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73 की उम्र में धोनी के गुरु ने छोड़ा उनका साथ, कहलाते थे रांची क्रिकेट के भीष्म पितामह

भारतीय क्रिकेट के उपकप्तान महेंद्र सिंह धोनी(Mahendra Singh Dhoni) के गुरु और बिहार क्रिकेट एसोसिएशन के उपाध्यक्ष रहे देवल सहाय(Deval Sahay) ने मंगलवार को दुनिया को अलविदा कह दिया। उन्होने रांची के ही एक अस्पताल में अंतिम सांस ली।

बिहार क्रिकेट एसोसिएशन(Bihar Cricket Association) के उपाध्यक्ष रहे देवल सहाय(Deval Sahay) का मंगलवार सुबह करीब 3 बजे मल्टीपल ऑर्गन फेल होने के कारण निधन हो गया। 73 साल के देवल सहाय पिछले तीन महीने से बीमार थे और उनका रांची के ही एक अस्पताल में इलाज चल रहा था। रांची क्रिकेट के भीष्म पितामह कहे जाने वाले देवल सहाय टीम इंडिया के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी(Mahendra Singh Dhoni) के मेंटर भी थे।

देवल सहाय(Deval Sahay) का क्रिकेट में योगदान

Image Source – Twitter@JantaKaReporter

देवल सहाय, क्रिकेट और फुटबॉल के शानदार खिलाड़ी थे, लेकिन सेंट्रल कोलफील्ड्स लिमिटेड (CCL) के कार्मिक निदेशक के पद से सेवानिवृत्त होने के बाद, सन 2006 में उन्होने खुद को खेल प्रशासन से अलग कर लिया था। उनके निधन के बाद, झारखंड स्टेट्स क्रिकेट असोसिएशन (JSCA) समेत विभिन्न संगठनो से जुड़े खिलाड़ियों सहित तमाम खेल प्रेमियों में शोक की लहर है।

देवल सहाय(Deval Sahay) की बेहतरीन क्रिकेट ट्रेनिग के चलते, उनकी देखरेख में दर्जनों क्रिकेटरों ने देश व राज्य का प्रतिनिधित्व किया, जिनमें महेंद्र सिंह धोनी(Mahendra Singh Dhoni), प्रदीप खन्ना, आदिल हुसैन, अनवर मुस्तफा, धनंजय सिंह और सुब्रत दा जैसे कई क्रिकेटर शामिल हैं।

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बता दें कि देवल सहाय ही थे, जिन्होंने धोनी को रेलवे से सीसीएल में लाकर खिलवाया था। उनका जिक्र फिल्म ‘एमएस धोनी: द अनटोल्ड स्टोरी’ में भी किया गया था। धोनी(Mahendra Singh Dhoni) को क्रिकेट जगत में इतनी ऊंचाई तक पहुंचाने में देवल सहाय का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। उन्होने रांची में पहली टर्फ पिच तैयार करवाई थी और युवा धोनी को वजीफे पर रखकर, टर्फ पिचों पर खेलने का पहला अवसर प्रदान किया था।

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