NASA Launch Schedule: कोरोना वायरस के संकट के बीच अमेरिका एक नया इतिहास रचने जा रहा है। जी हां, महज 48 घंटे में अमेरिका के नाम एक और उपलब्धि दर्ज हो जाएगी, जिसके गवाह खुद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप बनेंगे। दरअसल, अमेरिका अंतरिक्ष विज्ञान की दुनिया में एक नया कदम रखने वाला है, जिससे उसका इतिहास बदल जाएगा। बता दें कि 48 घंटे बाद अमेरिका मानव मिशन की तैयारी करने वाला है, जिससे उसकी हिस्ट्री बदल जाएगी।
अमेरिका समय समय पर अंतरिक्ष में कोई न कोई खोज करता ही रहता है। ऐसे में, अमेरिका से मानव मिशन 27 मई को अंतरिक्ष जाएगा, जो कि 21 जुलाई, 2011 के बाद पहली बार होगा। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा अपने स्पेस सेंटर से एस्ट्रोनॉट्स को अमेरिकी रॉकेट में बिठाकर इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन भेजेगी, जिसकी वजह से वैज्ञानिकों में अलग ही उत्साह देखने को मिल रहा है।
27 मई 2020 की शाम 4 बजकर 33 मिनट पर नासा दो अमेरिकी अंतरिक्ष यात्रियों को अमेरिका की धरती से रॉकेट में बिठाकर इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन भेजेगी, जिसके लिए पूरी तैयारियां भी कर ली गई है। बता दें कि स्पेस स्टेशन जाने वाले अमेरिकी एस्ट्रोनॉट्स का नाम है- रॉबर्ट बेनकेन और डगलस हर्ले। ऐसे में, अमेरिका के इस बड़े कदम पर पूरी दुनिया के वैज्ञानिकों की नजर है।
मिली जानकारी के मुताबिक, स्पेस-एक्स के ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट को अमेरिका के सबसे भरोसेमंद रॉकेट फॉल्कन-9 के ऊपर लगाकर फ्लोरिडा के लॉन्च कॉम्प्लेक्स 39ए से लॉन्च किया जाएगा, ताकि मिशन फेल होने की कोई गुंजाइश न हो। बताते चलें कि इस मिशन का नाम डेमो-2 रखा गया है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि डेमो-1 मिशन में ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट से ISS पर सफलतापूर्वक पहुंचाया गया था, जिसकी वजह से लोगों में गजब का उत्साह है।
बताया जा रहा है कि ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट के कमांडर होंगे डगलस हर्ले, जो कि लॉन्च, लैंडिंग और रिकवरी का जिम्मा लेंगे। इसके अलावा, रॉबर्ट बेनकेन इस मिशन में स्पेसक्राफ्ट की डॉकिंग, अनडॉकिंग और उसके रास्ते का निर्धारण करेंगे। याद दिला दें कि दोनों ही पहले स्पेसवॉक कर चुके हैं, वो भी दो बार, ऐसे में उनके अनुभव पर नासा ने एक बार फिर से भरोसा किया है।
खबरों की माने तो ये दोनों एस्ट्रोनॉट्स 110 दिनों तक स्पेस स्टेशन पर रहेंगे, जिसके बाद इनकी धरती पर वापसी होगी। बता दें कि स्पेस-एक्स ड्रैगन कैप्सूल एक बार में करीब 210 दिनों तक स्पेस में रह सकता है, जिसके बाद उसे रिपयरिंग के लिए धरती पर वापस आना पड़ता है।l
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