Vinod Khanna Birth Anniversary 2021: बॉलीवुड फिल्म इंडस्ट्री में हमेशा सितारों के बीच एक दूसरे से आगे निकलने की होड़ मची रहती है। लेकिन बीते समय के मशहूर एक्टर विनोद खन्ना कभी इस भेड़चाल का हिस्सा बनते नजर नहीं आये। लेजेंड्री एक्टर विनोद खन्ना की 75 वीं बर्थ एनिवर्सरी पर उनसे जुड़ी कुछ खास बातें हम यहां आपके साथ शेयर कर रहे हैं।
विनोद खन्ना अपनी कमाल की पर्सनालिटी और लुक्स की बदौलत 1970 के दशक में दर्शकों के दिलों पर राज करते थे। कुछ फिल्मों में उन्होंने चोर डाकू जैसे रोल्स भी किये थे। लेकिन ये उनकी करिश्माई एक्टिंग और चार्मिंग पर्सनालिटी का ही जादू था कि लोगों ने उन्हें इस रूप में भी भरपूर प्यार दिया। उनके चलने और डायलॉग डिलीवरी का भी एक खास अंदाज था जो उन्हें बाकी सारे एक्टर्स से अलग करता था।
फिल्मी पर्दे पर एक विलेन के तौर पर विनोद खन्ना ने डेब्यू किया था। फिल्म थी ‘मन का मीत’ और 1969 का साल था। उस दौर में शायद ही ऐसा फिर कभी हुआ कि पर्दे पर किसी विलेन ने इतनी पॉप्युलैरिटी बटोरी की वह फिल्मों में हीरो बनने लगा और देखते ही देखते सुपरस्टार बन गया। ‘पूरब पश्चिम’, ‘सच्चा झूठा’, ‘आन मिलो सजना’, ‘मस्ताना’, ‘मेरा गांव मेरा देश’ जैसी कई फिल्मों के बूते विनोद खन्ना ने उस दौर में अपनी ऐक्टिंग का लोहा मनवाया।
ये वो दौर था जब मल्टी स्टारर फिल्मों को ज्यादा तरजीह दी जाती थी। उस दौर में विनोद खन्ना ने अमिताभ बच्चन के साथ भी कई फिल्मों में काम किया था। उस दौर में अमिताभ बच्चन का जादू लोगों के सिर चढ़कर बोलता था। ऐसे में स्क्रीन पर बाकी लोगों के लिए अपनी छाप छोड़ पाना काफी मुश्किल होता था। लेकिन विनोद खन्ना ऐसे एक्टर थे जो स्क्रीन पर न केवल अपनी छाप छोड़ जाते थे बल्कि अमिताभ को सीधी टक्कर देते नजर आते थे।
अमिताभ बच्चन और विनोद खन्ना ने ‘परवरिश’, ‘खून पसीना’, ‘हेरा फेरी’ और ‘अमर अकबर एंथनी'(Vinod Khanna Amitabh Bachchan Movies Amar Akbar Anthony) जैसे फिल्मों में साथ काम किया था। दोनों सुपरस्टार्स थे और ऐसे में दोनों की जोड़ी को खूब पसंद भी किया जाता था. लेकिन भीतर ही भीतर कुछ ऐसा चल रहा था, जिससे दर्शक अनजान थे। उस दौर के लोग बताते हैं कि अमिताभ बच्चन अपने सामने विनोद खन्ना की बढ़ती पॉप्युलैरिटी और करियर ग्राफ से ज्यादा खुश नहीं थे। इसकी एक बड़ी वजह यह भी थी कि कई फिल्मों में तब मेकर्स ने विनोद खन्ना को पहली पसंद बनाया था. यहां तक कि जिन फिल्मों में दोनों साथ थे, वहां भी कई बार अमिताभ बच्चन की जगह विनोद खन्ना को ज्यादा पावरफुल रोल मिले। उनका स्क्रीनटाइम भी ज्यादा रखा गया।
एक इंटरव्यू में जब विनोद खन्ना से इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने हंसते हुए जवाब दिया, ‘हम एक ही समय में फिल्में कर रहे थे। एक ही समय में आगे बढ़ रहे थे। ऐसे में हमारे बीच कंपीटिशन जरूर था। लेकिन यह कहना कि हम राइवल थे, गलत होगा. हमारे बीच कोई दुश्मनी नहीं थी।
विनोद खन्ना लंबे समय तक ब्लैडर कैंसर से जूझते रहे थे. अपने आखिरी दिनों में उन्होंने सलमान खान के साथ ‘दबंग 2’ और शाहरुख खान के साथ ‘दिलवाले’ जैसी फिल्में की थी। लेकिन दो साल बाद ही 2017 में उनकी तस्वीर ने जैसे हर किसी को झकझोर दिया. उस वक्त की अपनी तस्वीरों में वो बेहद कमजोर नजर आ रहे थे। आखिरकार 27 अप्रैल 2017 को उन्होंने इस दुनिया को अलविदा कह दिया और अपने पीछे अपना बेहतरीन काम छोड़ गए।
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