Difference Between Cheese and Paneer In Hindi: हममें से ज्यादातर लोग चीज़ और पनीर के बीच अंतर को नहीं समझते क्योंकि कुछ लोग पनीर को अक्सर इंडियन कॉटेज चीज़ समझ बैठते हैं लेकिन ऐसा बिल्कुल भी नहीं है. इनके बीच के अंतर को जरूर जान ले. वैसे पनीर और चीज़ दोनों दूध से बनाए जाते हैं और दोनों प्रोडक्ट का ही खाने में खूब इस्तेमाल भी होता है, फिर भी अधिकतर लोग इनके बीच के अंतर को नहीं समझते. देश से लेकर विदेश तक चीज़ की भारी डिमांड रहती है. यह दोनों ही खाद्य पदार्थ दुनिया भर में काफी पॉपुलर हैं.
अब हम आपको इन दोनों को बनाने के तरीके से लेकर इनके इस्तेमाल करने तक के तरीकों के बारे में बताने वाले हैं. जिससे आप खुद ब खुद इन दोनों के बीच अंतर को आसानी से समझ सकेंगे..
चीज़ और पनीर दोनों में टेक्सचर के बीच के डिफरेंट को समझना बहुत ही आसान है. चीज़ में इलास्टिक टेक्सचर होता है. इसलिए जब चीज़ को ही गर्म किया जाता है तो यह लिक्विड जैसा पिघल जाता है. तो वही पनीर को जब गर्म किया जाता है तो वह सॉलिड फॉम में ही रहता है. इन दोनों को ही फ्राई, बेक और रोस्ट किया जा सकता है. लेकिन दोनों प्रोडक्ट के एंड के रिजल्ट में अंतर रहता है.
पनीर और चीज़ दोनों ही गाय, भैंस और बकरी के दूध से बनाया जाता है लेकिन इन्हें बनाने के तरीके में जमीन आसमान का अंतर है.
चीज़ को बनाने के लिए उसमें बैक्टीरिया द्वारा दूध का एसिडिफिकेशन होता है. इसीलिए चीज़ का कलर, फ्लेवर और शेप अलग तरह का होता है. पूरी दुनिया में चीज़ की 300 से अधिक वैराइटीज मिलती है. हर बार अलग-अलग वैरायटी के चीज़ को बनाने के लिए अलग-अलग प्रोसेस भी इस्तेमाल करना पड़ता है. इसे बनाने के लिए इसमें बहुत ही हाई कैलोरी काउंट और फैट होता है. इसलिए जिन लोगों को दिल की बीमारी से संबंधित कोई समस्या है वह लोग चीज़ का इस्तेमाल ना ही करें, तो ठीक रहता है.
पनीर बनाने के लिए उबलते दूध में एसिडिक कंटेंट जैसे नींबू का रस या सिरका आदि डाला जाता है. जिससे दूध फट जाता है. इसके बाद पानी से पनीर को अलग कर जमा लिया जाता है. इसे बनाने में भी ज्यादा समय नहीं लगता. इसमें बहुत ज्यादा फैट और कैलोरी भी नहीं होती. इसलिए. इसे कोई भी खा सकता है. मिल्क एनर्जी या लेक्टोज़ इनटोलरेंस की समस्या से यदि कोई पीड़ित है तो उसे पनीर को अवॉइड करना ही सही रहता है. वैसे तो मार्केट में पनीर की बहुत ज्यादा वैरायटी मौजूद नहीं है. लेकिन आजकल मार्केट में साधारण पनीर के अलावा मसाला पनीर भी उपलब्ध है.
इन दोनों ही प्रोडक्ट को स्टोर करने के तरीके भी अलग-अलग है चीज़ को स्टोर करने का तरीका एसिडिफिकेशन के प्रोसेस के जरिए चीज को बनाया जाता है इसलिए यह नेचुरल प्रिजर्वेटिव की तरह स्टोर किया जा सकता है. चीज़ 2 से 6 महीने तक खराब नहीं होता और इसे अधिकतम 6 महीने तक आसानी से स्टोर किया जा सकता है.
क्विक प्रोसेस के जरिए पनीर बनाया जाता है इसलिए इसे बहुत ज्यादा दिनों तक स्टोर नहीं रखा जा सकता. दूध को फाड़कर बनाया गया पनीर जितनी जल्दी बनता है उतनी ही जल्दी खराब भी होता है.
पनीर और चीज़ दोनों की कीमत में बहुत ज्यादा अंतर होता है क्योंकि पनीर महंगा तो होता है लेकिन चीज़ जितना नहीं.. क्योंकि चीज़ में कुछ ऐसी वैराइटीज भी आती हैं जो हजारों रुपए में बिकती है लेकिन चीज़ को 6 महीने तक प्रिजर्व करना आसान है जबकि पनीर के साथ ऐसा नहीं है.
इसके अलावा चीज़ जितना ज्यादा बासी होता है. उसका टेक्सचर उतना ही रिच हो जाता है. लेकिन पनीर को लोग फ्रेश लेना ही पसंद करते हैं. उम्मीद है अब आप की चीज़ और पनीर को लेकर कंफ्यूजन दूर हो गई होगी.. भले ही दोनों प्रोडक्ट दूध से बनते हैं लेकिन दोनों के बीच अंतर को अब आप समझ चुके होंगे
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