Film Devi Kajol: बॉलीवुड की बिंदास एक्ट्रेस काजोल जिस तरह अक्सर अपने चुलबुले रोल्स के लिए काफी पसंद की जाती हैं, वहीं काजोल के इंटेंस और सीरियस रोल्स में भी उनकी एक्टिंग का कोई जवाब नहीं। अजय देवगन स्टारर फिल्म ‘ तान्हाजी’ के बाद काजोल अब अपनी शॉर्ट फिल्म को लेकर सुर्खिया बटोर रही हैं। काजोल की 13 मिनट की शॉर्ट फिल्म ‘देवी’ आपकी आंखों में आसूं ला देगी। इस लघु फिल्म को यूट्यूब पर रिलीज किया गया है और इस फिल्म का निर्देशन बड़ी ही खूबसूरती से प्रियंका बनर्जी ने किया है। काजोल के साथ इस फिल्म में नेहा धूपिया, शिवानी रघुवंशी, श्रुति हासन, नीना कुलकर्णी, संध्या म्हात्रे, रमा जोषी, मुक्ता बार्वे, रश्विनी दयामा हैं। इन सभी ने फिल्म में दमदार अभिनय किया है।
Film Devi Kajol: इस फिल्म में 9 महिलाओं की कहानी दर्शायी गई है जो अपनी अलग-अलग परिस्थितियों से निकलकर एक ऐसी जगह जा पहुंची हैं जहां वे किसी को अपना नहीं कह सकतीं। गौरतलब है कि इस फिल्म में हर महिला उस पुरुषप्रधान समाज का शिकार हुई हैं जहां मर्द अपनी मर्दांगी, उन पर अत्याचार करके साबित करते हैं। 13 मिनट में इन 9 महिलाओं ने अपने दर्द को इस कदर बयां किया है कि आपकी आंखे नम हो जाएंगी। दरवाजे की बंजती घंटी हर पीड़ित महिला के दर्द को फिर से कुरेदती है। दरवाजा खुलने के बाद जो सामने आता है, उसे देखकर हर कोई हैरान रह जाता है।
इस फिल्म की कहानी संवेदनाओं से भरी है। इस फिल्म में काजोल ने मराठी में बात की है। इस फिल्म का हर किरदार आपको इससे आखिरी तक बांधे रखेगा। 13 मिनट की इस लघु फिल्म में सभी कलाकार अपना संदेश देने में कामयाब रहे हैं। अंटरराष्ट्रीय महिला दिवस से पहले रिलीज़ हुई शॉर्ट फिल्म ने यूट्यूब पर धमाल मचा दिया है। काजोल इस कहानी की एक सूत्रधार के किरदार में कहानी को बांधती हैं।
इस फिल्म में 9 महिलाओं का दर्द दिखाया गया है जो अलग-अलग जगह और वर्ग से आती हैं। इन सबके साथ एक मूक-बधिर लड़की भी है, जो टीवी पर न्यूज़ देखने के लिए संघर्ष कर रही है। इसी बीच दरवाजे की घंटी बचती है और घर में हलचल मच जाती है। दरवाजे पर कौन है, इस बात को जानने से पहले ध्यान उस बात पर दिया जा रहा है कि जो आएगा वो इस कमरे में रहेगा कैसा। इसी के साथ हर महिला अपने साथ हुए गलत काम और दुषव्यवहार पर अपनी-अपनी कहानी बयां करती है। किसी महिला के साथ 15 साल की उम्र में तो किसी के साथ 50 की उम्र में गलत काम हुआ है और काजोल आखिर में दरवाजा खोलती हैं। दरवाजा खोलते ही सब ह्क्का-बक्का रह जाते हैं क्योंकि दरवाजे पर 7-8 साल की एक बच्ची होती है। इस फिल्म को धैर्य के साथ देखने पर समझ आता है कि फिल्म के पीछे क्या संदेश दिया गया है।
Benefits Of Ice On Face In Hindi: चेहरे को सुंदर बनाने के लिए लोग तरह-तरह…
Spring Roll Sheets Recipe in Hindi: स्प्रिंग रोल हर एक आयु वर्ग के लोगों के…
Shri Ram Raksha Strot Padhne Ke Fayde: सनातन धर्म में सभी देवी देवताओं की पूजा…
Benefits of Roasted Chana with Jaggery In Hindi: शरीर को स्वस्थ्य बनाए रखने के लिए…
Benefits of Papaya Milk for Skin In Hindi: त्वचा के लिए पपीता फायदेमंद होता है…
Famous Shakti Peeth in Haryana: इस समय पूरे देश भर मे चैत्र नवरात्रि के त्यौहार…