Shaligram stones brought from Nepal reached Ayodhya: दो शालिग्राम पत्थर, जो अयोध्या में श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट को समर्पित होंगे, भगवान श्रीराम की भूमि अयोध्या में पहुंच गए हैं। ये शालिग्राम पत्थर बुधवार देर रात उत्तर प्रदेश के अयोध्या पहुंचीं। ये पत्थर 6 करोड़ साल पुराने हैं। एक पत्थर का वजन 26 टन और दूसरे का वजन 14 टन है। इन पत्थरों को भगवान राम की मूर्ति को तराश कर राम मंदिर के गर्भगृह में रखा जाएगा। जानकारी के अनुसार आज पवित्र नगरी अयोध्या के संत देव शिलाओं का अभिनंदन व लोकार्पण करेंगे। अधिकारियों ने बताया कि इस पत्थर से तराशे गए भगवान राम की उनके बच्चे के रूप में मूर्ति को राम मंदिर के गर्भगृह में रखा जाएगा, जिसके अगले साल जनवरी में मकर संक्रांति त्योहार तक तैयार होने की उम्मीद है।
उन्होंने कहा कि दो चट्टानें नेपाल के मुस्तांग जिले में सालिग्राम या मुक्तिनाथ (मोक्ष का स्थान) के पास गंडकी नदी में मिली हैं। इस बीच, शनिवार को अयोध्या में राम मंदिर की भवन निर्माण समिति की दो दिवसीय बैठक शुरू हुई। बैठक की अध्यक्षता निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा ने की और ट्रस्ट के सचिव चंपत राय व ट्रस्टी अनिल मिश्रा ने भाग लिया। सूत्रों के मुताबिक, मंदिर निर्माण की प्रगति की समीक्षा की गई और भगवान की नई मूर्ति की स्थापना और नक्काशी पर चर्चा की गई। इन पत्थरों के साथ नेपाल के पूर्व डिप्टी पीएम बिमलेंद्र भी भारत आ रहे हैं।
शालिग्राम पत्थरों को विष्णु का अवतार माना जाता है। हिंदू भगवान शालिग्राम की पूजा करते हैं। शालिग्राम नाम के पत्थर विशेष रूप से नेपाल की गंडकी नदी में पाए जाते हैं। हिमालय का तेज बहता पानी पत्थरों को छोटे-छोटे टुकड़ों में तोड़ देता है। विशेषज्ञों की माने तो ये पत्थर जीवाश्म हैं जो 33 अलग-अलग तरह के हैं।
इन पत्थरों का उपयोग देश भर में मूर्तियाँ बनाने के लिए किया जाता है। धार्मिक पौराणिक कथाओं के अनुसार, इन पत्थरों को भगवान विष्णु के अवतार के रूप में पूजा जाता है। ऐसा माना जाता है कि जहां भी इन पत्थरों की पूजा की जाती है, वहां देवी लक्ष्मी की कृपा होती है।
बताया जा रहा है कि 2024 मकर संक्रांति से पहले भगवान राम की प्रतिमा बनकर तैयार हो जाएगी। शालिग्राम पत्थरों के साथ जो खास बात है वह यह है कि उनके प्राण प्रतिष्ठा (प्राण प्रतिष्ठा) के लिए धार्मिक अनुष्ठानों की कोई आवश्यकता नहीं है और इसे तुरंत रखा जा सकता है और पूजा की जा सकती है।
उसी शालिग्राम पत्थर की शिलाओं से भगवान राम की प्रतिमा के साथ सीता की प्रतिमा भी तराशी जाएगी। राम मंदिर के अंतिम निर्माण के बाद मंदिर के गर्भगृह (गर्भगृह) में दो दो प्रतिमाएं स्थापित की जाएंगी।
Benefits Of Ice On Face In Hindi: चेहरे को सुंदर बनाने के लिए लोग तरह-तरह…
Spring Roll Sheets Recipe in Hindi: स्प्रिंग रोल हर एक आयु वर्ग के लोगों के…
Shri Ram Raksha Strot Padhne Ke Fayde: सनातन धर्म में सभी देवी देवताओं की पूजा…
Benefits of Roasted Chana with Jaggery In Hindi: शरीर को स्वस्थ्य बनाए रखने के लिए…
Benefits of Papaya Milk for Skin In Hindi: त्वचा के लिए पपीता फायदेमंद होता है…
Famous Shakti Peeth in Haryana: इस समय पूरे देश भर मे चैत्र नवरात्रि के त्यौहार…