Prithviraj Kapoor Struggle Story: बॉलीवुड में कपूर खानदान का नाम काफी पुराना है। बता दें कि कपूर खानदान की पुश्तें इस इंडस्ट्री से जुड़ी हुई हैं और कपूर खानदान से इस इंडस्ट्री को बहुत से ऐसे अभिनेता मिले हैं, जिन्होंने ना इस इंडस्ट्री को एक नए मुकाम पर पहुंचाया है बल्कि इस परिवार की हर एक पीढ़ी ने इस इंडस्ट्री में अपनी बराबर की हिस्सेदारी दी है। आज हम बात करेंगे अभिनेता पृथ्वीराज कपूर की। बता दें कि पृथ्वीराज को हिंदी फिल्म इंडस्ट्री का पहला शो-मैन कहा जाता है।
बता दें कि पृथ्वीराज कपूर का जन्म साल 1906 में 3 नवंबर को लायलपुर (फैसलाबाद, पाकिस्तान) के समुंद्री में हुआ था। पृथ्वीराज कपूर के पिता बशेश्वरनाथ कपूर एक पुलिस अधिकारी थे। लेकिन पृथ्वीराज कपूर को बचपन से ही एक्टिंग में काफी ज्यादा दिलचस्पी थी। पुलिस का बैकग्राउंड होते हुए भी पृथ्वीराज ने एक्टिंग को अपना करियर चुना। जब पृथ्वीराज 12वीं पास करके कॉलेज में गए तब उन्होंने एक्टिंग के क्षेत्र में ही अपना करियर बनाने का फैसला ले लिया।
बता दें कि एक्टिंग के जगत में अपना करियर बढ़ाने के लिए पृथ्वीराज कपूर लाहौर चले आए थे, लेकिन लाहौर आना उनके लिए सफल नहीं रहा। उन्हें लाहौर आने के बाद कोई भी काम नहीं मिल रहा था। काफी समय तक लाहौर में काम तलाश करने के बाद साल 1929 में पृथ्वीराज कपूर काम की तलाश में मुंबई आ गए। मुंबई आना पृथ्वीराज के लिए उनकी जिंदगी के लिए एक नया मुकाम लेकर के आया।
जब पृथ्वीराज मुंबई आए तो उनको काम मिलना आसान नहीं था जिसके चलते उन्होंने इंपीरियल फिल्म नाम की कंपनी में बिना सेलेरी लिए काम करना शुरू किया और उस कंपनी में बतौर एक्स्ट्रा कलाकार काम करने लगे। हालांकि, स्ट्रगलिंग पीरियड के दौरान पृथ्वीराज कपूर ने मेहनत तो बहुत की लेकिन उनके हाथ कोई भी बड़ी फिल्म नहीं लगी थी।
लेकिन साल 1941 में पृथ्वीराज ने फिल्म सिकंदर में अभिनय किया और वो फिल्म उनके एक्टिंग करियर के लिए मील का पत्थर साबित हुई। इस फिल्म में अभिनय के बाद पृथ्वीरज कपूर को इस इंडस्ट्री में अपनी एक अलग पहचान मिली। बता दें कि फिल्म सिकंदर का डायरेक्शन सोहराबब मोदी ने किया था और इस फिल्म में पृथ्वीराज कपूर ने सिकंदर का किरदार निभाया था जो इस फिल्म का लीड एक्टर था।
बता दें कि फिल्मों के अलावा पृथ्वीराज ने आजादी के आंदोलन पर भी कई सारे नाटकों में काम किया। फिल्मों में अभिनय और मिलने वाली शोहरत के चलते पृथ्वीराज ने अपना खुद का थिएटर स्थापित किया। बता दें कि उनके थिएटर की थीम आजादी के संघर्ष को देखते हुए रखी गई थी।
हालांकि, पृथ्वीराज कपूर को खुद एक्टिंग में काफी दिलचस्पी थी, लेकिन उनके परिवार की कोई भी महिला कभी फिल्म इंडस्ट्री में नहीं आई। ऐसा कहा जाता है कि पृथ्वीराज नहीं चाहते थे कि उनके परिवार की कोई भी महिला फिल्मों में काम करे। वो इस बात को लेकर काफी सख्त थे, क्योंकि उनको लगता था कि ये इंडस्ट्री महिलाओं के लिए सही नहीं हैं और उनका यहां पर शोषण होता है। जिसके चलते उन्होंने अपने परिवार की महिलाओं को फिल्मों में काम करने की सख्त मनाही कर रखी थी।
एक बार की बात बताएं तो पृथ्वीराज एक बार फिल्म इंडिया मैगजीन के एडिटर-पब्लिशर बाबूराव पटेल से मिलने गए थे। उस दौरान पृथ्वीराज कपूर के साथ उनकी बहन शांता कपूर भी गई थी। शांता देखने में काफी खूबसूरत थी। बाबूराव ने जैसे ही उनको देखा उन्होंने पृथ्वीराज से कहा कि वो शांता को फिल्मों में आसानी से काम दिला सकते हैं। बाबूराव की ये बात सुनते ही पृथ्वीराज कपूर के गुस्से का पारा चढ़ गया और वो बाबूराव पर भड़क गए। वो बाबूराव के पास से उठकर घर वापस आए और उन्होंने शांता को खूब डांट सुनाई।
खबरों की मानें तो पृथ्वीराज नें शांता को डांट इसलिए भी सुनाई क्योंकि वो अपनी सुंदरता पर बहुत ज्यादा ध्यान देती थीं, जिस वजह से पृथ्वीराज ने उनको डांट सुनाई थीं। एक रिपोर्ट के मुताबिक एक इंटरव्यू के दौरान शांता ने कपूर खानदान की महिलाओं का फिल्मों में काम ना करने के सवाल पर जवाब देते हुए कहा था कि, ‘परिवार में रिवाज रहा है कि कोई बहू बेटी एक्टिंग नहीं करेगी. ऐसा इसलिए क्योंकि फिल्मी दुनिया में लड़कियों का बहुत शोषण होता था।’
हालांकि, इस समय की बात करें तो अब कपूर खानदान की महिलाएं फिल्मों में काम करने लगी हैं। करीना कपूर और करिश्मा कपूर ने फिल्मों में ना सिर्फ बेहतर अभिनयर किया बल्कि इस इंडस्ट्री में अपना नाम भी काफी कमाया है।
Facts About Chandratal Lake In Hindi: भारत में हज़ारों की संख्या में घूमने की जगहें…
Blood Sugar Control Kaise Kare: आज की भागदौड़ भरी ज़िंदगी में कई बीमारियों को समाज…
Gond Katira Khane Ke Fayde: आयुर्वेद विज्ञान से भी हज़ारों साल पुराना है। प्राचीन ग्रंथों…
Diljit Dosanjh Concert Scam: भारतीय गायक दिलजीत दोसांझ किसी परिचय के मोहताज नहीं है। वे…
Vayu Kon Dosha Kya Hota Hai: पौराणिक मान्यताओं व ज्योतिष शास्त्र के अनुसार ऐसा माना…
Parsi Death Ceremony in Hindi: दुनिया तेजी से बदल रही है और इसी क्रम में…