Bulbbul Review in hindi: वेब सीरीज पाताल लोक के बाद अब अनुष्का शर्मा की फिल्म बुलबुल नेटफ्लिक्स पर रिलीज हो गई है। इस फिल्म में अनुष्का शर्मा ने महिला सशक्तिकरण पर ज्यादा जोर दिया है। फिल्म की कहानी पूरी तरह से हॉरर है, जो कि एक बंगले पर आधारित है। जी हां, फ़िल्म ‘बुलबुल’ की कहानी के दोनों मुख्य पात्रों की प्रेरणा ‘कादम्बरी’ से ही आई लगती है, जिसे आगे बढ़ाते हुए एक सुपरनेचुरल थ्रिलर, जिसके बाद यह कादम्बरी से पूरी तरह से अलग थलग नजर आई।
फिल्म बुलबुल की कहानी 19वीं सदी पर आधारित है। दरअसल, बुलबुल का बाल विवाह एक ज़मींदार घराने में अपने से कई साल बड़े इंद्रनील से हो जाता है। कहानी में ट्वीस्ट यह है कि इंद्रनील के छोटे भाई संग बुलबुल बचपन में खूब खेलती थी। बचपन की चंचलता और लगाव जवानी में आकर्षण में बदल जाता है। मामला तब फंसता है, जब बुलबुल मन ही मन इंद्रनील के छोटे भाई सत्या से प्यार करने लगती है।
दरअसल, इंद्रनील को अपने जुड़वां भाई महेंद्र की पत्नी बिनोदिनी के द्वारा पता चलता है कि सत्या और बुलबुल के बीच कुछ खिचड़ी पक रही है। फिर क्या इंद्रनील ने सत्या को लंदन भेज दिया, जिसके बाद बुलबुल की ज़िंदगी नरक बन जाती है। बता दें कि सत्या के जाने के बाद इंद्रनील रोज़ाना नशे की हालत में बुलबुल को खूब पीटता है। इतना ही नहीं, उसका जुड़वा भाई बुलबुल का यौन उत्पीड़न भी करता है।
कहानी उस मोड़ पर मुड़ती है, जब इंद्रनील घर छोड़कर चला जाता है और फिर बुलबुल घर की मुखिया बन जाती है। इसी बीच महेंद्र की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो जाती है, जिसे लोग समझते हैं कि उसे चुड़ैल ने मार दिया।
लंबे समय के बाद सत्या लंदन से लौटता है, जिसे देख बुलबुल खुश हो जाती है, लेकिन अब सब बदल चुका था। दरअसल, बुलबुल की नजदीकियां डॉक्टर साहब के साथ बढ़ रही थी, जिसे देख सत्या आग बबूला हो जाता है और वह उसे मायके भेज देता। इतना ही नहीं, उसे गांव में होने वाली मर्दों की हत्या के पीछे चुड़ैल वाली कहानी भी बकवास लगती है और वह पुलिस स्टेशन जाकर इस मामले की छानबीन करने की बात करता है। पुलिस के छानबीन में कई बड़े राज सामने आते हैं और चुड़ैल के उल्टे पैर वाले राज भी खुलते हैं। ऐसे में फिल्म का क्लाइमेक्स जानने के लिए आपको फिल्म देखनी पड़ेगी।
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फिल्म बुलबुल में सत्या के किरदार में अविनाश तिवारी, महेंद्र और इंद्रनील के दोहरे किरदार में राहुल बोस प्रभावित करते हैं। बिनोदिनी के किरदार में पाउली दाम और डॉक्टर सुदीप के रोल में परमब्रत चटर्जी असर छोड़ते हैं। बुलबुल के किरदार में तृप्ति डिमरी ने बहुत अच्छा काम किया। निर्देशक और निर्माता की बात करें, तो अनुष्का महिला सशक्तिकरण को पेश करने में काफी सफल रही, लेकिन फिल्म के थ्रिलर को बनाए रखने में असफल रही।
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