Super Pink Moon: साल 2020 की शुरुआत बहुत से मायनों में खराब रही है। पहले ऑस्ट्रेलिया में लगी भीषण आग और अब पूरी दुनिया जानलेवा कोरोना वायरस के प्रभाव से ग्रसित है। इस वायरस ने अब तक करीबन 75 हज़ार से ज्यादा लोगों की जान ले ली है। लेकिन इस बीच लोगों के लिए आज का दिन अच्छा बीत सकता है। आज आपको आसमान में गुलाबी रंग का सुपरमून नजर आएगा। ऐसा विलक्षण दृश्य कई सालों में एक बार देखने को मिलता है। आइये आपको बताते हैं क्या होता है सुपरमून और इसे आप कैसे देख सकते हैं।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि, जिस दिन और जिस समय चाँद धरती के सबसे करीब होता है उस दिन को सुपरमून कहा जाता है। मालूम हो कि, सुपरमून सबसे पहले साल 1979 में देखा गया था। जिस दिन आसमान में चाँद सबसे ज्यादा चमकीला और आकार में बड़ा दिखाई देता उसे सुपरमून कहते हैं। ऐसे चाँद को सुपरमून नाम मशहूर एस्ट्रोलॉजर रिचर्ड नॉले ने दिया था। अब आपके मन में ये सवाल जरूर उठ रहा होगा कि, आखिर आज के दिन दिखाई देने वाले चाँद को गुलाबी चाँद क्यों कहा गया है। असल में अमेरिका में इस मौसम में सुर्ख गुलाबी रंग का एक फूल होता है जिसे फ्लोक्स सुबुलता कहते हैं। इस मौसम में दिखाई देना वाला सुपरमून भी हल्का गुलाबी रंग का होता है इसलिए इसे पिंक सुपरमून नाम दिया गया है।
आपको बता दें कि, पिंक सुपरमून की झलक भारत में भी लोगों को देखने को मिल सकती है। आज की रात चंद्रमा धरती से 3 लाख 56 हज़ार 500 किलोमीटर की दूरी पर होगा। भारत में आज 7 अप्रैल की रात 11 बजकर 38 मिनट पर लोग इस खगोलीय घटना को देख सकते हैं। भारत के लोग इस नज़ारे को 8 अप्रैल की सुबह सूर्योदय से पहले तक देख सकते हैं। यदि आप साफ तौर पर इसे देखना चाहते हैं तो आपको टेलीस्कोप का उपयोग करना होगा। पिंक सुपरमून सूर्योदय के बाद भी सुबह आठ बजे तक रहेगा लेकिन सूरज निकलने के बाद इसे नंगी आँखों से देख पाना संभव नहीं होगा।
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