जीवन परिचय

गीता फोगाट की जीवनी (Geeta Phogat Biography in Hindi)

Geeta Phogat Biography in Hindi: गीता फोगाट का कुश्ती के क्षेत्र में जाना माना नाम है। गीता फ्री स्टाइल कुश्ती कला में भारत के लिए गोल्ड जीतने वाली पहली भारतीय महिला है। गीता फोगाट का जन्म 15 दिसम्बर 1988 को हरियाणा के भिवानी जिले में एक छोटे से गांव बिलाली में हुआ था। उनका जन्म ऐसे वक्त में हुआ था जब इस गांव में बेटी का होना अभिशाप माना जाता था। आज भी हमारे भारत देश में बेटों की चाह रखने वालो की कमी नहीं है। शुरुआत में गीता के माता पिता की भी ऐसी ही सोच थी। बेटे की चाह में उनके पिता चार बेटियों के पिता बन गए थे। जिनमे गीता सबसे बड़ी थी।

बाद में उनके पिता महावीर सिंह फोगाट को अहसास हुआ कि बेटियां भी बेटों से कम नहीं होती। महावीर सिंह ने अपनी बेटियों को उस राह पर चलाने का फैसला किया, जिसके बारे में कोई सोचता तक भी नहीं था। वो गीता फोगाट और उनकी बहनो को पहलवान बनाने में जुट गए। जिस उम्र में गुड्डे-गुड़ियों से खेलते है उस समय गीता फोगाट ने कठोर परिश्रम किया था। वे अपनी बहन बबिता के साथ दौड़ और कसरत करने जाती थी। इसके बाद अखाड़े में प्रैक्टिस करती थी। उस समय सबसे कठिन काम था वहां के समाज को झेलना। आप एक बार खुद सोच कर देखिये जिस गांव की लड़कियों को स्कूल जाने तक की छूट न हो वही अगर लड़की पहलवानी करेगी तो क्या होगा?

Image Source – Twitter@Geeta_Phogat

गीता की कुश्ती सीखने की बात पता चलते ही पुरे गांव में हंगामा मच गया हर तरफ सिर्फ आलोचना हो रही थी। लेकिन उनके पिता ने उन आलोचना की परवाह नहीं करते हुए गीता को ट्रेनिंग देने लगे। लोग उनके पिता को तरह-तरह के ताने मारते थे जैसे ”देखो कितना बेशर्म पिता है। बेटी को ससुराल भेजने के बजाय उससे कुश्ती लड़वाता है।” इस पर महावीर जी एक ही जवाब देते थे ”जब लड़की प्रधानमन्त्री बन सकती है तो पहलवान क्यों नहीं बन सकती?”

साल 2000 में जब कर्णम मल्लेश्वरी ने कांस्य पदक जीता तो उनके पिता पर इस बात का गहरा असर हुआ उन्हें लगा जब कर्णम मल्लेश्वरी जीत सकती है तो मेरी बेटी आगे क्यों नहीं जीत सकती। इसके बाद से ही महावीर जी ने कसरत से लेकर खाने पिने हर चीज के नियम बना दिए। महावीर जी 80 दशक के एक बहुत अच्छे पहलवान थे और दूसरी तरफ गीता के लिए एक सख्त कोच भी थे।

गीता ने बताया है उनके पिता अक्सर कहते थे कि तुम जब लड़को की तरह खाती हो, तो फिर लड़को की तरह ही कुश्ती क्यों नहीं लड़ती हो इसलिए मुझे कभी भी नहीं लगा कि मै पहलवानी नहीं कर सकती।

Image Source – Twitter@Geeta_Phogat

गीता फोगाट के पुरस्कार

  • सन 2009 में राष्ट्रमंडल कुश्ती चैपियनशिप में गीता ने स्वर्ण पदक जीता।
  • सन 2010 में फ्री स्टाइल महिला कुश्ती के 55 Kg कैटेगरी में गोल्ड मेडल हासिल किया।
  • सन 2012 में एशियन ओलंपिक टूर्नामेंट में गोल्ड मेडल जीता।

गीता की असल ज़िंदगी और दंगल मूवी के अंतर

  • दंगल मूवी में दिखाया गया है कि महावीर सिंह जी बेटा चाहते थे लेकिन असल ज़िंदगी में उनकी पत्नी बेटा चाहती थी।
  • मूवी में गीता फोगाट के कोच को विलेन दिखाया गया है, लेकिन हकीकत में ऐसा कुछ नहीं था।
  • मूवी में फाइनल मैच को बहुत संघर्षपूर्ण दिखाया गया, जबकि गीता ने उस मैच को बड़ी आसनी से जीत लिया था।
  • मूवी में महावीर जी फाइनल मैच के दौरान एक कमरे में बंद थे वही असल ज़िंदगी में उन्होंने स्टेडियम में बैठ कर गीता को गोल्ड जीतते हुए देखा था।

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