जीवन परिचय

अलीबाबा ग्रुप के संस्थापक हैं जैक मा, कड़ी मेहनत के बलबूते खड़ा किया करोड़ों का साम्राज्य 

Jack Ma Success Story in Hindi: आज हम तकनीक के क्षेत्र में काफी आगे निकल चुके हैं। देखा जाए तो एक वह समय भी था जब किसी एक काम के लिए 4 से 10 आदमी तक लड़ते थे और समय भी काफी ज्यादा लगता था। लेकिन आज की तारीख में हम जिस आधुनिकता में आ गए हैं उसमें 10 से भी ज्यादा आदमियों का काम सिर्फ एक व्यक्ति ही कर लेता है और वह भी बहुत ही कम समय में। ये सब तकनीक की मदद से ही संभव हो पाया है। चाहे ऑफिस का काम हो या फिर फील्ड वर्क, तकनीक की मदद से हम आज हर काम को आसान बना ले रहे हैं। आपको याद होना चाहिए कि एक वह समय भी था जब हमारे पास ज़्यादातर इलेक्ट्रॉनिक सामान “मेड इन चाइना” के हुआ करते थे। चाइना के प्रोडक्ट्स अपनी कम गुणवत्ता के लिए जाने जाते। लेकिन हम फिर भी उनका इस्तेमाल करते थे और शायद इसलिए क्योंकि उस दौर में हमारे पास ज्यादा विकल्प मौजूद नहीं थे। 

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‘अलीबाबा ग्रुप’ के संस्थापक हैं जैक मा

चाइना के प्रोडक्ट्स में लगातार शिकायत आने और गुणवत्ता में बेहद निम्न होने के कारण व्यापार तकरीबन बंद ही हो चला था, तब उस दौर में चीन के एक व्यक्ति ने अलीबाबा ग्रुप की स्थापना की। शायद यह उसकी किस्मत थी या उसका हुनर कह लीजिये देखते ही देखते उसका यह ग्रुप बहुत ही जबरदस्त तरह से दुनियाभर में छा गया और आपको जानकार हैरानी होगी कि कुछ ही समय में यह व्यक्ति चीन का सबसे अमीर तथा दुनिया में शीर्ष 20 अमीर व्यक्तियों में शामिल हो गया। आपके मन में यह सवाल बहुत ही ज़ोर से कुलबुला रहा होगा कि आखिर वह व्यक्ति कौन था? तो आपको बता दें कि वह कोई और नहीं बल्कि दुनियाभर में मशहूर अलीबाबा ग्रुप के संस्थापक ‘जैक मा’ हैं।

बचपन से ही थे होनहार 

बता दें कि जैक मा का जन्म चीन के ज़ेजिआंग प्रान्त के हन्हाजु गांव में हुआ था। जैक के माता-पिता गरीब घराने के थे और वे पारंपरिक हीट गा-बजा कर कहानियां सुनाने का काम किया करते थे। आपको यह जानकर काफी अच्छा लगेगा कि जैक मा बचपन से ही काफी ज्यादा होनहार थे और उनके अंदर शुरू से ही कुछ सीखते रहने की आदत थी। उन्हें बचपन से ही अंग्रेजी सीखने की इच्छा हो गयी थी इसलिए वह प्रतिदिन सुबह साइकिल से पास के होटल पर जाते थे जहां अक्सर विदेशी नागरिक ठहरते थे। चूंकि चीन की मुख्य भाषा चीनी ही थी तो ऐसे में वह टूटी-फूटी अंग्रेजी बोलकर बाहर से आए विदेशियों को एक टूरिस्ट गाइड की तरह घुमाया करते थे। इसी दौरान वह उनसे बातें भी करते और अपनी अंग्रेजी को भी सुधारने की कोशिश करते।

जब हर जगह करना पड़ा रिजेक्शन का सामना 

बता दें कि जैक मा का असल नाम जैक नहीं था। लेकिन जिन लोगों को वह घुमाया करते थे उनमें से एक से उनकी काफी अच्छी मित्रता हो गयी थी और वह जैक को पत्र भी लिखा करता था। अपने पत्र में वह उन्हें जैक कह कर ही पुकारा करता था क्योंकि चीनी भाषा में उनका नाम काफी ज्यादा कठिन था और इसी तरह से उनका नाम जैक पड़ा। शिक्षा की बात की जाए तो जैक ने जब विश्वविद्यालय प्रवेश परीक्षा दी थी तो वह तीन-तीन बार फेल हुए थे। हालांकि, बाद में उन्होंने हंजाऊ टीचर्स इंस्टिट्यूट में दाखिला लिया जहां से उन्होंने अंग्रेजी विषय में स्नातक परीक्षा उतीर्ण की। 

जैसा कि हम अक्सर सुनते हैं किसी भी सफल इंसान का शुरुवाती दौर काफी चुनौतीपूर्ण रहता है और जैक मा के साथ भी कुछ ऐसा ही था। सबसे पहले तो जैक ने एक पुलिस की नौकरी के लिए आवेदन किया था लेकिन उनके डील-डौल शरीर को देखकर साफ मना कर दिया गया। इसके बाद उन्होंने KFC में भी आवेदन किया था जो कि उनके शहर में नया-नया आया था लेकिन आपको यह सुनकर थोड़ा अजीब लगेगा कि उस नौकरी के लिए कुल 24 लोगों ने आवेदन किया था जिसमें से 23 लोगों का चयन हो गया लेकिन जैक मा रिजेक्ट हो गए। इस तरह से जैक ने कुल 30 अलग-अलग जगहों पर आवेदन किया मगर उन्हें कहीं पर भी सफलता नहीं मिल पायी।

