसे हुआ। उनकी समझ में नहीं आ रहा था कि मरने के बाद कोई वापस से कैसे जिंदा हो गया और खर्राटे कैसे लेने लगा।
बता दें कि गोंजालो मोटोया जिमेनेज का परीक्षण तीन डॉक्टरों ने किया था और तीनों ही डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया था। लेकिन जब गोंजालो का शव परीक्षण के लिए पहुंचा तो बैग से खर्राटों की आवाज आने लगी। बता दें कि गोंजालो एक स्पेनिश कैदी था। बाद में गोंजालो पोस्टमॉर्टम टेबल से जिंदा लौटकर आ गया। स्पेनिश मीडिया के मुताबिक कुछ घंटे पहले ही तीन डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया था।
हालांकि, इसे उसकी किस्मत और उसकी जिंदगी ही कहेंगे और भगवान का चमत्कार भी, अगर इसमें जरा भी देर होती तो उनके शरीर का पोस्टमार्टम हो गया होता। लेकिन खर्राटों की आवाज ने उनको एक नई जिंदगी दे दी। इसको देखकर कहा जा सकता है कि दुनिया में कुछ भी हो सकता है। La Voz de Asturias की रिपोर्ट के अनुसार, जेल अथॉरिटीज ने परिवार वालों को बताया कि जब सुबह की घंटी से उसकी नींद नहीं खुली तो उन्हें लगा कि उसकी मौत हो चुकी है। तीन डॉक्टरों के परीक्षण के बाद ही उसे मृत घोषित किया गया था। लेकिन खर्राटों ने गोंजालो की जान बचा ली।
गोंजालो को उनके रिश्तेदार ने कहा- ‘उन्होंने गोंजालो की बॉडी को खोल लिया था और छुरी चलाने के लिए मार्क भी बना लिए थे’। मृत घोषित करने के चार घंटे बाद जब बॉडी फॉरेंसिक एक्सपर्ट्स के पास मुर्दाघर में आई तो बैग के अंदर से खर्राटों की आवाज आ रही थी। इतना ही नहीं, इसके बाद बॉडी हिलने भी लगी थी। जिसके बाद कैदी को इमरजेंसी रूम में ले जाया गया और देखभाल की जा रही है। वह अब तेजी से ठीक हो रहा है। कैदी के परिवार का कहना है कि तीन डॉक्टरों की यह बड़ी चूक है जिन्होंने उसे मृत घोषित किया। तीनों में से सिर्फ एक डॉक्टर ने जांच की और दो डॉक्टरों ने सीधा उसे मृत घोषित कर दिया। बता दें कि अब उन तीन डॉक्टरों के खिलाफ जांच के आदेश दिये गए हैं।
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