Amitabh Bachchan: बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेता अमिताभ बच्चन (Amitabh Bachchan) इस समय कोरोनावायरस से लड़ रहे हैं। वहीं अभिषेक, ऐश्वर्या और अराध्या भी मुंबई के नानावति अस्पताल में भर्ती हैं। ऐसे में बिग बी अस्पताल से ही लगातार अपने फैंस के साथ जुड़े हुए हैं। हाल ही में बिग बी ने फैंस को इतना प्यार देने के लिए धन्यवाद भी किया है। एक्टर ने इस बार अपने ब्लॉग पर अपने कुछ विचार साझा किये हैं जो बेहद भावुक हैं।
सदी के महानायक ने इन दिनों हो रहे अपने अनुभव की बात करते हुए कहा ”कैसे हर चीज़ में एक चुप्पी है। कैसे ज़िंदगी अपने तरीके से चल रही है। कैसे हमारे विचार समय से भी तेज़ दौड़ते हैं।” उन्होंने आगे लिखा, ”यह खामोशी है और आगे क्या होने वाला है यह निश्चित नहीं है। ज़िंदगी कुदरत का ही एक करिश्मा है जो हम सभी को प्रत्येक क्षण, प्रत्येक जीवित श्वास का स्मरण कराती है।
सामान्य दिनों से प्रेरित गतिविधि में, कभी भी ऐसा रुझान नहीं हुआ कि हम सोचने बैंठे और विचारों की बाढ़ आ जाए। पर अब ऐसा हो रहा है, रोज़ विचार एक नियमितता के साथ आते हैं, घंटो बैठते हैं, सोचते जाते हैं।”
अमिताभ बताते हैं कि कैसे इन दिनों उनका दिमाग शांत और खाली है। उन्होंने कहा, “इन परिस्थितियों में विचार अधिक गति से दौड़ रहे हैं और एक ऐसी जीवंतता में जो हमें पहले भी अलग-थलग कर चुके थे .. विचार हमेशा वहां ही थे, लेकिन बस उनकी मौजूदगी मन को अपने अन्य भावों से शांत करती रही… लेकिन मन अब निष्क्रिय है.. दिल-दिमाग स्वतंत्र है। यह पहले से कहीं अधिक दौड़ रहा है। मैं अंचभित हूं कि क्या से सही है, ये मुनासिब है या नहीं।”
उन्होंने ‘भटकते हुए मन की प्रकृति’ पर भी विस्तार किया। उन्होंने कहा “.. एक भटकता मन अक्सर हमें उन गंतव्यों की ओर ले जाता है, जो अपनी सनक या मनोव्यथा के कारण, उस समय को लाते हैं, जो कभी-कभी ऐसी नहीं होती जिसे आप सुनना या देखना चाहते हों .. लेकिन हम उसकी ओर चले जाते हैं ..। संभवत: हमारे आस-पास जो हो रहा होता है उसका सबसे ज्यादा प्रभाव हम पर ही पड़ता है। इसे नज़रअंदाज़ बिल्कुल नहीं किया जा सकता.. इसलिए आप अपने भटकते मन को चाहे स्वीकार करें .. सहन करें .. इसके साथ जिएँ .. इसे दूर रखें, इसे पकड़े रहें, लेकिन आप कभी भी इसकी उपस्थिति को समाप्त करने में सक्षम नहीं हो सकते। मैं यह कहना चाहूंगा कि हममें से प्रत्येक .. प्रत्येक व्यक्ति की इच्छाशक्ति होती है। किसी न किसी चीज़ पर विश्वास होने की क्षमता, जो पहले कभी नहीं हुई। ”
आगे अमिताभ बताते हैं कि, अस्पताल में कैसे उनका बैचेन मन प्रतिक्रिया करना चाहता है। ”अस्पताल के एक कमरे में धीरज की इस घड़ी में, बेचैनी प्रतिक्रिया की तलाश में रहती है। किसी चीज़ के लिए प्रतिक्रिया करना चाहती है। निर्धारित स्थिति से हटकर कुछ और करना चाहती है।”.
आगे बिग बी कहते हैं, ”बेचैन दिल-दिमाग की यह खोज कभी – कभी सुखानुभव पाती है पर अक्सर असफल रह जाती है। कभी आप इसे नियंत्रित कर लेते हैं, तो कभी आप सिर्फ खाली दिवारों को खाली विचारों के संग घूरते रहते हैं। और आप यही प्रार्थना करते हैं कि ये सदा ज़िंदगी के अस्तित्व से, प्रतिक्रियाओं से और साथ से भरी रहे।
उन्होंने अपने ब्लॉग का अंत अपने करोड़ों फैंस का शुक्रिया करते हुए किया जो उनकी बेहतर सेहत लिए प्रार्थना कर रहे हैं। आपको बता दें कि नानावति अस्पताल के सूत्रों का कहना है कि बच्चन परिवार की सेहत फिलहाल स्टेबल है।
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