देश की राजधानी दिल्ली में इन दिनों कोरोना वायरस से लड़ने की जद्दोजहद काफी तेजी से चल रही है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और केंद्र सरकार, दोनों मिलकर देश और देश की राजधानी दोनों को इस वायरस से सुरक्षित रखने के विभिन्न प्रयासों में जुटी है। एक तरफ जहाँ लोगों को सुरक्षित रखने के लिए 21 दिनों तक पूरे देश को लॉकडाउन करने का फैसला लिया गया है,
वहीं दूसरी तरफ अचानक से देश में बढ़े कोरोना वायरस के मरीजों की संख्या बढ़ने से सरकार की नींद उड़ गई है। दिल्ली के निजामुद्दीन (Nizamuddin Maulana) में तबलीगी जमात के लोगों के इक्कठा होने से कोरोना पीड़ितों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है। आइये आपको बताते हैं आखिर क्या है ये पूरा मामला।
तबलीगी जमात का कोरोना वायरस से क्या संबंध है इस बारे में आप जरूर सोच रहे होंगे। सबसे पहले आपको बता देते हैं कि, आखिर तबलीगी जमात के मरकज है क्या, बता दें कि, बीते कुछ समय पहले दिल्ली के निजामुद्दीन दरगाह में तबलीगी जमात के मरकज नाम से एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। बता दें कि, इस कार्यक्रम में करीबन दो हज़ार लोगों के शामिल होने की बात कही जा रही है। बहुत बड़े स्तर पर आयोजित इस कार्यक्रम में जम्मू कश्मीर से लेकर तेलंगाना तक के लोग शामिल हुए थे।
बीते दिनों तेलंगाना में कोरोना वायरस से जिन छह लोगों की मौत हुई है, वो इस कार्यक्रम के हिस्सा थे। तबलीगी जमात मरकज़ तीन अलग-अलग शब्द है, तबलीगी का अर्थ है अल्लाह के संदेशों का प्रचार करने वाला, जमात का अर्थ है समूह और मरकज मतलब कोई ऐसी जगह जहाँ सब लोग इक्कठा होते हैं।
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बता दें कि, इतने बड़े स्तर पर लोगों के शामिल होने के बाद और तेलंगाना में छह लोगों की मौत के बाद प्रशासन हलचल में आई है। इस घटना के बाद लॉकडाउन की स्थिति में भी इतनी बड़ी संख्या में लोगों को इक्कठा करने के लिए निजामुद्दीन दरगाह के मौलवी के खिलाफ FIR दर्ज की गई है। इसके साथ ही साथ दरगाह और उसके आस पास के क्षेत्रों को भी सैनिटाइज़ करने का काम जोरों से चल रहा है। इस संबंध में विश्व स्वास्थ्य संगठन भारत की टीम ने मामले की गंभीरता को समझते हुए करीबन 200 लोगों के कोरोना से संक्रमित होने की आशंका जताई है।
इस बीच सुरक्षा की स्थिति को देखते हुए बड़ा सवाल दिल्ली सरकार पर उठाये जा रहे हैं कि, आखिर इतनी सुरक्षा व्यवस्था होने के वाबजूद भी इतनी भारी संख्या में लोग इक्कठा कैसे हो गए। सूत्रों की माने तो इस कार्यक्रम में कुछ विदेशी नागरिकों के साथ ही अंडमान निकोबार के नागरिक भी शामिल थे।
बता दें कि, दिल्ली में एक 64 साल के शख़्स की मौत के बाद दिल्ली सरकार हलचल में में आई है। इस घटना के बाद दरगाह तरह से खाली करवाया गया है और उन सभी लोगों की खोज की जा रही है जो इस कार्यक्रम में शामिल थे। जानकारी हो कि, तबलीगी जमात के मरकज में करीबन 15 देशों के लोग शामिल थे।
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