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साल 1994 में जब पहली बार जैक मा ने इंटरनेट का नाम सुना तो उन्हें इसके बारे में जानने की काफी उत्सुकता हुई। 1995 में उन्होंने अपने किसी दोस्त की मदद से अमेरिका में पहली बार इंटरनेट देखा। जैक ने जब पहली बार इंटरनेट का इस्तेमाल किया तो उनके द्वारा खोजा गया पहला शब्द था “BEER”। इस शब्द से संबंधित उन्हे कई अलग-अलग देशों की जानकारी मिली मगर उन्हें इस बात की हैरानी हुई कि उनके अपने देश चीन के बारे में इंटरनेट पर कुछ भी क्यों नहीं आया। जैक मा ने अपने देश चीन के बारे में काफी कुछ खोजने का प्रयास किया मगर उन्हें कुछ भी नहीं मिला। तब उन्हें काफी दुख हुआ कि इंटरनेट पर उनके देश के बारे में कुछ भी नहीं है।

1995 में बनाई अपनी कंपनी 

बाद में उन्हें अहसास हुआ कि उनका देश चीन अभी तकनीक के क्षेत्र में काफी ज्यादा पीछे है और वह इस क्षेत्र में आगे बढ़ना भी नहीं चाह रहा। तब उन्होंने अपने दोस्त की मदद से चीन के बारे में कई सारी जानकारी देने वाली एक वेबसाइट बनाई जिसका नाम था “Ugly”। आपको यकीन नहीं होगा कि इस वेबसाइट के बनने के मात्र 5 घंटे बाद ही उन्हें कई चीनी लोगों के ई-मेल आये जिन्होंने उनके बारे में जानने की इच्छा जताई। इसके बाद जैक मा को अहसास हुआ कि इंटरनेट कोई मामूली चीज नहीं है और इसकी मदद से बहुत कुछ किया जा सकता है। उसी वर्ष 1995 में ही जैक मा ने अपनी पत्नी और दोस्तों के साथ मिलकर तकरीबन 20,000 डॉलर इकट्ठे किये और अपनी एक कंपनी बनाई “China Yellow Pages” जिसका काम था दूसरी कंपनियों के लिए वेबसाइट बनाना। इस काम से अगले 3 वर्षों में उन्होंने करीब 8 लाख डॉलर कमाये। उन्होंने अपना कारोबार बढ़ाया और चीनी कंपनियों के लिए भी वेबसाइट बनाने लगे।

1999 में की ‘अलीबाबा’ की शुरुआत 

जब जैक मा की उम्र करीब 33 वर्ष थी तब उन्होंने अपना पहला कंप्यूटर खरीदा था। वर्ष 1999 में जैक मा ने अपने 17 दोस्तों के साथ मिलकर अपने घर से चीन की पहली B2B वेबसाइट बनाई जिसका नाम था “अलीबाबा”। खास बात तो यह थी कि मात्र 5 लाख युवाओं की मदद से अपनी इस वेबसाइट की शुरुवात करने वाले जैक ने कभी सोचा भी नहीं था कि एक समय में वह इतिहास रच देंगे। आज की तारीख में देखा जाए तो अलीबाबा के कुल 240 देशों में 79 मिलियन से भी ज्यादा सदस्य हैं। 

जैक मा ने अपनी इस उपलब्धि पर कभी घमंड नहीं किया। हमेशा से वह अपने देश के बारे में सोचते थे और प्रयास करते थे कि वह अपने देश के e-commerce मार्केट में सुधार ला सकें, जिससे छोटे और मध्यमवर्गीय व्यवसायों को विश्व स्तर पर ले जाया जा सके। Global E-commerce system को सुधारने के लिए 2003 में जैक मा ने Taobao Marketplace की स्थापना की, जिसके बढ़ते प्रभाव को देखते हुए eBay ने इसे खरीदने का ऑफर दिया मगर जैक मा ने eBay का प्रस्ताव ठुकरा दिया।

नाम हैं ढेरों उपलब्धियां 

आपको यह जानकर काफी अच्छा लगेगा कि कभी विदेशी मेहमानों को टूरिस्ट गाइड बनकर घुमाने वाला जैक मा आज इतनी बड़े एंपायर का मालिक बन चुका है। सितंबर 2014 के आंकड़ो के अनुसार अलीबाबा ने New York Stock Exchange में 25 बिलियन डॉलर की कंपनी खडी कर दी थी। अलीबाबा इस राशि के साथ विश्व की सबसे प्रख्यात टेक कंपनियों में गिनी जाने लगी। इसके अलावा बात करें जैक की उपलब्धियों की तो आपको बता दें कि 2004 में जैक मा को China Central Television द्वारा Top 10 Business Leaders of the Year चुना गया। 

इतना ही नहीं, इसके अलावा 2005 में जैक मा को वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम द्वारा Young Global Leader चुना गया और फार्च्यून पत्रिका में 25 Most Powerful Business people in Asia में नाम दिया गया। इसके अलावा 2007 में बिज़नेस वीक पर उन्हें Business person of the Year चुना गया। वैसे तो जैक मा के नाम पर ढेरों उपलब्धियां हैं मगर कुछ खास उपलब्धियों में एक यह भी है कि जैक मा को 2014 में फ़ोर्ब्स द्वारा विश्व के शक्तिशाली व्यक्तियों की सूची में 30वां स्थान दिया गया था।

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Shikha Yadav

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