Labour day History: आज एक मई को पूरा देश मजदूर दिवस के रूप में मनाता है। केवल भारत में ही नहीं बल्कि अन्य देशों में भी आज के दिन को लेबर डे के रूप में मनाया जाता है। इस दिन को विभिन्न नामों से भी जाना जाता है। जैसे मई डे, मजदूर दिवस, लेबर डे आदि, देश और दुनिया के अनेकों कामों में मजदूरों के सहयोग को इस दिन खासतौर से सराहा जाता है। मजदूर दिवस के अवसर पर भारत सहित दुनिया के कई देशों में छुट्टी होती है, लेकिन इस साल लॉकडाउन की वजह से ना तो इस अवसर पर कोई ख़ास आयोजन हो पायेगा और छुट्टियां तो एक तरह से चल ही रही है। अब मजदूर दिवस मनाया जाता है इसकी जानकारी तो सबों को है लेकिन इस दिन को इतनी अहमियत क्यों दी जाती है इस बारे में बहुत से लोग नहीं जानते। यहाँ हम आपको विशेष रूप से उन खास बातों के बारे में बताने जा रहे हैं जिस कारण से मजदूर दिवस मनाया जाता है।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि, सबसे पहले मजदूर दिवस की शुरुआत 1 मई 1886 को अमेरिका में हुई थी। वहां के मजदूरों ने अपने हक़ के लिए इसी दिन पहली बार आंदोलन किया और आवाज उठाई थी। गौरतलब है कि, अमेरिका में हुए इस आंदोलन का ख़ास प्रभाव हर देश पर पड़ा और कभी एक दिन में 15 से 16 घंटे काम करने वाले मजदूरों को एक दिन में सिर्फ 8 घंटे काम करने का अधिकार प्राप्त हुआ। हालाँकि मजदूर आंदोलन इतना भी आसान नहीं था। मजदूरों को अपने हक़ के लिए पुलिस की गोलियां और डंडे भी खानी पड़ी। लेकिन इस आंदोलन का प्रभाव इतना गहरा हुआ कि, 1889 में इंटरनेशनल समाजवादी सम्मलेन में ये फैसला लिया गया कि, हर साल 1 मई को इंटरनेशनल मजदूर दिवस के रूप में मनाया जाएगा। उसी दिन के फैसले का ये असर है कि, सभी प्राइवेट और सरकारी ऑफिसों में केवल आठ घंटे की शिफ्ट ही की जाती है। गौरतलब है कि, भारत में मजदूर दिवस की शुरुआत 1 मई 1923 से ही हो गई थी। इसकी शुरुआत किसान पार्टी ऑफ़ इंडिया ने मद्रास में किया था।
भारत में आज एक मई के दिन को विशेष रूप से महाराष्ट्र और गुजरात के स्थापना दिवस के रूप में भी मनाया जाता है। इस दिन को इन दोनों ही राज्यों में बेहद धूम धाम से मनाया जाता है। लेकिन इस बार चूँकि इन दिनों लॉकडाउन चल रहा है इसलिए सादगी के साथ ही इस दिन को मनाया जा रहा है। आपको बता दें कि, भारत की आजादी से पहले तक मुंबई और गुजरात एक ही थे, लेकिन बाद में इन दोनों राज्यों को अलग किया गया और एक ही दिन दोनों राज्य अपना स्थापना दिवस भी मनाते हैं। इसके साथ ही आज के दिन मजदूरों को उनके हक़ समझाने के लिए कई देशों में रेडियो और टेलीविज़न पर उनके हक़ से संबंधित कार्यक्रम का आयोजन भी किया जाता है।
Facts About Chandratal Lake In Hindi: भारत में हज़ारों की संख्या में घूमने की जगहें…
Blood Sugar Control Kaise Kare: आज की भागदौड़ भरी ज़िंदगी में कई बीमारियों को समाज…
Gond Katira Khane Ke Fayde: आयुर्वेद विज्ञान से भी हज़ारों साल पुराना है। प्राचीन ग्रंथों…
Diljit Dosanjh Concert Scam: भारतीय गायक दिलजीत दोसांझ किसी परिचय के मोहताज नहीं है। वे…
Vayu Kon Dosha Kya Hota Hai: पौराणिक मान्यताओं व ज्योतिष शास्त्र के अनुसार ऐसा माना…
Parsi Death Ceremony in Hindi: दुनिया तेजी से बदल रही है और इसी क्रम में…