मनोरंजन

रामायण के अरविंद त्रिवेदी को रियल ‘लंकेश’ समझ बैठे थे दर्शक, रावण दहन पर इलाके में मना था शोक

Arvind Trivedi as Ravan: त्यौहारों का सीजन चल रहा है। अभी दशहरा गया है और अब दिवाली आने वाली है। ये दोनों ही त्यौहार हमारे देश में बेहद धूम-धाम से मनाए जाते हैं। त्रेता युग में दशहरे के दिन भगवान श्रीराम ने लंकापति रावण का सर्वनाश कर राक्षस कुल का खात्मा किया था। हर साल यह त्यौहार अच्छाई की बुराई पर जीत के उपलक्ष्य में मनाया जाता है।

श्रीराम और रावण की इस अनोखी कहानी यानि रामायण को टीवी पर भी अनेक बार दिखाया जा चुका है लेकिन टीवी का एक रावण जो जमाने से लोगों के दिल पर राज कर रहा है वो हैं अरविंद त्रिवेदी। उनके रावण के किरदार ने लोगों के दिल पर कुछ कदर घर किया कि आज भी लोग उन्हें रावण के रूप में ही जानते हैं। रामानंद सागर के धारावाहिक रामायण में लंकापति रावण का रोल निभाकर अरविंद त्रिवेदी ने खासी लोकप्रियता बटोरी थी। अरविंद का जन्म 8 नवम्बर 1937 को हुआ। वे मूल रुप से मध्य प्रदेश के इंदौर शहर के रहने वाले हैं। अरविंद के बड़े भाई उपेंद्र त्रिवेदी भी फेमस एक्टर हैं। वे गुजराती थियेटर में काम किया करते थे। भाई से प्रेरणा लेकर ही अरविंद ने भी एक्टिंग की राह चुनी।

रावण के रोल ने 81 साल के अरविंद को इस कदर सफलता की बुलंदियों पर पहुंचाया कि लोग उन्हें असल जिंदगी में रावण समझने लगे थे। एक इंटरव्यू के दौरान अरविंद त्रिवेदी ने बताया था- “मैं देने तो गया था केवट के रोल का ऑडिशन, लेकिन रामानंद सागर ने मुझे रावण के रोल के लिए सिलेक्ट कर लिया”।

आगे उन्होंने बताया – जब सबका ऑडिशन हो गया उसके बाद मुझे बुलाया गया और एक स्क्रिप्ट दी गई। स्क्रिप्ट पढ़ने के बाद अभी मैं कुछ ही कदम चला था कि रामानंद जी ने खुशी से चहकते हुए कहा – “बस, मिल गया मुझे मेरा लंकेश। यही मेरा रावण होगा।” मैं हैरानी से इधर-उधर देखने लगा कि मैंने तो अभी कोई डायलॉग भी नहीं बोला और यह क्या हो गया? जब मैंने उनसे इस बारे में पूछा, तो वह बोले, “मुझे एक ऐसा रावण चाहिए, जिसमें ना सिर्फ शक्ति हो, बल्कि भक्ति भी हो। वह विद्वान है, तो उसके चेहरे पर एक तेज हो और अभिमान भी हो। मुझे तुम्हारी चाल से ही यह यकीन हो गया कि तुम इस कैरेक्टर के लिए परफेक्ट हो।”

अरविंद त्रिवेदी ने यह भी कहा – रामायण करने के बाद मैं लोगों के लिए अरविंद त्रिवेदी नहीं, बल्कि लंका नरेश रावण हो गया था। मेरे बच्चों को लोग रावण के बच्चे और मेरी पत्नी को मंदोदरी के नाम से पुकारने लगे थे। मैंने कभी नहीं सोचा था कि रावण का किरदार निभाकर मैं, ना सिर्फ भारत में बल्कि विदेश में भी इतना मशहूर हो जाऊंगा। पूरे विश्व में लोग मुझे जानेंगे और मेरा नाम याद रखेंगे, ये मैंने कभी नहीं सोचा था। जिस दिन सीरियल में रावण का वध हुआ, उस दिन मेरे इलाके में लोगों ने इसका शोक मनाया था।

उन्होंने कहा – जब भी मैं किसी कार्यक्रम में जाता तो यह महसूस करता कि लोगों के दिल में रावण के चरित्र की कितनी इज्जत है। आज भी लोग रावण को विद्वान मानते हैं। दक्षिण भारत के लोग आज भी रावण के नाम पर अपना नाम रखते हैं। रावण ने तो भगवान राम के जरिए अपने पूरे कुनबे को मोक्ष दिलाया था। अगर रावण आत्मकेंद्रित होता तो वह खुद हिरण बनकर मोक्ष प्राप्त कर लेता। रावण घोर तपस्वी, नियमों को मानने वाला और उसूलों वाला इंसान था। अहंकार को छोड़ दिया जाए तो रावण से बहुत कुछ सीखा जा सकता है।

Facebook Comments
Damini Singh

Share
Published by
Damini Singh

Recent Posts

हिमाचल प्रदेश की वो झील जहां अंधेरे में आती हैं परियां, जानें क्या है इस फेमस लेक का राज़

Facts About Chandratal Lake In Hindi: भारत में हज़ारों की संख्या में घूमने की जगहें…

1 week ago

घर में ही शुगर लेवल को ऐसे करें मैनेज, डॉक्टर के चक्कर काटने की नहीं पड़ेगी ज़रूरत

Blood Sugar Control Kaise Kare: आज की भागदौड़ भरी ज़िंदगी में कई बीमारियों को समाज…

1 week ago

इन बीमारियों का रामबाण इलाज है गोंद कतीरा, जानें इस्तेमाल करने का सही तरीका

Gond Katira Khane Ke Fayde: आयुर्वेद विज्ञान से भी हज़ारों साल पुराना है। प्राचीन ग्रंथों…

3 weeks ago

दिलजीत दोसांझ को फैन के साथ किया गया फ्रॉड, सिंगर के इस कदम ने जीता सबका दिल

Diljit Dosanjh Concert Scam: भारतीय गायक दिलजीत दोसांझ किसी परिचय के मोहताज नहीं है। वे…

3 weeks ago

आखिर क्या है वायु कोण दोष? जानिए ये कैसे होता है और इसके प्रभाव क्या हैं?

Vayu Kon Dosha Kya Hota Hai: पौराणिक मान्यताओं व ज्योतिष शास्त्र के अनुसार ऐसा माना…

4 weeks ago