Delhi is Winning the Battle Against Coronavirus Since June 1: बीते महीनों में देश की राजधानी दिल्ली में कोरोना संक्रमितों की संख्या में काफी ज्यादा बढ़ोत्तरी देखी गई थी। इसके साथ ही साथ दिल्ली सरकार की भी कोरोना संक्रमितों के लिए उचित व्यवस्था ना किए जाने की वजह से काफी आलोचना हो रही थी। जानकारी हो कि, जून की शुरुआत में जब राष्ट्रीय राजधानी में COVID-19 के मामलों की कुल संख्या जुलाई के अंत तक 5.5 लाख होने की भविष्यवाणी की गई थी, उस समय दिल्ली सरकार की तैयारी इससे लड़ने के लिए पूरी नहीं थी । लेकिन अब इस महीने के अंत में सिर्फ दस दिनों के भीतर, दिल्ली सरकार ने राहत की सांस ली है क्योंकि पिछले महीने की तुलना में COVID-19 संक्रमितों की संख्या में काफी गिरावट आई है। इंडिया टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार दिल्ली में कोरोना संक्रमितों की संख्या में धीरे-धीरे ही सही लेकिन कमी आ रही है, जो की दिल्ली वासियों के लिए एक अच्छी खबर है।
आपको बता दें कि, धीरे-धीरे दिल्ली के हालात सुधर रहे हैं, इस बीच दिल्ली के नागरिकों के लिए पिछले 24 घंटों में सबसे अच्छी खबर यह है कि, 1 जून के बाद पहली बार, दैनिक संक्रमण की संख्या 1000 से नीचे गिर गई। गौरतलब है कि, सोमवार को दिल्ली में सिर्फ 954 नए कोविड -19 के मामले देखे गए। जानकारी हो कि, इससे पहले राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में 1 जून को 990 कोरोना संक्रमितों के नए मामले दर्ज किए गए थे। वास्तव में, दैनिक COVID-19 संक्रमणों की संख्या पिछले कुछ समय से दिल्ली में गिर रही है, और पिछले दो हफ्तों में हर दिन दो हज़ार से कम मामले आए हैं। बीते मंगलवार सुबह तक, दिल्ली में सक्रिय मामलों की संख्या 15,166 थी, जिनमें से 5833 अस्पताल में हैं और शेष 8379 घर में हैं। दिल्ली में कुल कोरोना वायरस संक्रमितों की संख्या अब 104918 है, जबकि मरने वालों की संख्या अब तक 3663 है।
बता दें कि, कोरोना संक्रमण की संख्या में गिरावट निश्चित रूप से स्वागत योग्य खबर है, लेकिन यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि, समान समय अवधि में किए गए परीक्षणों की संख्या लगभग 11470 के दैनिक औसत के मुकाबले 2000 थी। जैसे-जैसे संख्या धीमी हो रही है, विशेषज्ञों का मानना है कि राष्ट्रीय राजधानी शिखर पर पहुंच गई है, लेकिन किसी भी तरह की सुरक्षा को कम करने के प्रति आगाह किया गया है। इस संबंध में एम्स के निदेशक रणदीप गुलेरिया ने कहा कि, “दिल्ली कोरोना के मामले में शिखर पर पहुंच गई है, इसलिए किसी भी तरह की ढिलाई खतरनाक साबित हो सकती है”। इस बारे में उन्होनें कहा है कि, “ मुझे ऐसा लगता है कि कुछ क्षेत्रों में कोरोना अपने चरम पर पहुंच गया है। ऐसा लगता है कि दिल्ली ने ध्यान दिया है इसलिए यहाँ कोरोना के मामलों में काफी गिरावट आई है। लेकिन कुछ क्षेत्रों में इस वायरस का चरम पर पहुंचना अभी बाकी है। कुछ राज्यों में मामले बढ़ रहे हैं, वे बाद में चरम पर पहुंच सकते हैं।” उन्होंने आगे कहा कि “राष्ट्रीय स्तर पर सामुदायिक प्रसार के बहुत अधिक प्रमाण नहीं हैं।
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लेकिन कुछ क्षेत्रों में इस वायरस का चरम पर पहुंचना अभी बाकी है। कुछ राज्यों में मामले बढ़ रहे हैं, वे बाद में चरम पर पहुंच सकते हैं।” उन्होंने आगे कहा कि “राष्ट्रीय स्तर पर सामुदायिक प्रसार के बहुत अधिक प्रमाण नहीं हैं।”
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